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Friday 17 April 2015

Why Hindi is called a scientific language– क्या हिंदी वैज्ञानिक भाषा है।

हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है
और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है
उसके पीछे कुछ कारण है ,
अंग्रेजी भाषा में ये
बात देखने में नहीं आती |
______________________
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय
ध्वनि
कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |

च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय जीभ
तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |

ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के
मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये |

त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय
जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |

प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के
मिलने
पर ही होता है। एक बार बोल
कर देखिये ।

________________________

हम अपनी भाषा पर गर्व
करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को
इसका कारण भी बताईये |
इतनी वैज्ञानिकता
दुनिया की किसी भाषा मे
नही है
जय हिन्द
क,ख,ग क्या कहता है जरा गौर करें....
••••••••••••••••••••••••••••••••••••
क - क्लेश मत करो
ख- खराब मत करो
ग- गर्व ना करो
घ- घमण्ड मत करो
च- चिँता मत करो
छ- छल-कपट मत करो
ज- जवाबदारी निभाओ
झ- झूठ मत बोलो
ट- टिप्पणी मत करो
ठ- ठगो मत
ड- डरपोक मत बनो
ढ- ढोंग ना करो
त- तैश मे मत रहो
थ- थको मत
द- दिलदार बनो
ध- धोखा मत करो
न- नम्र बनो
प- पाप मत करो
फ- फालतू काम मत करो
ब- बिगाङ मत करो
भ- भावुक बनो
म- मधुर बनो
य- यशश्वी बनो
र- रोओ मत
ल- लोभ मत करो
व- वैर मत करो
श- शत्रुता मत करो
ष- षटकोण की तरह स्थिर रहो
स- सच बोलो
ह- हँसमुख रहो
क्ष- क्षमा करो
त्र- त्रास मत करो
ज्ञ- ज्ञानी बनो !!

ये रेलगाडी नहीं हमारी ज़िन्दगी है 

भारतीय रेल की जनरल बोगी
पता नहीं आपने भोगी कि नहीं भोगी
एक बार हम भी कर रहे थे यात्रा
प्लेटफार्म पर देखकर सवारियों की मात्रा
हमारे पसीने छूटने लगे
हम झोला उठाकर घर की ओर फूटने लगे
तभी एक कुली आया
मुस्कुरा कर बोला - 'अन्दर जाओगे ?'
हमने कहा - 'तुम पहुँचाओगे !'
वो बोला - बड़े-बड़े पार्सल पहुँचाए हैं आपको भी पहुँचा दूंगा
मगर रुपये पूरे पचास लूँगा.
हमने कहा - पचास रुपैया ?
वो बोला - हाँ भैया
दो रुपये आपके बाकी सामान के
हमने कहा - सामान नहीं है, अकेले हम हैं
वो बोला - बाबूजी, आप किस सामान से कम हैं !
भीड़ देख रहे हैं, कंधे पर उठाना पड़ेगा,
धक्का देकर अन्दर पहुँचाना पड़ेगा
वैसे तो हमारे लिए बाएँ हाथ का खेल है
मगर आपके लिए दाँया हाथ भी लगाना पड़ेगा
मंजूर हो तो बताओ
हमने कहा - देखा जायेगा, तुम उठाओ
कुली ने बजरंगबली का नारा लगाया
और पूरी ताकत लगाकर हमें जैसे ही उठाया
कि खुद बैठ गया
दूसरी बार कोशिश की तो लेट गया
बोला - बाबूजी पचास रुपये तो कम हैं
हमें क्या मालूम था कि आप आदमी नहीं, बम हैं
भगवान ही आपको उठा सकता है
हम क्या खाकर उठाएंगे
आपको उठाते-उठाते खुद दुनिया से उठ जायेंगे !

तभी गाड़ी ने सीटी दे दी
हम झोला उठाकर भाये
बड़ी मुश्किल से डिब्बे के अन्दर घुस पाए
डिब्बे के अन्दर का दृश्य घमासान था
पूरा डिब्बा अपने आप में हल्दी घाटी का मैदान था
लोग लेटे थे, बैठे थे, खड़े थे
जिनको कहीं जगह नहीं मिली, वो बर्थ के नीचे पड़े थे|

हमने गंजे यात्री से कहा - भाई साहब
थोडी सी जगह हमारे लिए भी बनाइये
वो सिर झुका के बोला - आइये हमारी खोपड़ी पे बैठ जाइये
आप ही के लिए साफ़ की है|
केवल दो रूपए देना, लेकिन फिसल जाओ तो हमसे मत कहना|

तभी एक भरा हुआ बोरा खिड़की के रास्ते चढ़ा 
आगे बढा और गंजे के सिर पर गिर पड़ा
गंजा चिल्लाया - किसका बोरा है ?
बोरा फौरन खडा हो गया
और उसमें से एक लड़का निकल कर बोला
बोरा नहीं है बोरे के भीतर बारह साल का छोरा है
अन्दर आने का यही एक तरीका है
हमने आपने माँ-बाप से सीखा है
आप तो एक बोरे में ही घबरा रहे हैं
जरा ठहर तो जाओ अभी गददे में लिपट कर
हमारे बाप जी अन्दर आ रहे हैं
उनको आप कैसे समझायेंगे
हम तो खड़े भी हैं वो तो आपकी गोद में ही लेट जाएँगे|

एक अखंड सोऊ चादर ओढ़ कर सो रहा था 
एकदम कुम्भकरण का बाप हो रहा था 
हमने जैसे ही उसे हिलाया 
उसकी बगल वाला चिल्लाया - 
ख़बरदार हाथ मत लगाना वरना पछताओगे 
हत्या के जुर्म मैं अन्दर हो जाओगे 
हमने पुछा- भाई साहब क्या लफड़ा है ? 
वो बोला - बेचारा आठ घंटे से एक टाँग पर खड़ा 
और खड़े खड़े इस हालत मैं पहुँच गया कि अब पड़ा है 
आपके हाथ लगते ही ऊपर पहुँच जायेगा 
इस भीड़ में ज़मानत करने क्या तुम्हारा बाप आयेगा ?

एक नौजवान खिड़की से अन्दर आने लगा
तो पूरे डिब्बा मिल कर उसे बाहर धकियाने लगा
नौजवान बोला - भाइयों, भाइयों
सिर्फ खड़े रहने की जगह चाहिए
एक अन्दर वाला बोला - क्या ?
खड़े रहने की जगह चाहिए तो प्लेटफोर्म पर खड़े हो जाइये
जिंदगी भर खड़े रहिये कोई हटाये तो कहिये
जिसे देखो घुसा चला आ रहा है
रेल का डिब्बा साला जेल हुआ जा रहा है !
इतना सुनते ही एक अपराधी चिल्लाया -
रेल को जेल मत कहो मेरी आत्मा रोती है
यार जेल के अन्दर कम से कम
चलने-फिरने की जगह तो होती है !

एक सज्जन फर्श पर बैठे हुए थे आँखें मूँदे 
उनके सर पर अचानक गिरीं पानी की गरम-गरम बूँदें 
तो वे सर उठा कर चिल्लाये - कौन है, कौन है 
साला पानी गिरा कर मौन है 
दिखता नहीं नीचे तुम्हारा बाप बैठा है ! 
क्षमा करना बड़े भाई पानी नहीं है 
हमारा छः महीने का बच्चा लेटा है कृपया माफ़ कर दीजिये 
और अपना मुँह भी नीचे कर लीजिये 
वरना बच्चे का क्या भरोसा ! 
क्या मालूम अगली बार उसने आपको क्या परोसा !!

अचानक डिब्बे में बड़ी जोर का हल्ला हुआ 
एक सज्जन दहाड़ मार कर चिल्लाये - 
पकड़ो-पकड़ो जाने न पाए 
हमने पुछा क्या हुआ, क्या हुआ ? 
वे बोले - हाय-हाय, मेरा बटुआ किसी ने भीड़ में मार दिया 
पूरे तीन सौ रुपये से उतार दिया टिकट भी उसी में था ! 
कोई बोला - रहने दो यार भूमिका मत बनाओ 
टिकट न लिया हो तो हाथ मिलाओ 
हमने भी नहीं लिया है गर आप इस तरह चिल्लायेंगे 
तो आपके साथ क्या हम नहीं पकड़ लिए जायेंगे?
वे सज्जन रोकर बोले - नहीं भाई साहब 
मैं झूठ नहीं बोलता मैं एक टीचर हूँ
कोई बोला - तभी तो झूठ है टीचर के पास और बटुआ ? 
इससे अच्छा मजाक इतिहास मैं आज तक नहीं हुआ !
टीचर बोला - कैसा इतिहास मेरा विषय तो भूगोल है 
तभी एक विद्यार्थी चिल्लाया - बेटा इसलिए तुम्हारा बटुआ गोल है !

बाहर से आवाज आई - 'गरम समोसे वाला' 
अन्दर से फ़ौरन बोले एक लाला - दो हमको भी देना भाई 
सुनते ही ललाइन ने डाँट लगायी - बड़े चटोरे हो ! 
क्या पाँच साल के छोरे हो ? 
इतनी गर्मी मैं खाओगे ? 
फिर पानी को तो नहीं चिल्लाओगे ? 
अभी मुँह में आ रहा है समोसे खाते ही आँखों में आ जायेगा 
इस भीड़ में पानी क्या रेल मंत्री दे जायेगा ?

तभी डिब्बे में हुआ हल्का उजाला 
किसी ने जुमला उछाला ये किसने बीड़ी जलाई है ? 
कोई बोला - बीड़ी नहीं है स्वागत करो 
डिब्बे में पहली बार बिजली आई है 
दूसरा बोला - पंखे कहाँ हैं ? 
उत्तर मिला - जहाँ नहीं होने चाहिए वहाँ हैं 
पंखों पर आपको क्या आपत्ति है ? 
जानते नहीं रेल हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है 
कोई राष्ट्रीय चोर हमें घिस्सा दे गया है 
संपत्ति में से अपना हिस्सा ले गया है 
आपको लेना हो आप भी ले जाओ 
मगर जेब में जो बल्ब रख लिए हैं 
उनमें से एकाध तो हमको दे जाओ !

अचानक डिब्बे में एक विस्फोट हुआ 
हलाकि यह बम नहीं था 
मगर किसी बम से कम भी नहीं था 
यह हमारा पेट था उसका हमारे लिए संकेत था 
कि जाओ बहुत भारी हो रहे हो हलके हो जाओ 
हमने सोचा डिब्बे की भीड़ को देखते हुए 
बाथरूम कम से कम दो किलोमीटर दूर है 
ऐसे में कुछ हो जाये तो किसी का क्या कसूर है 
इसिलए रिस्क नहीं लेना चाहिए 
अपना पडोसी उठे उससे पहले अपने को चल देना चाहिए 
सो हमने भीड़ में रेंगना शुरू किया 
पूरे दो घंटे में पहुँच पाए 
बाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो भीतर से एक सिर बाहर आया 
बोला - क्या चाहिए ? 
हमने कहा - बाहर तो आजा भैये हमें जाना है 
वो बोला - किस किस को निकालोगे ? अन्दर बारह खड़े हैं 
हमने कहा - भाई साहब हम बहुत मुश्किल में पड़े हैं 
मामला बिगड़ गया तो बंदा कहाँ जायेगा ? 
वो बला - क्यूँ आपके कंधे 
पे जो झोला टँगा है 
वो किस दिन काम में आयेगा ... 
इतने में लाइट चली गयी 
बाथरूम वाला वापस अन्दर जा चुका था 
हमारा झोला कंधे से गायब हो चुका था 
कोई अँधेरे का लाभ उठाकर अपने काम में ला चुका था |

अचानक गाड़ी बड़ी जोर से हिली 
एक यात्री ख़ुशी के मारे चिल्लाया - 'अरे चली, चली' 
कोई बोला - जय बजरंग बली, कोई बोला - या अली 
हमने कहा - काहे के अली और काहे के बली ! 
गाड़ी तो बगल वाली जा रही है 
और तुमको अपनी चलती नजर आ रही है ? 
प्यारे ! सब नज़र का धोखा है 
दरअसल ये रेलगाडी नहीं हमारी ज़िन्दगी है ।

Great mom

When you say, "Mom, 4 dosas will be enough for me.", she will bring you 5..

⏰⏰⏰When you're out, she will call you once in an hour.⏰⏰⏰

When there are 3 apples and your family has 4 members, mom will say, "I don't like apples".

When you go to sleep with no blankets, you will definitely wake up with one.

When you're going away to another city or country, she will pack you a bunch of snacks specially made for you.
Then she will tell you, "Don't give all snacks to your friends. Eat it yourself."

⌛⌛When coming back home after a long day, the first thing your mom would say, "Come and have dinner"⏰⏰⏰

⏰⏰Gonna study at midnight? Don't worry. Mom will make you tea, coffee or whatever snack you want and she will never complain about losing her sleep

Conclusion:

At times, you may not like her.
You may get irritated by her.
You may even abandon her.

✨But a mom will always be a mom. And you will always be her child✨

She will never stop loving you..

No one in this world can take a mom's place...not even God.

❤❤❤Dedicated to all the lovely moms on earth and in heaven❤❤❤...

Wednesday 15 April 2015

मै क्या क्या भूल गया...

मै क्या क्या भूल गया....!!!!

घर में टीवी आया
मैं पढना ही भूल गया....!

घर में गाडी क्या आयी
मै चलना ही भूल गया....!

हाथ में मोबाइल आया
मैं पत्र लिखना ही भूल गया..!

केलक्युलेटर के उपयोग से
मैं पहाडे याद करना भूल गया..!

एयर कंडीशनर के संग में✳️
मै वृक्ष की ठंडक भूल गया..!

शहर मे.. रहने से
मिट्टी की सुगंघ ही भूल गया !

विभत्स दृश्यों से♨️
सुंदरता ही भूल गया....!

कुत्रिम सेन्ट की गंध में
फूलो की सुगंध को भूला...!

फास्टफूड के जमाने में
तृप्ति की डकार भूला...!!

स्वार्थी संबंघ के जाप से
सच्चा प्रेेम ही भूल गया....!!

क्षणिक सुख के लोभ में
सत्कर्मो से मिलता आनंद भूला...!

अपना ही पेट भर कर
दूसरों का विचार ही भूल गया..!!

सतत दौड की रेस मे...
कुछ देर रुकना भूल गया..!!

जागने का सुख जाने दो..
मैं सुख चैन से साेना ही भूल गया....!!

Monday 13 April 2015

Role of media and indian evacuation mission in Yemen

What exactly is happening in Yemen

Here are a few facts about Operation Rahat, that every Indian should know about :
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1) Saudi Arabia is attacking Yemen, but from the air. Their soldiers are afraid of setting foot on land fearing for their lives.

2). Pakistani Army & Air force form the bulk of Saudi force in Yemen, but Paksitani soldiers are afraid of landing in the cities due to the fear of being killed by Shia Militia.

3) Pakistani Ambassador to Yemen Dr Irfan Yousuf Shami escaped with all his staff, leaving behind hundreds of stranded Pakistani nationals.

4) What made the situation more complex was the fact that the airport and airspace in Yemen, is under the control of Saudi Arabia.

5) PM Modi called up Saudi King Salman for his co-operation in rescuing Indians from Yemen. Since the PM shares a good relationship with the Saudi King, the King assured his complete support. PM Modi requested the Saudi King to stop the air strike for some time and also allow Indian planes to fly out of Yemen, so that Indians could be evacuated from the strife torn country.

6) The Indian national carrier, Air India, carried 488 people through three special flights from Sana’a to India on April 5. A day later, Air India is reported to have evacuated 574 people from Sana’a to Djibouti, described as the single largest evacuation by air in a day. The Indian Airforce had dispatched its C-17s on April 2, and brought back 358 Indians.

7) GOI decided to take sea route to rescue the expatriates stranded in Aden, a port city, after the government’s plans to airlift them did not materialize due to attack on Sana’a airport.

5) Two merchant vessels and two warships — destroyer Mumbai and stealth frigate Tarkash — also left for Yemen, to help ferry other stranded expatriates back home. The government had also pressed into service INS Sumitra to ensure the safety and security of the passengers from pirates.

5) India’s shipping corporation also sent two passenger ships—Kavaratti and Corals— to assist the navy. In all, India sent five ships to Yemen. Small boats were used to transport Indians from Yemen’s port city Aden onto the naval vessels that could not enter the ports due to heavy firing.

6) Eyewitnesses state that, in such a hostile atmosphere, unarmed Gen VK Singh toured the cities & villages in Yemen, collecting Indians & anybody else who asked him for help. He did sit in a car or a Helicopter. He actually got on the ground & walked on the roads, in the streets & commanded the operation.

7) Because of the stunning rescue work done by India, 26 nations reached out for help in evacuating their citizens. Countries like USA, Germany, France were amongst those which sought help.

8) Most aircrafts and ships landed in Mumbai and the southern Indian city of Kochi. The evacuees were then transported to their hometowns by Indian Railways. The railways offered free tickets for their onward journeys. In addition, state governments have offered financial support to many  evacuees.

Its a matter of shame for the nation, that no leading newspaper or media channel finds this historic mission worthy enough to cover frontpages or be on prime time. Its up to social media now, to let truth prevail.

How to Cut off physical contact.

You cannot forget someone if you still see him or her all the time, or constantly hear about his or her activities. Consider these strategies:
Make sure you won't run into this person during your day-to-day activities. If you go grocery shopping at the same time, or take the same route home from work, tweak your schedule slightly so a chance meeting becomes more unlikely.
For right now, avoid social gatherings where you know he or she will be present. Politely explain to the host that you hope the event goes well, and that you are staying away only because you want to avoid a painful encounter.

Contradictions in Dictionary

DICTIONARY ही एक ऐसी जगह है
जिसमें:
1. Death, Life से पहले आती है।
2. End, Start से पहले आता है।
3. Divorce, Marriage से पहले आता है।
4. Child, Parents से पहले आता है।
5. Evening, Morning से पहले आती है।
6. Result, Test से पहले आता है।
7. Destination, Struggle से पहले आता है।
8. Dinner, Lunch से पहले आता है।
9. Doctor, Fever से पहले आता है।
केवल एक चीज़ Dictionary में
सही आती है
और
वह है
'FRIENDS', जो Relatives से पहले
आते हैं।
अगर सही लगे तो शेयर जरूर कीजिये।

Monday 6 April 2015

Salary & Govt. Concessions for a Member of Parliament (MP)- in our democracy

Monthly Salary : 12,000

Expense for Constitution per month : 10,000

Office expenditure per month : 14,000

Traveling concession (Rs. 8 per km) : 48,000 ( eg.For a visit from kerala to Delhi & return: 6000 km)✈️

Daily DA TA during parliament meets : 500/day

Charge for 1 class (A/C) in train: Free (For any number of times) (All over India )

Charge for Business Class in flights : Free for 40 trips / year (With wife or P.A.)✈️✈️✈️

Rent for MP hostel at Delhi : Free

Electricity costs at home : Free up to 50,000 units

Local phone call charge : Free up to 1 ,70,000 calls.1⃣2⃣3⃣4⃣5⃣

TOTAL expense for a MP [having no qualification] per year : 32,00,000 [i.e . 2.66 lakh/month]

TOTAL expense for 5 years : 1,60,00,000

For 534 MPs, the expense for 5 years : 8,54,40,00,000 (nearly 855 crores)

AND THE PRIME MINISTER IS ASKING THE HIGHLY QUALIFIED, OUT PERFORMING PERSONS TO CUT DOWN THEIR SALARIES

This is how all our tax money is been swallowed and price hike on our regular commodities....... And this is the present condition of our country:

855 crores could make their life livable !! Think of the great democracy we have .

चंद्रग्रहण सूतक और सावधानियाँ


अंतरिक्ष प्रदुषण के समय को सूतक काल कहा जाता
है। सूर्यग्रहण में सूतक 12 घंटे
पहले और चंद्रग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले लगता है ।
सूतक काल में भोजन तथा पेय पदार्थों के सेवन की
मनाही की गयी है तथा देव दर्शन वर्जित माने गय हैं

हमारे ऋषि मुनियों ने सूर्य चन्द्र ग्रहण लगने के समय
भोजन करने के लिये मना किया है,
क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के समय में
कीटाणु बहुलता से फैल जाते हैं ।
इसलिये ऋषियों ने पात्रों में क़ुश अथवा तुलसी डालन
को कहा है, ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो
जायें और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके। ग्रहण वेध
के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ
डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते।
पात्रों में अग्नि डालकर उन्हें पवित्र बनाया जाता
है, ताकि कीटाणु मर जायें। जीव विज्ञान विषय के
प्रोफेसर
टारिंस्टन ने पर्याप्त अनुसन्धान करके सिद्ध किया है
कि सूर्य एवं चन्द्र ग्रहण के समय मनुष्य के पेट की
पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिसके कारण इस
समय किया गया भोजन अपच, अजीर्ण आदि
शिकायतें पैदा कर शारीरिक या मानसिक हानि
पहुँचा सकता है ।
*ग्रहण काल में न करने योग्य बातें :-
1. ग्रहण की अवधि में तेल लगाना, भोजन करना, जल
पीना, मल-मूत्र त्याग करना,
सोना, केश विन्यास करना,
रति क्रीडा करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़्ना,
ताला खोलना, वर्जित किए गये हैं ।
2. ग्रहण के समय सोने से रोग पकड़ता है, लघुशंका करने
से घर में दरिद्रता आती है, मल त्यागने से पेट में कृमि
रोग पकड़ता है, स्त्री प्रसंग करने से सूअर की योनि
मिलती है और मालिश या उबटन किया तो व्यक्ति
कुष्ठ
रोगी होता है।
3. देवी भागवत में आता हैः सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण
के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने
खाता है, उतने वर्षों तक अरुतुन्द नामक नरक में वास
करता है। फिर वह उदर रोग से पीड़ित मनुष्य होता है
फिर
गुल्मरोगी, काना और दंतहीन
होता है।
4. सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर पूर्व और चंद्रग्रहण में
तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए (1 प्रहर =
3 घंटे) । बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व खा सकते
हैं ।
5. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके,
लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए
6. 'स्कंद पुराण' के अनुसार ग्रहण के अवसर पर दूसरे का
अन्न खाने से बारह वर्षो का एकत्र किया हुआ सब
पुण्य नष्ट हो जाता है ।
7. ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू
नहीं करना चाहिए।
8. ये शास्त्र् की बातें हैं इसमें
किसी का लिहाज नहीं होता।
*ग्रहण काल में करने योग्य बातें:-
1. ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करके भगवान का पूजन,
यज्ञ, जप करना चाहिए ।
2. भगवान वेदव्यास जी ने परम हितकारी वचन कहे
हैं- चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान,
दान आदि) एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख
गुना फलदायी होता है।
3. ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप
अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती
है।
4. ग्रहण समाप्त हो जाने पर
स्नान करके ब्राम्हण को दान करने का विधान है ।
5. ग्रहण के बाद पुराना पानी,
अन्न नष्ट कर नया भोजन पकाया जाता है, और
ताजा भरकर पीया जाता है।
6. ग्रहण पूरा होने पर सूर्य
या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो,
उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
7. ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की
शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी
वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।
8. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को
अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र् दान देने से अनेक गुना पुण्य
प्राप्त होता है।
**गर्भवती स्त्रियों के लिये विशेष सावधानी –
गर्भवती स्त्री को सूर्य एवं चन्द्रग्रहण नहीं देखना
चाहिए,
क्योकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु अंगहीन होकर
विकलांग बन जाता है ।गर्भपात की संभावना बढ़
जाती है । इसके लिए गर्भवती के उदर भाग में गोबर
और तुलसी का लेप लगा
दिया जाता है, जिससे कि राहू केतू उसका स्पर्श न
करें।
ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को कुछ भी कैंची,
चाकू आदि से काटने को मना किया जाता है, और
किसी वस्त्र आदि को सिलने से
मना किया जाता है ।
क्योंकि ऐसी मान्यता है
कि ऐसा करने से शिशु के अंग या तो कट जाते हैं या
फिर सिल (जुड़) जाते हैं ।

Serious online frauds worldwide


Cheating by experts.

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Sunday 5 April 2015

राजस्थान में शिक्षा प्रणाली


कुछ नन्हीं चींटीयां रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम अपना काम समय पर करती थी.....

वे जरूरत से ज्यादा काम करके भी खूब खुश थी.......
जंगल के राजा शेर नें एक दिन चींटीयों को काम करते हुए देखा, और आश्चर्यचकित हुआ कि चींटीयां बिना किसी निरीक्षण के काम कर रही थी........

उसने सोचा कि अगर चींटीयां बिना किसी सुपरवाईजर के इतना काम,
कर रही थी तो जरूर सुपरवाईजर के साथ वो अधिक काम कर सकती थी.......

उसनें काक्रोच को नियुक्त किया जिसे सुपर्वाईजरी का 10 साल का अनुभव था,

और वो रिपोर्टों का बढ़िया अनुसंधान करता था .....

काक्रोच नें आते ही साथ सुबह आने का टाइम, लंच टाईम और जाने का टाईम निर्धारित किया, और अटेंडेंस रजिस्टर बनाया...

..उसनें अपनी रिपोर्टें टाईप करने के लिये, सेकेट्री भी रखी....

उसनें मकड़ी को नियुक्त किया जो सारे फोनों का जवाब देता था और सारे रिकार्डों को मेनटेन करता था......

शेर को काक्रोच की रिपोर्टें पढ़ कर बड़ी खुशी हुई, उसने काक्रोच से कहा कि वो प्रोडक्शन एनालिसिस करे और, बोर्ड मीटिंग में प्रस्तुत करने के लिये ग्राफ बनाए......

इसलिये काक्रोच को नया कम्प्यूटर और लेजर प्रिंटर खरीदना पड़ा.........

और उसनें आई टी डिपार्टमैंट संभालने के लिए मक्खी को नियुक्त किया........

चींटी जो शांति के साथ पूरा करना चाहती थी इतनी रिपोर्टों को लिखकर और मीटिंगों से परेशान होने लगी.......

शेर ने सोचा कि अब वक्त आ गया है कि जहां चींटी काम करती है वहां डिपार्टमेंट का अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिये....

उसनें झींगुर को नियुक्त किया, झींगुर ने आते ही साथ अपने आॅफिस के लिये कार्पेट और ए.सी. खरीदा.....

नये बाॅस झींगुर को भी कम्प्यूटर की जरूरत पड़ी और उसे चलाने के लिये वो अपनी पिछली कम्पनी में काम कर रही असिस्टंट को भी नई कम्पनी में ले आया.........

चींटीयां जहां काम कर रही थी वो दुःख भरी जगह हो गयी जहां सब एक दूसरे पर आदेश चलाते थे और चिल्लाते रहते थें.....

.झींगुर ने शेर को कुछ समय बाद बताया कि आॅफिस मे टीमवर्क कमजोर हो गया है और माहौल बदलने के लिए कुछ करना चाहिये......

चींटीयों के डिपार्टमेंट की रिव्यू करते वक्त शेर ने देखा कि पहले से उत्पादकता बहुत कम हो गयी थी.......

उत्पादकता बढ़ाने के लिये शेर ने एक प्रसिद्ध कंसलटेंट उल्लू को नियुक्त किया.......

उल्लू नें चींटीयों के विभाग का गहन अघ्ययन तीन महीनों तक किया फिर उसनें अपनी 1200 पेज की रिपोर्ट दी जिसका निष्कर्ष था कि विभाग में बहुत ज्यादा लोग हैं.....

जो कम करने की आवश्यकता है......

सोचिये शेर ने नौकरी से किसको निकाला....???

............

नन्हीं चींटीयों को ......

क्योंकि उसमें “ नेगेटिव एटीट्यूड, टीमवर्क, और मोटिवेशन की कमी थी.......

इसे कहते है*** "शिक्षा विभाग" जहाँ आजकल केवल उत्पादकता बढाने के लिए अध्यापकों (चीँटियों) पर नित्य नये प्रयोग हो रहे हैं और जिसका खामियाजा सिर्फ हम अध्यापकों को ही उठाना पङ रहा हैं... भले ही हम अपना काम कितनी ही ईमानदारी से करें.....!

Friday 3 April 2015

Hindi review: FAST AND FURIOUS


अमूनन भारत में फिल्मे शुक्रवार को रिलीज होती है लेकिन फ़ास्ट ७ भारत में आज बृहस्पति वार को रिलीज हुई! फिल्म का भारतीय दर्शको ने दिल खोल कर स्वागत किया है! इस सीरीज ने भारत में अपना ब्रांड बना लिया है! बॉलीवुड दर्शक बेहतरीन क्वालिटी के हमेशा मुरीद रहे है और दर्शको की बुकिंग खिड़की पर लगी लम्बी कतारे इस का सबूत हैं!

वेन डीजल शीर्ष सितारे और निर्माता के रूप में इस सीरीज की बदौलत है! जेम्स वान का निर्देशन तेजी से बदलते दृश्यों और भावनाओ के ज्वार के बेहतरीन सयोजन के चलते अपना एक अलग मुकाम रखता है!

फिल्म की कहानी बहुत साधारण है लेकिन फिल्म स्क्रीनप्ले बहुत तेज रफ़्तार हैं! नायक डोमोनिक और उनकी टीम अपराध की दुनिया को छोड़कर साधारण जीवन जीना चाहती है परन्तु उनके पुराने शिकार का भाई उन्हें पुनः अपराध जगत में ले आता है! आम फिल्मो की तरह फिल्म का सुखद समापन है और अपराध पर विजय की होती है! स्टीफन विंडों की सिनेमाफोटोग्राफी, जेम्स वां का निर्देशन आपका ध्यान परदे से कही और नहीं भटकने देते है! फिल्म की तेज रफ़्तार १३४ मिनट के सफर को पल भर में समाप्त कर देती है!

फिल्म में कुछ दृश्य अविस्मरणीय है और इसके लिए तकनीशियन बधाई के पात्र है! फिल्म में स्क्रीनप्ले और संवादों पर बहुत मेहनत की गई है! कुछ संवादों की बानगी प्रस्तुत हैं-

- अगर आपको भविष्य की झलक देखनी है तो पीछे मुड़ कर देखे!
-इंसान की खुबिया कभी कभी उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती है!
- जंग छिड़ गई है अब परछाइयों और भूतों के बीच!
- हालात देखकर बाजी खेलनी पड़ती है इसलिए में बाजी नहीं खेलता बस पत्ते बाटता हूँ!
- दर और ईमानदारी की वजह से लोग एक बने रहते है!
- किसी तकनिकी रूप से माहिर इंसान को हेकर कहना उसका अपमान करना है!
- जंग करना जरुरी हो तो उस जगह का चयन करो जिसे तुम जानते हो !

फिल्म की शुटिंग बेहतरीन लोकेशनों पर की गई है और निर्माण बेहतरीन प्रोफेशनल्स के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से किया गया है! फिल्म निर्माण पर करीबन १८०० करोड़ का व्यय किया गया है और फिल्म एक फायदे का सौदा सिद्ध होने वाली है!

फिल्म साफसुथरी है इसे परिवार के साथ देखा जा सकता हैं! फिल्म एक बार देखे जाने योग्य और फुल पैसा वसूल केटेगरी में शामिल है!

Fast and furious - Review

It kills to play safe and remain covered but when the cost is expected in millions than its necessary to prefer security so they choose a brand and this is the safest brand "Fast and furious".

This is a brand name in cinema throughout the world. In India, movie released today on an awkward day of Thursday. Bollywood usually released movies on Friday but fortunately its a holiday so, huge crowd was waiting to fall into the thrill with speed and fastest level of furious moments.

Story is nothing but a search of villain by a team and finally they make it. First 80 minutes they spend to search for a device and remaining minutes are invested to find the culprit.

Top most stares are at their best with support of best technicians. Selected location for drama are awesome.

Script is breathtaking and dialogues are heart touching. Its a pleasant time pass to watch the movie. You have no better choice other than the fast and furious. Their is a series of shots which you want to remember forever but nothing is different from previous.

Thursday 2 April 2015

BALANCE SHEET Of LIFE

On 31st March, financìal year is ending.
But what is important is your own balance sheet

BALANCE SHEET Of LIFE:
         
What comes to you is
            Credit.                            
What goes from you is
            Debit.                   
Birth is your Opening
            Stock.                            
Death is your Closing
           Stock.                 
Your ideas are your
           Assets.                                      
Your views are your
           Liabilities.                                 
Your happiness is your
            Profit.                   
Your sorrow is your Loss.          
Your soul is your
          Goodwill.                                    
Your heart is your fiixed
            Assests.               
Your duties are your
            outstanding Expennses.             
Your friendship is your
            cash liquidity.               
Your character is your
            Capital.                               
Your knowledge is your
            Investment.                     
Your patience is your
           Bank Balance.             
Your thinking is your
           Current Account.        
Your behaviour is your
           Journal Entry.     
Bad things you should
            always Depreciate.

Have a nice balance sheet and

Happy Ending of financial year