Ultra-Modern Thought for the day-
ज़रुरत से ज़्यादा भगवान को याद मत किया करो क्योंकि...
किसी दिन भगवान ने याद कर लिया तो..??
लेने के देने पड़ जायेंगे ।
"काम ऐसे करो कि लोग आपको....
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किसी दूसरे काम के लिए बोलें ही नहीं"
आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढ़िया रहता है, जिसके पंडाल में गर्म पोहा, समोसा जलेबी और अदरक वाली चाय मिले।
वरना ज्ञान तो अब ऑनलाइन उपलब्ध है ।
जिस पुरुष ने आज के समय में बीवी, नौकरी और स्मार्टफोन के बीच में सामंजस्य बैठा लिया हो, वह पुरुष नहीं महापुरुष कहलाता है ।
आज सबसे बड़ी कुर्बानी वह होती है, जब हम अपना फोन चार्जिंग से निकाल कर किसी और का फोन लगा दें ।
“दुनिया में हर चीज मिल जाती है..
सिर्फ अपनी गलती नहीं मिलती”
आसमान छूने के लिए दिवाली के रॉकेट को भी "बोतल" की जरूरत पड़ती है ।
तो फिर इंसान क्या चीज है ?
आप कितने ही अच्छे काम कर लें, लेकिन लोग उसे ही याद करते हैं,
जो उधार लेकर मरा हो ।
यदि पेड़ों से wi-fi के सिगनल मिलते...
तो हम खूब पेड़ लगाते ।
अफसोस कि वे हमें सिर्फ आक्सीजन देते हैं ।
आजकल माता-पिता को बस दो ही चिंताएं हैं...
इंटरनेट पर उनका बेटा क्या डाउनलोड कर रहा है....
और...
बेटी क्या अपलोड कर रही है ।
हर एक इंसान हवा में उड़ता फिरता है,
फिर भी ना जाने जमीन पर इतनी भीड़ क्यों है ?
जंगल में चरने गया बैल, दोस्तों के साथ पार्टी में बैठा पुरुष और ब्यूटी पार्लर में गयी महिला..
जल्दी वापस नहीं आते ।।
जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से पाने की ख्वाहिश या कोशिश करते हैं, तो वह चीज
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उसी शिद्दत से कुछ ज्यादा ही एटीट्यूड दिखाने लगती है।।
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