अगर विवाह के पश्चात भी माँ पापा को साथ रखने के अधिकार बेटी के पास होते,
तो मेरे दावा है मेरे दोस्तों इस संसार में एक भी व्रद्ध आश्रम नही होते.
और मैं यह कहूँ कि विवाह पश्चात् वही बेटी जो माँ पापा को अपने साथ रख सकती है यदि वही अपने सास ससुर को माँ पापा की तरह रख ले तो मेरा दावा और भी पुख्ता है की इस संसार में कोई वृद्धाश्रम की कल्पना भी नहीं कर पाता।
अगर में सही हूँ तो समर्थन कीजिये
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