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Tuesday 29 July 2014

कुछ बेहतरीन कवितायेँ

अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो….., ईरादे नही.

जब सड़क पर बारात नाच
रही हो तो हॉर्न मार-मार के
परेशान ना हो……,
गाडी से उतरकर थोड़ा नाच लें…, मन
शान्त होगा।
टाइम तो उतना लगना ही है.

इस कलयुग में रूपया चाहे
कितना भी गिर जाए,
इतना कभी नहीं गिर पायेगा,
जितना रूपये के लिए इंसान गिर
चूका है
रास्ते में अगर मंदिर देखो तो
प्रार्थना नहीं करो तो चलेगा
.
.
पर
रास्ते में एम्बुलेंस मिले तब
प्रार्थना जरूर करना
शायद कोई जिन्दगी बच जाये
—-
जिसके पास उम्मीद हैं, वो लाख
बार हार के भी, नही हार
सकता !
बादाम खाने से उतनी अक्ल
नहीं आती…
जितनी धोखा खाने से आती है…..!
—-
एक बहुत अच्छी बात
जो जिन्दगी भर याद रखिये
आप का खुश रहना ही आप
का बुरा चाहने वालों के लिए
सबसे बड़ी सजा है….!
—–
खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते,
अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते !

रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के के
दो पहलु हैं
कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते
खो जाते हैं
और कभी रास्तो पर चलते चलते रिश्ते
बन जाते हैं

बेहतरीन इंसान अपनी मीठी जुबान
से ही जाना जाता है
वरना अच्छी बातें तो दीवारों पर
भी लिखी होती है !

दुनिया में कोई काम “impossible”
नहीं
बस होसला और मेहनत की जरूरत है
“Impossible” को गोर से
देखो वो खुद कहता है
I m possible
अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो….., ईरादे नही.
—------------------++++--

मकान चाहे कच्चे थे
रिश्ते सारे सच्चे थे...
चारपाई पर बैठते थे
पास पास रहते थे
सोफे और डबल बेड आ गए
दूरियां हमारी बढा गए
छतों पर अब न सोते हैं
बात बतंगड अब न होते हैं
आंगन में वृक्ष थे
सांझे सुख दुख थे
दरवाजा खुला रहता था
राही भी आ बैठता था
कौवे भी कांवते थे
मेहमान आते जाते थे
इक साइकिल ही पास था
फिर भी मेल जोल था
रिश्ते निभाते थे
रूठते मनाते थे
पैसा चाहे कम था
माथे पे ना गम था
मकान चाहे कच्चे थे
रिश्ते सारे सच्चे थे
अब शायद कुछ पा लिया है
पर बहुत कुछ गंवा दिया है ।
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यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते :-

🔹नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
       बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
🔹अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल!
      बोझ समझ माँ-बाप को, घर से रहा निकाल!!
🔹पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
      कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
🔹भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
     बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
🔹मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
      बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
🔹बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
      पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
🔹पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
      मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
🔹फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
     पापी करते जागरण, मचा-मचा   कर शोर!
🔹पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
     भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!!
[6:37PM, 7/25/2014] Gaurav lodha: बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात
अच्छी लगती है..






मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में
रहना ।।







चाहता तो हु की
ये दुनिया
बदल दू
पर दो वक़्त की रोटी के
जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती
दोस्तों





महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से
कभी ना चला ...!





युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे ..
पता नही था की, 'किमत
चेहरों की होती है!!'






अगर खुदा नहीं हे तो उसका ज़िक्र
क्यों ??
और अगर खुदा हे तो फिर फिक्र
क्यों ???




"दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर
देती हैं,
एक उसका 'अहम' और
दूसरा उसका 'वहम'......





" पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता
और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।"




मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।



माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"






दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है
या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नही




ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात
"आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक
दूसरे से,
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात"
आख़री होगी ....।।।।



अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो,....ईरादे नही....||


ग़ालिब ने खूब कहा है :
ऐ चाँद तू किस मजहब का है !!
ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा!!
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शाह रुख खान ने तो फिल्मों में प्यार की हद ही कर दी:

कुछ-कुछ होता है: दोस्त से प्यार

मोहब्बतें: प्रिंसिपल की बेटी से प्यार

कल हो न हो: पडोसी की बेटी से प्यार

बाज़ीगर: दुश्मन की बेटी से प्यार

परदेस: दोस्त की मंगेतर से प्यार

दिल से: आतंकवादी से प्यार

मैं हूँ ना: टीचर से प्यार

चेन्नई एक्सप्रेस: डॉन की बेटी से प्यार

कभी अलविदा न कहना: दूसरों की बीवी से प्यार

और रब ने बना दी जोड़ी में तो गज़ब ही कर दिया

अपनी ही बीवी से प्यार।
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आहिस्ता चल ज़िन्दगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है;

रफ्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए, कुछ छुट गए ;
रूठों को मनाना बाकी है, रोतो को हसाना बाकी है ;

कुछ हसरतें अभी अधूरी है, कुछ काम भी और ज़रूरी है ;
ख्वाइशें जो घुट गयी इस दिल में, उनको दफनाना अभी बाकी है ;

कुछ रिश्ते बनके टूट गए, कुछ जुड़ते जुड़ते छूट गए;
उन टूटे-छूटे रिश्तों के ज़ख्मों को मिटाना बाकी है ;

तू आगे चल में आता हु, क्या छोड़ तुजे जी पाऊंगा ?
इन साँसों पर हक है जिनका , उनको समझाना बाकी है ;

आहिस्ता चल जिंदगी , अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है ।
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 माँ मैं एक पार्टी में गया था.
तूने मुझे शराब नहीं पीने
को कहा था,

इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे

और मैं सोडा पीता रहा.
लेकिन मुझे सचमुच अपने पर
गर्व हो रहा था
माँ,

जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर
गाड़ी नहीं चलाना'.

मैंने वैसा ही किया.
घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं,

भले ही बाकी दोस्तों ने
मौजमस्ती के नाम पर
जमकर पी.
उन्होंने मुझे भी पीने के
लिए बहुत उकसाया था.

पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे
शराब नहीं पीनी है और मैंने
सही किया था.

माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो.
पार्टी अब लगभग खत्म होने
को आयी है और सब लोग अपने-अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं.

माँ ,अब जब मैं अपनी कार में बैठ
रहा हूँ तो जानता हूँ कि केवल कुछ
समय बाद मैं

अपने घर अपनी प्यारी स्वीट
माँ और पापा के पास रहूंगा.

तुम्हारे और पापा के इसी प्यार और
संस्कारों ने

मुझे जिम्मेदारी सिखायी और लोग
कहते हैं कि मैं

समझदार हो गया हूँ माँ, मैं घर आ
रहा हूँ और

अभी रास्ते में हूँ. आज हमने बहुत
मजा की और मैं बहुत खुश हूँ.

लेकिन ये क्या माँ...
शायद दूसरी कारवाले ने मुझे
देखा नहीं और ये भयानक टक्कर....
माँ, मैं यहाँ रास्ते पर खून से लथपथ हूँ.

मुझे पुलिसवाले की आवाज सुनाई पड़
रही है

और वो कह रहा है कि इसने नहीं पी.
दूसरा गाड़ीवाला पीकर चला रहा था.

पर माँ, उसकी गलती की कीमत मैं
क्यों चुकाऊं ?

माँ, मुझे नहीं लगता कि मैं और
जी पाऊंगा.

माँ-पापा, इस आखिरी घड़ी में तुम
लोग मेरे पास क्यों नहीं हो.
माँ, बताओ ना ऐसा क्यों हो गया.

कुछ ही पलों में मैं सबसे दूर हो जाऊँगा.

मेरे आसपास ये गीला-गीला और
लाल-लाल क्या लग रहा है.
ओह! ये तो खून है और
वो भी सिर्फ मेरा.

मुझे डाक्टर की आवाज आ रही है
जो कह रहे हैं कि मैं बच नहीं पाऊंगा.
तो क्या माँ,
मैं सचमुच मर जाऊँगा.

मेरा यकीन मानो माँ. मैं तेरी कसम
खाकर कहता हूँ कि मैंने शराब
नहीं पी थी.
मैं उस दूसरी गाड़ी चलाने वाले
को जानता हूँ.

वो भी उसी पार्टी में था और खूब
पी रहा था.

माँ, ये लोग क्यों पीते हैं और
लोगों की जिंदगी से
खेलते हैं उफ! कितना दर्द हो रहा है.

मानो किसी ने चाकू चला दिया हो या सुइयाँ चुभो रहा हो.

जिसने मुझे टक्कर मारी वो तो अपने
घर चला गया और मैं
यहाँ अपनी आखिरी साँसें गिन
रहा हूँ. तुम ही कहो माँ, क्या ये
ठीक हुआ.

घर पर भैया से कहना, वो रोये नहीं.
पापा से धीरज रखने को कहना.
मुझे पता है,वो मुझे कितना चाहते हैं

और मेरे जाने के बाद तो टूट
ही जाएंगे.
पापा हमेशा गाड़ी धीरे चलाने को कहते
थे.

पापा, मेरा विश्वास करो,
मेरी कोई गलती नहीं थी. अब मुझसे
बोला भी नहीं जा रहा.
कितनी पीड़ा!

साँस लेने में तकलीफ हो रही है.
माँ-पापा, आप मेरे पास
क्यों नहीं हो. शायद

मेरी आखिरी घड़ी आ गयी है. ये
अंधेरा सा क्यों लग रहा है. बहुत डर
लग रहा है.

माँ-पापा प्लीज़ रोना नहीं. मै
हमेशा आपकी यादों में, आपके दिल में
आपके पास ही रहूंगा.
माँ, मैं जा रहा हूँ. पर जाते-जाते ये
सवाल ज़रूर पूछुंगा कि ये लोग पीकर
गाड़ी क्यों चलाते हैं.
अगर उसने पी नहीं होतीं तो मैं आज
जिंदा, अपने घर,
अपने परिवार के साथ होता.

मित्रो, इसको ज्यादा से
ज्यादा लोगों तक
पहुँचाए ताकि किसी के शराब
पीकर गाड़ी चलाने
से किसी और के घर का चिराग
ना बुझने पाय...!!!

परन्तु कुछ लोग इसे Send नहीं करेगें क्योकि उनके पास समय नहीं होता है किसी के लिए।


Summer Special.....

रहिमन कूलर राखिये
बिन कूलर सब सून
कूलर बिना ना किसी को
गर्मी से मिले सुकून.....

बिजली का बिल देखकर
दिया कबीरा रोय
कूलर ए.सी. के फेर मेँ
सेविंग बची ना कोय....

बाट ना देखिए ए.सी. की
चला लीजिए फैन
चार दिनोँ की बात है
फिर आगे सब चैन....

पँखा झेलत रात गयी
आयी ना लेकिन लाईट
मच्छर गाते रहे कान मेँ
मन गई मेरी तंदूरी नाईट...😎😎😎

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