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Sunday 23 November 2014

अपने पाचन तंत्र को समझें

ये जानना बहुत जरुरी है ...
हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद।
क्या कारण है |
हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया
लस्सी पी ,
दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
" epigastrium "|
ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|
आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
|ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
 ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है | 
🔹अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|
और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |
अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|
🔹आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी|
🔸अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion"  और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना|
🔸आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|
जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|
🔸ये तभी होगा जब खाना पचेगा|🔸
यह सब हमें चाहिए|
ये तो हुई खाना पचने की बात
🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?
खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )
|कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है
तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो|
और एक दूसरा उदाहरण खाना
जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|
जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )
हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?
तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |
आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?
तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |
इससे भी ज्यादा खतरनाक एक  विष हे
वो है VLDL
(Very Low Density lipoprotive)|
ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|
खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|
जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |
तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है |
ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |
मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,
कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |
कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |
क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|
खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि
और
खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|
और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !
पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
*जिसे आप heart attack कहते हैं !
तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|
क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है
🔹* महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है |
आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।
खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!
"भोजनान्ते विषं वारी"
---------------
🔸🔸 (मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )🔸🔸
* इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*
अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???
तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !
अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??
बात ऐसी है !
जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !
पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
का समय लगता है !
उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !
(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )
पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !
तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।
तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!
जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)
उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको  घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !
अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???
तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !
अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????
बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !
और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !
तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !
तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !
इसका जरूर पालण करे !
अधिक अधिक लोगो को बताएं

दुनिया बदल जाती है पर साले दोस्तकभी नहीं बदलते

रिज़ल्ट अगर अच्छा हो ...
- मां : भगवान की कृपा है #
- पापा : बेटा किसका है #
- दोस्त : चल दारू पीते हैं ##
.
रिज़ल्ट अगर बुरा हो .......
- माँ : आग लगे इस कॉलेज में *
- पापा : तुम्हारे लाड़ प्यार ने, बिगाड़ दिया *
- दोस्त : चल दारू पीते हैं **
.
नौकरी लगने पर ...............
- माँ : अपनी सेहत का ख़याल रखना #
- पापा : खूब मेहनत से काम करना #
- दोस्त : चल दारू पीते हैं ##
नौकरी छूटने पर ..............
- माँ : नौकरी ही खराब थी **
- पापा : कोई बात नहीं, दूसरी मिल जाएगी
- दोस्त : चल दारू पीते हैं ***
☺जन्मदिन पर ............
- माँ : जुग जुग जिए मेरा बेटा #
- पापा : हमेशा आगे बढ़ना #
- दोस्त : चल दारू पीते हैं ##
.
प्यार में नाकाम होने पर ........
- माँ : बेटा भूल जा उसको *
- पापा : मर्द बन बेटा *
- दोस्त : चल दारू पीते हैं **
.
शादी होने पर ...............
- माँ : सदा सुखी रहो #
- पापा : खुश रहो #
- दोस्त : चल दारू पीते हैं ##
,
☝कहानी की शिक्षा :
दुनिया बदल जाती है पर साले दोस्त
कभी नहीं बदलते !!

Learning tricks in science history GK

Vitamin ABCDEK KI kami se hone wale rog Trick ---- "रवे सारे वहाँ पर हैं "
1. A - र – रतोंधी
2. B - वे - वेरी वेरी
3. C - सा – स्कर्वी
4. D - रे – रिकेट्स
5. E - वहाँ – वाझपन
6. K - पर - रक्त का थक्का न बनना
कर्क रेखा भारत के इन
राज्यों स ेगुजरती है =8 राज्य
Trick: मेंरा मित्र राँझा पर छा गया
मेरा =मध्य प्रदेश
मित्र =मिजोरम ,त्रिपुरा
राँझा= राजस्थान ,झारखण्ड
पर =पाश्चिम बंगाल
छोड =छत्तीसगढ़
गया =गुजरात.
चम्बल की सहायक नदियाँ-
TRICK >> काका ने बाबा मापा
संधि-विच्छेद
का- कालीसिन्ध
का- कुराल
बा- बामनी
बा- बनास
मा- मेज
पा- परबन
मुख्य 9 नदियोँ जो "अरब सागर"
मेँ गिरती है
*Trick- "सालू की माँ भानमती सोजा"
1. साबरमती
2. लूनी
3. माँडवी
4. माही
5. भारतपुझा या पोन्नानी
6. नर्मदा
7. सोम
8. जाखम
9. जवाई
1:भारत
की प्रमुख
नदी परीयोजना जो सतलज नदी पर
बनी है –]
TRICK > सर इंदिरा कल नथ पहन
कर भाग गई
संधि-विच्छेद
सर-सरहिंद परीयोजना
इंदिरा -इंदिरा गांधी नहर परीयोजना
कल-कोल परीयोजना
नथ-नाथपा झाकरी परीयोजना
भाग-भाकड़ा नांगल परीयोजना
गई-[Silent]
1.Animal Tissue.....
Trick --- "पेशी का* उप-संयोजी तंत्र"
1. पेशी--------पेशी ऊतक
2. उप---------उपकला ऊतक
3. संयोजी----संयोजी ऊतक
4. तंत्र--------तंत्रिका ऊतक
भारतीय संविधान
की आठवी अनुसूची में जोड़ी गयी भाषाएँ
Trick - "BDMS"
B = BODO,
D = DOGRI,
M = MAITHILI,
S = SANTHALI
Arawali ki 5 sabse unchi chotiya. GURU SE
JARA AASHA RAKHO.
GURU=GURU SHIKHAR
SE= SER
JARA= JARGA
AASHA= ACHAL GARH
RA= RAGHUNATH GARH
KHO= KHOH
rajsthan ki arab sagar me girne wali nadiya=
MALU SO JA SAAP KHA JAEGA- Explanation
MA= MAHI
LU=LUNI
SO=SOM
JA=JAKHAM
SAA=SABARMATI
P= -
KHA=KHARI
JA= JOJDI
EGA= -
तना वाली प्रमुख फसल
TRICK :- "हद कर दि आप ने
"हद - हल्दी
कर - केसर
दि - आदी
आ - आलु
प - प्याज
1.Animal Tissue.....
Trick --- "पेशी का* उप-संयोजी तंत्र"
1. पेशी--------पेशी ऊतक
2. उप---------उपकला ऊतक
3. संयोजी----संयोजी ऊतक
4. तंत्र--------तंत्रिका ऊतक
सिंधु घाटी सभ्यता के लोग ईन सभी धातु से
परीचित थे
Trick - [सोचता सिटी]
सो - सोना
च - चाँदी
ता - ताँबा
सि - सिसा
टि - टिन
नोट:- लोहे से परिचीत नही थ
kshetrafal ke hisab se rajsthan k 6 sbse bade
dirtrict.
bde se chhote k kram me.
JAB BIJO NACHE.
JA= JAISLMER
B = BADMER
BI = BIKANER
JO= JODHPUR
NA= NAGOR
CHE= CHURU
-इतिहास में प्राचीन भारत के
वंशो का कालानुक्रम
TRICK: हशीनमाशुका
Explanation : ह + शि + न + मा + शु + क + अ
ह = हर्यक वंश
शि = शिशुनाग वंश
न = नन्द वंश
मा = मौर्या वंश
शु = शुंग वंश
क = कण्व वंश
अ = आंध्र सातवाहन
TRICK : अकबर के शासन काल के नवरत्न-
Trick : "BAT BAT (PE) MDH"
B = Birbal ( बीरबल )
A = Abul fajal ( अबुल फजल )
T = Tansen ( तानसेन )
B = Bhagvandas ( भगवानदास )
A = Abdul rahim khane khana ( अब्दुल रहीम खाने
खाना )
T = Todarmal ( टोडरमल )
(PE) = silent word
M = Manshingh ( मानसिंह)
D = Mulla do pyaja ( मुल्ला दो प्याजा )
H = Hakim hukam ( हकीम हकाम)
[19:43, 11/22/2014] ‪+91 99508 83015‬: -.जैन धर्म के अनुयायी-:
Trick:-"KAACU" काकू
K= कलिंग नरेश खारवेल
A= अजातशत्रु
A= अमोघवर्ष
C= चंद्रगुप्त मौर्य
U= उदयिन
राष्ट्रपति क्रमानुसार*
TRICK : "राजू की राधा जाकर गिरी फखरूद्दीन
रेडी की जैल मेँ तब
रामाशंकर नारायण की कलम से
प्रतीभा निकली प्रणव की"
1:- राजेन्द्र प्रसाद=> 1952-62 , प्रथम
निर्वाचित , तीन बार राष्ट्रपति पद की शपथ ,
सर्वाधिक अवधि तक राष्ट्रपति "भारत रत्न"
मिला ।
2:- सर्वपल्ली राधाकृष्णन=> 1962-67 , उससे पहले
दो बार उपराष्ट्रपति(1952-62) , 5 सितम्बर
शिक्षक दिवस , (विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर) ,
उपराष्ट्रपति पद पर रहते "भारत रत्न" मिला ।
3:- जाकिर हुसैन=> 1967-69 , प्रथम मुस्लिम
राष्ट्रपति ,
(इनकी राष्ट्रपति पद पे रहते मृत्यु 2 वर्ष) ,
इनको भी उपराष्ट्रपति पद पर रहते "भारत रत्न"
मिला ।
4:- वी॰वी॰गिरी=> 1969-74 , दूसरे चक्र
की मतगणना मेँ जीते , "भारत रत्न" मिला ।
5:- फखरूद्दीन=> 1974-77 , सबसे ज्यादा अध्यादेश
जारी करने वाले ,
(पिछले जाकिर हुसैन 2 वर्ष तो 1 और जोड़
दो 2+1=3 वर्ष) ।
6:- नीलम संजीव रेड्डी=> 1977-82 ,
ये निर्विरोध निर्वाचित होने वाले राष्ट्रपति ,
*ज्ञात्वय=> 25 जुलाई को शपथ ( क्रम 6 से 13
तक के
सभी राष्ट्रपतियोँ ने 25 जूलाई को शपथ ली हैँ ।
7:- ज्ञानी जैलसिँह=> प्रथम सिख राष्ट्रपति ।
8:- रामाकृष्ण वेकटरमन=>
9:- शंकरदयाल शर्मा=>
10:- के॰आर॰नारायण=> प्रथम दलित राष्ट्रपति ।
11:- अब्दूल कलाम=> "भारत रत्न मिला , मिसाइल
मैन ।
12:- प्रतीभा पाटील=> प्रथम महिला राष्ट्रपति ,
जन्म स्थान
जलगाँव महाराष्ट्र , ससुराल छोटी लोसल सीकर है ,
ये राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल थी ,
पति देवीसिँह
शेखावत ।
13:- प्रणव मुखर्जी=> विपक्षी उम्मीदवार
श्री पी॰ए॰संगमा को हराया ।
विषाणु (वायरस) से होने वाली बीमारियां
Trick -- "रेखा हमें हिट करके पोएचे (पीछे) छोड़ गई"
1. रे --------रेबीज
2. खा ------खसरा
3. ह --------हर्पिस
4. में -------मेनिनजाइटिस
5. हि -------हिपैटाइटिस
6. ट --------ट्रैकोमा
करके -------(साइलेंट)
7. पो -------पोलियो
8. ए --------एड्स
9. चे --------चेचक
10. छो -----छोटी माता
11. ड -------डेंगू ज्वर
12. ग ------गलसोध
13. ई -------इन्फ्लुएंजा
मुख्य 9 नदियोँ जो "अरब सागर"
मेँ गिरती है
*Trick- "सालू की माँ भानमती सोजा"
1. साबरमती
2. लूनी
3. माँडवी
4. माही
5. भारतपुझा या पोन्नानी
6. नर्मदा
7. सोम
8. जाखम
9. जवाई
TRICK : अकबर के शासन काल के नवरत्न-
Trick : "BAT BAT (PE) MDH"
B = Birbal ( बीरबल )
A = Abul fajal ( अबुल फजल )
T = Tansen ( तानसेन )
B = Bhagvandas ( भगवानदास )
A = Abdul rahim khane khana ( अब्दुल रहीम खाने
खाना )
T = Todarmal ( टोडरमल )
(PE) = silent word
M = Manshingh ( मानसिंह)
D = Mulla do pyaja ( मुल्ला दो प्याजा )
H = Hakim hukam ( हकीम हकाम)
तना वाली प्रमुख फसल
TRICK :- "हद कर दि आप ने
"हद - हल्दी
कर - केसर
दि - आदी
आ - आलु
प - प्याज

Best speech on teachers day

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MONEY IS YOURS BUT RESOURCES BELONG TO THE SOCIETY


Chetan Bhagat
Germany is a highly industrialized country. In such a country, many will think its people lead a luxurious life.
When we arrived at Hamburg , my colleagues walked into the restaurant, we noticed that a lot of tables were empty. There was a table where a young couple was having their meal. There were only two dishes and two cans of beer on the table. I wondered if such simple meal could be romantic, and whether the girl will leave this stingy guy.
There were a few old ladies on another table. When a dish is served, the waiter would distribute the food for them, and they would finish every bit of the food on their plates.
As we were hungry, our local colleague ordered more food for us.When we left, there was still about one third of un-consumed food on the table.
When we were leaving the restaurant, the old ladies spoke to us in English, we understood that they were unhappy about us wasting so much food.
"We paid for our food, it is none of your business how much food we left behind," my colleague told the old ladies. The old ladies were furious. One of them immediately took her hand phone out and made a call to someone. After a while, a man in uniform from Social Security organisation arrived. Upon knowing what the dispute was, he issued us a 50 Euro fine. We all kept quiet.
The officer told us in a stern voice, "ORDER WHAT YOU CAN CONSUME, MONEY IS YOURS BUT RESOURCES BELONG TO THE SOCIETY. THERE ARE MANY OTHERS IN THE WORLD WHO ARE FACING SHORTAGE OF RESOURCES. YOU HAVE NO REASON TO WASTE RESOURCES."
The mindset of people of this rich country put all of us to shame. WE REALLY NEED TO REFLECT ON THIS. We are from country which is not very rich in resources. To save face, we order large quantity and also waste food when we give others a treat.
(Courtesy: A friend who is now changed a lot)
THE LESSON IS:- THINK SERIOUSLY ABOUT CHANGING OUR BAD HABITS. Expecting acknowledgment, that u read the message and forward to your contacts.
VERY TRUE -"MONEY IS YOURS BUT RESOURCES BELONG TO THE SOCIETY."

संयुक्त परिवार

वो पगंत में बैठ के निवालों का तोड़ना,                      वो अपनों की संगत में रिश्तों का जोडना,                
वो दादा की लाठी पकड़ गलियों में घूमना,                     
वो दादी का बलैया लेना और माथे को चूमना,                
सोते वक्त दादी पुराने किस्से कहानी कहती थीं,                    आंख खुलते ही माँ की आरती सुनाई देती थी,              
इंसान खुद से दूर अब होता जा रहा है,                         
वो संयुक्त परिवार का दौर अब खोता जा रहा है।             
माली अपने हाथ से हर बीज बोता था,                        
घर ही अपने आप में पाठशाला होता था,                   
संस्कार और संस्कृति रग रग में बसते थे,                   
उस दौर में हम मुस्कुराते नहीं खुल कर हंसते थे।                
मनोरंजन के कई साधन आज हमारे पास है,                    
पर ये निर्जीव है इनमें नहीं साँस है, फैशन के इस दौर में युवा वर्ग बह गया,                       
राजस्थान से रिश्ता बस जात जडूले का रह गया।                 ऊँट आज की पीढ़ी को डायनासोर जैसा लगता है,              
आँख बंद कर वह बाजरे को चखता है।                      
आज गरमी में एसी और जाड़े में हीटर है,                   
और रिश्तों को मापने के लिये स्वार्थ का मीटर है।                   वो समृद्ध नहीं थे फिर भी दस दस को पालते थे,              
खुद ठिठुरते रहते और कम्बल बच्चों पर डालते थे।                  मंदिर में हाथ जोड़ तो रोज सर झुकाते हैं,                   
पर माता-पिता के धोक खाने होली दीवाली जाते हैं।              
मैं आज की युवा पीढी को इक बात बताना चाहूँगा,                उनके अंत:मन में एक दीप जलाना चाहूँगा।                     
ईश्वर ने जिसे जोड़ा है उसे तोड़ना ठीक नहीं,                  
ये रिश्ते हमारी जागीर हैं ये कोई भीख नहीं।                  
अपनों के बीच की दूरी अब सारी मिटा लो,                   
रिश्तों की दरार अब भर लो उन्हें फिर से गले लगा लो।         
अपने आप से सारी उम्र नज़रें चुराओगे,                   
अपनों के ना हुए तो किसी के ना हो पाओगे।                   
सब कुछ भले ही मिल जाए पर अपना अस्तित्व गँवाओगे,       
बुजुर्गों की छत्र छाया में ही महफूज रह पाओगे।                   
होली बेईमानी होगी दीपावली झूठी होगी,                      
अगर पिता दुखी होगा और माँ रूठी होगी।।।

Motivational formulae and meaningful percentages


Very interesting & meaningful
If:
A B C D E F G H I J K LM N O P Q R S T U V W X Y Z
is equal to:
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26
Then,
H+A+R+D+W+O+R+K ;
8+1+18+4+23+15+18+11=98%
K+N+O+W+L+E+D+G+E ;
11+14+15+23+12+5+4+7+5=96%
L+O+V+E;
12+15+22+5 = 54%
L+U+C+K ;
12+21+3+11 = 47%
None of them makes 100%. Then what makes 100%?
Is it Money? NO!
M+O+N+E+Y= 13+15+14+5+25=72%
Leadership? NO!
L+E+A+D+E+R+S+H+I+P= 12+5+1+4+5+18+19+8+9+16=97%
Every problem has a solution, only if we perhaps change our "ATTITUDE"...
A+T+T+I+T+U+D+E ;
1+20+20+9+20+21+4+5 = 100%
It is therefore OUR ATTITUDE towards Life and Work that makes
OUR Life 100% Successful.
Amazing mathematics
Beautiful msg to share:
Do you agree that we have 26 alphabets in English, as given below

A = 1 ; B = 2 ; C = 3 ; D = 4 ;
E = 5 ; F = 6 ; G = 7 ; H = 8 ;
I = 9 ; J = 10 ; K = 11 ; L = 12 ;
M = 13 ; N = 14 ; O = 15 ; P = 16 ;
Q = 17 ; R = 18 ; S = 19 ; T = 20 ;
U = 21 ; V = 22 ; W = 23 ; X =24 ;
Y = 25 ; Z = 26.
With each alphabet getting a number, in chronological order, as above, study the following, and bring down the total to a single digit and see the result yourself
Hindu -
S  h  r  e  e   K  r  i  s  h  n  a
19+8+18+5+5+11+18+9+19+8+14+1=135=9
Muslim
M  o  h  a  m  m  e  d
13+15+8+1+13+13+5+4=72=9
Jain
M a  h a v  i  r
13+1+8+1+22+9+18=72=9
Sikh
G  u  r  u   N  a  n  a  k
7+21+18+21+14+1+14+1+11 =108 =9
Parsi
Z  a  r  a  t  h  u  s  t  r a
26+1+18+1+20+8+21+19+20+18+1=153=9
Buddhist
G  a   u  t  a  m
7+1+21+20+1+13=63=9
Christian
E  s   a  M  e  s  s  i   a  h
5+19+1+13+5+19+19+9+1+8=99=18=9 
Each one ends with number  9
THAT IS NATURE'S CREATION TO SHOW THAT GOD IS ONE !!!

Thursday 20 November 2014

Hindi ke naveen dohe

पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔
टूटी कलम
और
औरो से जलन,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
काम का आलस
और
पैसो का लालच,
हमें महान
बनने नहीं देता ।
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
अपना मजहब उंचा
और
गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔
👌दुनिया में सब चीज
      मिल जाती है,....
      केवल अपनी गलती
      नहीं मिलती.....
😔😔😔😔😔😔😔😔
भगवान से वरदान माँगा
     कि दुश्मनों से
         पीछा छुड़वा दो,
            अचानक दोस्त
                कम हो गए...
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
" जितनी भीड़ ,
     बढ़ रही
       ज़माने में..।
         लोग उतनें ही,
           अकेले होते
             जा रहे हैं...।।।
😔😔😔😔😔😔😔😔
इस दुनिया के
   लोग भी कितने
      अजीब है ना ;
          सारे खिलौने
             छोड़ कर
                जज़बातों से
                   खेलते हैं...
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
किनारे पर तैरने वाली
   लाश को देखकर
      ये समझ आया...
         बोझ शरीर का नही
            साँसों का था....
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
दोस्तो के साथ
   जीने का इक मौका
      दे दे ऐ खुदा...
         तेरे साथ तो
            हम मरने के बाद
              भी रह लेंगे....
😔😔😔😔😔😔😔😔
“तारीख हज़ार
    साल में बस इतनी
       सी बदली है…
          तब दौर
             पत्थर का था
                अब लोग
                   पत्थर के हैं..."
😔😔😔😔😔😔😔😔😔
हम वक्त और
   हालात के
      साथ 'शौक'
         बदलते हैं,,
            दोस्त नही .Good Day.

Wednesday 19 November 2014

Hindi Poem on teacher for teacher day

ये नेत्र सजल हो जाते है,
मस्तिस्क भ्रमित हो जाता है।
जब दर्द लिखूं अध्यापक का,
तब ह्रदय द्रवित हो जाता है।
सहता जीवनपर्यन्त सदा,
रह मौन कुठाराघातों से।
कभी अधिकारी, कभी पेरेन्ट कभी जनप्रतिनिधि तो,
कभी अपनो के आघातों से।
बन बैठा है दुश्मन देखो,
भाई ही भाई का रण में।
है चाल चली शकुनी ने फिर,
प्रतिनिधियों के संरक्षण में।
दिन-रात जला निज रक्त उदय,
विद्या का दीपक करता है।
फिर भी ना जाने अध्यापक,
क्यों डरा-डरा सा रहता है।
खो गया कहीं है मैत्री भाव,
भाईचारा भी नहीं रहा।
ईर्ष्या और द्वेष चरम पर है।
मन-प्रेम गवारा नही रहा।
मेने देखा कुछ मित्रो को,
करते हैं गुलामी ऑफिस की।
अफ़सर से लेकर चपरासी,
करते हैं दलाली ऑफिस की।
अब बन्द करो छीना झपटी,
हो रहा जुआ सा ऑफिस में।
वीयर,स्कोच और रम छोड़ो,
पियो दूध बतासा ऑफिस में।
बन कर स्कूल के अधिकारी
पढ़ते अपनी-अपनी फारसी।
स्कूल निरीक्षण के बहाने,
घूमें लखनऊ, दिल्ली, झाँसी।
एक जान की आफत सीसीई बन गया,
जीना मरना दुश्वार हुआ।
है यम समान हर इन्स्पेक्शन पे,
सर पर आकर के सवार हुआ।
स्काउट ने खून पिया, प्रदर्श्नीयों ने है रुलाया, और रोज रोज की मीटिन्ग ने मास्टर का पसीना छुडाया.
कुछ बची जान अब तक बाकी,
वो सब्जेक्ट कमेटी ले डूबी।
प्राचार्य महोदय कहे आकर,
मास्टर तेरी एजेन्डा पोइन्ट ही फीकी।
लो आगए बडे साब कभी,
बस इनकीकमी रह गयी थी बाकी।
ना दाल गले इनके आगे,
ना चले किसी की चालाकी।
सब देख रजिस्टर यूँ बोले,
सब गलत..गलत कुछ सही नहीं।
मास्साब धैर्यशाली थे सो,
आँखो से गंगा बही नही।
बोले साहब वेतन रोकूं,
या फिर तुझको सस्पेण्ड करूं।
या डीसी साहब से जाकर,
तेरी सारी कम्प्लेण्ड करूं।
कप गए मास्साब अन्दर तक,
और हाथ जोड़ कहने लग गये।
सौरी सर सौरी सर मास्साब करने लगे
गर्व कर साहब का कलेजा ठण्डा हुआ,
और अगले साल गलती न करने के प्रोमिस से साहब का गुस्सा धुंआ हुआ।
साहब का पेट अब फूल गया घमंड से,
जब टीचर जैसा पेड़ मिल गया धूल से !

Friday 31 October 2014

Sardar Vallabhbhai Patel

Vallabhbhai Patel
Deputy Prime Minister of India
In office
15 August 1947 – 15 December 1950
Prime Minister Jawaharlal Nehru
Preceded by Position established
Succeeded by Morarji Desai
Minister of Home Affairs
In office
15 August 1948 – 15 December 1950
Prime Minister Jawaharlal Nehru
Preceded by Position established
Succeeded by Chakravarti Rajagopalachari
Personal details
Born Sardar Vallabhbhai Patel
31 October 1875
Nadiad, Gujarat, Bombay Presidency, British India
Died 15 December 1950 (aged 75)
Bombay, Bombay State, India
Nationality Indian
Political party Indian National Congress
Children Maniben Patel, Dahyabhai Patel
Alma mater Middle Temple
Profession Lawyer
Religion Hinduism
Vallabhbhai Jhaverbhai Patel (Hindi pronunciation: [ʋəlləbˈbʱaːi pəˈʈeːl] ( )) (31 October 1875 – 15 December 1950) was an Indian barrister and statesman, one of the leaders of the Indian National Congress and one of the founding fathers of the Republic of India. He was a social leader who played a leading role in the country's struggle for independence and guided its integration into a united, independent nation. In India and elsewhere, he was often addressed as Sardar, which means Chief in Hindi, Urdu and Persian.
He was raised in the countryside of Gujarat.[1] Vallabhbhai Patel was employed in successful practice as a lawyer. Patel subsequently organised peasants from Kheda, Borsad, and Bardoli in Gujarat in non-violent civil disobedience against oppressive policies imposed by the British Raj; in this role, he became one of the most influential leaders in Gujarat. He rose to the leadership of the Indian National Congress and was at the forefront of rebellions and political events, organising the party for elections in 1934 and 1937, and promoting the Quit India movement.
As the first Home Minister and Deputy Prime Minister of India, Patel organised relief for refugees in Punjab and Delhi, and led efforts to restore peace across the nation. Patel took charge of the task to forge a united India from the British colonial provinces allocated to India and more than five hundred self-governing princely states, released from British suzerainty by the Indian Independence Act 1947. Using frank diplomacy, backed with the option and use of military force, Patel's leadership persuaded almost every princely state. Often known as the "Iron Man of India" or "Bismarck of India", he is also remembered as the "Patron Saint" of India's civil servants for establishing modern all-India services.

Monday 20 October 2014

WHAT HAPPENS WHEN WE PRAY?


This is one of the nicest messages I have rcvd  and is so true:
I dreamed that I went to heaven  and GOD
was showing me around. We walked side-by-side inside a large workroom filled with workers.
GOD stopped in front of the first section and said,
' This is the Receiving Section.
Here, all petitions to GOD in prayer are received.
I looked around in this area, and it was terribly busy with so many
Workers sorting out petitions written on voluminous paper sheets and scraps from people all over the world.
Then we moved on down a long corridor until we reached the second section.
GOD then said to me,
"This is the Packaging and Delivery Section.
Here, the graces and blessings the people asked for are processed and delivered to the living persons who asked for them.
" I noticed again how busy it was there.
There were many workers working hard at that station, since so many blessings had been requested and were being packaged for delivery to Earth.
Finally at the farthest end of the long corridor we stopped at the door of a very small station.
To my great surprise, only one worker was seated there, doing nothing.
"This is the Acknowledgment Section, GOD quietly admitted to me.
He seemed embarrassed." How is it that there is no work going on here? ' I asked.
"So sad," GOD sighed.
"After people receive the blessings that they asked for, very few send back acknowledgments".
"How does one acknowledge God's blessings? " I asked.
"Simple," god answered. Just say, "Thank you, GOD. "

"What blessings should they acknowledge?" I asked.

"If you have food in the refrigerator, clothes on your back, a roof overhead and a place to sleep you are richer than 75% people of the world.
"If you woke up this morning with more health than illness ... You are more blessed than the many who will not even survive this day. "
MY FRIENDS
count your blessings,
and if you care too,
pass this along to remind everyone else how blessed we all are ....
ATTN: Acknowledge Dept.
"Thank you God, for giving me the ability to share this message and for giving me so many wonderful people to  share it with. "

Friday 17 October 2014

कविता- शिशु कन्या वध

कोर्ट में एक अजीब मुकदमा आया
एक सिपाही एक कुत्ते को बांध कर लाया
सिपाही ने जब कटघरे में आकर कुत्ता खोला
कुत्ता रहा चुपचाप, मुँह से कुछ ना बोला..!
नुकीले दांतों में कुछ खून-सा नज़र आ रहा था
चुपचाप था कुत्ता, किसी से ना नजर मिला रहा था
फिर हुआ खड़ा एक वकील ,देने लगा दलील
बोला, इस जालिम के कर्मों से यहाँ मची तबाही है
इसके कामों को देख कर इन्सानियत घबराई है
ये क्रूर है, निर्दयी है, इसने तबाही मचाई है
दो दिन पहले जन्मी एक कन्या, अपने दाँतों से खाई है
अब ना देखो किसी की बाट
आदेश करके उतारो इसे मौत के घाट
जज की आँख हो गयी लाल
तूने क्यूँ खाई कन्या, जल्दी बोल डाल
तुझे बोलने का मौका नहीं देना चाहता
लेकिन मजबूरी है, अब तक तो तू फांसी पर लटका पाता
जज साहब, इसे जिन्दा मत रहने दो
कुत्ते का वकील बोला, लेकिन इसे कुछ कहने तो दो
फिर कुत्ते ने मुंह खोला ,और धीरे से बोला
हाँ, मैंने वो लड़की खायी है
अपनी कुत्तानियत निभाई है
कुत्ते का धर्म है ना दया दिखाना
माँस चाहे किसी का हो, देखते ही खा जाना
पर मैं दया-धर्म से दूर नही
खाई तो है, पर मेरा कसूर नही
मुझे याद है, जब वो लड़की छोरी कूड़े के ढेर में पाई थी
और कोई नही, उसकी माँ ही उसे फेंकने आई थी
जब मैं उस कन्या के गया पास
उसकी आँखों में देखा भोला विश्वास
जब वो मेरी जीभ देख कर मुस्काई थी
कुत्ता हूँ, पर उसने मेरे अन्दर इन्सानियत जगाई थी
मैंने सूंघ कर उसके कपड़े, वो घर खोजा था
जहाँ माँ उसकी थी, और बापू भी सोया था
मैंने भू-भू करके उसकी माँ जगाई
पूछा तू क्यों उस कन्या को फेंक कर आई
चल मेरे साथ, उसे लेकर आ
भूखी है वो, उसे अपना दूध पिला
माँ सुनते ही रोने लगी
अपने दुख सुनाने लगी
बोली, कैसे लाऊँ अपने कलेजे के टुकड़े को
तू सुन, तुझे बताती हूँ अपने दिल के दुखड़े को
मेरी सासू मारती है तानों की मार
मुझे ही पीटता है, मेरा भतार
बोलता है लङ़का पैदा कर हर बार 
लङ़की पैदा करने की है सख्त मनाही
कहना है उनका कि कैसे जायेंगी ये सारी ब्याही
वंश की तो तूने काट दी बेल
जा खत्म कर दे इसका खेल
माँ हूँ, लेकिन थी मेरी लाचारी
इसलिए फेंक आई, अपनी बिटिया प्यारी
कुत्ते का गला भर गया
लेकिन बयान वो पूरे बोल गया....!
बोला, मैं फिर उल्टा आ गया
दिमाग पर मेरे धुआं सा छा गया
वो लड़की अपना, अंगूठा चूस रही थी
मुझे देखते ही हंसी, जैसे मेरी बाट में जग रही थी
कलेजे पर मैंने भी रख लिया था पत्थर
फिर भी काँप रहा था मैं थर-थर
मैं बोला, अरी बावली, जीकर क्या करेगी
यहाँ दूध नही, हर जगह तेरे लिए जहर है, पीकर क्या करेगी
हम कुत्तों को तो, करते हो बदनाम
परन्तु हमसे भी घिनौने, करते हो काम
जिन्दी लड़की को पेट में मरवाते हो
और खुद को इंसान कहलवाते हो
मेरे मन में, डर कर गयी उसकी मुस्कान
लेकिन मैंने इतना तो लिया था जान
जो समाज इससे नफरत करता है
कन्याहत्या जैसा घिनौना अपराध करता है
वहां से तो इसका जाना अच्छा
इसका तो मर जान अच्छा
तुम लटकाओ मुझे फांसी, चाहे मारो जूत्ते
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते ..!! Please read and share.
...
Good morning

Sabhi Rajput Banduo KO Happy Dipawali ♚...!!! जब हम सिंहासन पर बैठते है तो,राजा कहलाते है ! जब हम घोङे पर सवार होते तो,........

Sabhi Rajput Banduo KO Happy Dipawali

♚...!!!
जब हम सिंहासन पर बैठते है तो,राजा कहलाते
है !
जब हम घोङे पर सवार होते तो,
योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो, श्रत्रिय
कहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो "राजपुत"
कहलाते है !
" मेरा कत्ल कर दो
कोई शिकवा ना होगा,
मुजे धोखा दे दो
कोई बदला न होगा,
पर अगर जो आँख उठी मेरे वतन ए हिन्दुस्तान पे,
तो फिर
तलवार उठेगी और फिर कोई समझौता न
होगा...!! "
हमारी शक्सियत का अंदाज़ा तुम
क्या लगाओगे गालिब..,
के हम तो कब्रीस्तान से भी गुज़रते है तो मुर्दे उठ
कर कहते है...
"जय माताजी जी बना"
सर पे हे केसरिया साफा '
मुख पे हे सोने सी आभा'
जब हाथ मे लेते हे' तलवार
दुनिया करती हे '
कोटि कोटि प्रणाम'
अपनी माँ के सच्चे पुत '
इसलिए कहते हमको क्षत्रिय राजपुत'
जो मचछर से डर जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।
जो शेर से लड जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।।
लेिकन एक अजब खून का
जलवा तो गजब पुत का होता है!!
जो मौत को भी ललकारे वो खून
राजपुत का होता है !
जमाने ने राजपूतो के उसूल तो बदल दिए"
पर
"खून और दादागिरी आज
भी वो ही है.. ।।
झुंड मे रहने वालो आजमा कर
देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद
भी पिघलता है।
शेर सा जिगरा है "राजपूत"
हमेसा अकेला निकलता है।
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!!
दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज
भी..!!
राजपूत उस बारिश का नाम नही जो बरसे और
थम जाये।
राजपूत वो सूरज नही है जो चमके और डुब जाये।
राजपूत नाम है उस साॅस का।
जो चले तो जिंदगी और थमे तो मौत बन
जाये।...........
अभी तक हम इतने भी मामूली नहीं हुए...." कि.....
किसी के दिल में बसना चाहे और वो इनकार कर
दे...."
जो मिटा सके हमारी शोहरत के पन्ने.......
वो दम किसी में कहाँ.
शूक्र है तलवारें म्यान के अन्दर है वरना. जो टिक
सके हमारें सामने वो सर कहाँ !!!
रानी नहीं तो क्या हूआ.. यह राजा आज
भी लाखों दिलों पर राज करता हैं.!!
बंदुक और तलवार जैसै खिलेोने बाजार मे बहुत
बिकते है ।।
पर उसे चलाने का जिगर
दुिनया के किसी भी बाजार मे
नही बिकता ----->
"मदॅ" उसे लेकर पैदा होता हे.... ॥
किसी ने पुछा
राजपूत
की जनसंख्या इतनी कम
क्यों है ???
राजपूत ने उतर देते हुए कहा - यह प्रकृति का नियम
है यदि शेरों (राजपूत)
को बढा दिया जाए
तो दुसरी प्रजातियाँ खतरे मे पड़ जाएगी ।।
कोशिश तो सब करते है, लेकिन सबको हासिल
ताज नही होता ।
शोहरत तो कोई भी कमा ले, पर
बन्ना वाला अंदाज नही होता ।
उस दिन भी कहा था
आज भी कह रहा हु...
"उम्र छोटी है लेकिन जज्बा दुनिया को मुट्ठी में
रखने का रखता हूँ ¶
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्युंकी
मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओग.....
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए
तो बस "नाम" ही काफी हे.........
लोग कहते है तुजे तेरी " बन्ना गीरी"
एक दिन मरवायेंगी...
मैने प्यार से कहा- क्या करु ?
सबको " बन्ना गीरी
आती नही और मेरी जाती नही !......
..सिंह का मुखोटा लगाकर कोई शेर
नहीं बनता...
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप
नहीं बनता...
रणभूमी में पता चलता हे योद्धाओ का...
मुछो की मरोड़ी लगाने से कोई राजपूत
नहीं बनता...
कुछ हुनर खून में होते हे सिखाये
नहीं जाते...
यु दंड बैठक लगाने से कलेजा राजपूत
का नहीं बनता...

Wednesday 15 October 2014

Well said- Struggle makes person strong


"I slept on benches and
everyday borrowed 20Rs
from friend to travel to
film city"
- Sharukh khan
"I failed in 8th standard "
-Sachin Tendulkar
"During my secondary
school, I was dropped
from school basketball
team"
-MichelI Jordan
"I was rejected for the
job in All India Radio
bcoz of my heavy voice"
- Amitabh Bacchan
"I used to work in petrol
pump"
- Dhirubhai Ambani
"I was rejected in the
interview of Pilot"
- Abdul Kalam
"I didn't even complete
my university education"
- Bill Gates
"I was a dyslexic kid"
- Tom Cruize
"I was raped at the
age of 9 "
- Oprah Winfrey
"I used to serve tea at
a shop to support my
football training"
- Lionel Messi
"I used to sleep on the
floor in friends rooms,
returning Coke bottles
for food, money, and
getting weekly free
meals at a local temple"
-Steve Jobs
"My teachers used to
call me a failure"
- Tony Blair
"I was in prison for 27
years"
-Nelson Mandela
and here comes the
"THALIVA"
"At the age of 30, I was
a bus conductor"
-Rajnikant
"Friends, there are
many such people who
struggled..
Life is not about what
you couldn't do so far,
it's about what you can
still do.
Wait n dont ever give up..
Miracles happen every
day....
                             
Rs.20 seems too much
to give a beggar but it
seems okay when its
given as tip at a fancy
restaurant.
After a whole day of
work, Hours at the gym
seem alright but helping
your Mother out at home
seems like a burden.
Praying to god for 3 min
takes too much time but
watching a movie for 3
hours doesn't.
Two poor starving kids
sitting on the pavement
weren't given even a slice
of Bread but a painting of
them sold for lakhs of
Rupees.
We don't think twice
About forwarding jokes
But we will rethink about
sending this message on.
Think about It..
Make a change..

Monday 13 October 2014

Diwali bonus to be announced shortly

राजस्थान के लाखों कर्मचारियों जल्द
मिलेगा दिवाली तोहफा!

शिक्षा संवाददाता
Subhash Choudhary सुभाष चौधरी
Mon, 13 Oct 2014 13:18:00 |
जयपुर। राज्य सरकार का वित्त विभाग
दीपावली पर राजस्थान के 4 लाख से
अधिक कर्मचारियों को बोनस देने
की तैयारी में जुट गया है।
वित्त विभाग ने बोनस देने
संबंधी पत्रावली को मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे के पास भेज दिया है।
कर्मचारियों के बोनस पर लगभग 200 करोड़
रूपए
का खर्चा आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंगापुर यात्रा से लौटने
के
बाद पत्रावली पर
स्वीकृति देंगी।
राजस्थान में चार लाख कर्मचारियों के साथ
पंचायती राज संस्थाओं, बोर्ड और निगमों में लगे
कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा।

Friday 10 October 2014

How To Live & Die - Khushwant Singh

Very nice article by Khushwant Singh 😊
 How To Live & Die
-  Khushwant Singh
 ⛄⛄⛄⛄⛄⛄⛄⛄⛄
I’ve often thought about what it is that makes people happy—what one has to do in order to achieve happiness.

1- First and foremost is good health. If you do not enjoy good health, you can never be happy. Any ailment, however trivial, will deduct something from your happiness.

2- Second, a healthy bank balance. It need not run into crores, but it should be enough to provide for comforts, and there should be something to spare for recreation—eating out, going to the movies, travel and holidays in the hills or by the sea. Shortage of money can be demoralising. Living on credit or borrowing is demeaning and lowers one in one’s own eyes.

3- Third, your own home. Rented places can never give you the comfort or security of a home that is yours for keeps. If it has garden space, all the better. Plant your own trees and flowers, see them grow and blossom, and cultivate a sense of kinship with them.

4- Fourth, an understanding companion, be it your spouse or a friend. If you have too many misunderstandings, it robs you of your peace of mind. It is better to be divorced than to be quarrelling all the time.

5- Fifth, stop envying those who have done better than you in life—risen higher, made more money, or earned more fame. Envy can be corroding; avoid comparing yourself with others.

6- Sixth, do not allow people to descend on you for gup-shup. By the time you get rid of them, you will feel exhausted and poisoned by their gossip-mongering.

7- Seventh, cultivate a hobby or two that will fulfill you—gardening, reading, writing, painting, playing or listening to music. Going to clubs or parties to get free drinks, or to meet celebrities, is a criminal waste of time. It’s important to concentrate on something that keeps you occupied meaningfully.

8- Eighth, every morning and evening devote 15 minutes to introspection. In the mornings, 10 minutes should be spent in keeping the mind absolutely still, and five listing the things you have to do that day. In the evenings, five minutes should be set aside to keep the mind still and 10 to go over the tasks you had intended to do.

9- Ninth, don’t lose your temper. Try not to be short-tempered, or vengeful. Even when a friend has been rude, just move on.

10- Above all, when the time comes to go, one should go like a man without any regret or grievance against anyone.

New Pension Scheme (NPS) Circular & guidelines


New Pension Scheme (NPS) Circular
Aug 21, 2014 @ 10:45:00 AM
एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के
लिए शुरूकी गईअंशदायी पेंशन योजना के संबंध में
पहली बार वित्त विभागद्वारा गाइड
लाइनजारी की गई हैं। इसमें फंड मैनेजरों के पास
जमा राशि के भुगतानसंबंधी प्रक्रिया स्पष्ट की गई है।
वित्त विभाग द्वारा 6 अगस्तको जारी पत्र के मुताबिक
रिटायरमेंट पर अध्यापकों अंशदान देनेवाले अन्य
कर्मचारियों को कुल
जमा राशि का 60फीसदी एकमुश्त भुगतान कर
दिया जाएगा। शेष 40फीसदी का भुगतान मासिक पेंशन
के रूप में किया जाएगा।
वहीं अगर कोई कर्मचारी या अध्यापक रिटायरमेंट के
पहलेही नौकरी छोड़ता है
तो उसकी 80फीसदी राशि की एन्युटी खरीदी जाएगी।
एवं 20 फीसदी का एकमुश्त भुगतान होगा। अगर
सेवा काल केदौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु
हो जाती है तो उसकेनॉमिनी या वैध
उत्तराधिकारी को एकमुश्तराशि का भुगतान
किया जाएगा।
अंशदायी पेंशन योजना में
10फीसदी राशि अध्यापकया कर्मचारी के वेतन से ,
इतनी ही राज्य सरकारद्वारा जमा कराई जाएगी।
अध्यापकों के को मैनेज करनेका काम7 वित्तीय संस्थाएं
करेंगी। इनमें से किसी एक
का चयन अध्यापक या अन्य कर्मचारी खुद कर सके !


Thursday 9 October 2014

चीन को सबक सिखाने का बेहतरीन तरीका

दुनिया में सबसे बड़ी फ़ौज सोवियत संघ के पास
थी ,जिसका खर्चा वह भारत जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार
बेच कर उठाता था ,परन्तु जब अमेरिका और फ़्रांस उससे बहुत कम
कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत का बाजार टूट
गया और ९० के दसक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में
असमर्थ हो गया परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन
राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी इस प्रकार सोवियत संघ का पतन
हो गया .चीन के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने
सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार
में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के
अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है .लगभग रोज चीन
भारतीय सीमा में घुस आता है, परन्तु वह बियात्नाम युद्ध के बाद
इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई लड़ सके, यदि चीन
को बिना एक गोलीचलाये सबक सिखाना है तो सबसे
अच्छा तरीका यही है की हर भारतीय
चीनी सामानों का बहिस्कार करे, क्योकि दुनिया का सबसे
बड़ा बाजार भारत है ,कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छीन
जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.मै हर भारतीय से
अनुरोध करता हु की वह चीनी सामान लेना बंद कर दे...!!
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धन्यबाद
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बॉर्डर पर जंग नही लड़ सकते पर इतना तो कर सकते हैं। —