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Tuesday, 2 June 2015

गाड़ी में कम पैट्रोल डालते है पम्प कर्मी

कैसे आपकी गाड़ी में कम पैट्रोल डालते है पम्प कर्मी । एक पत्रकार की विवेचना ।

कैसे पेट्रोल पंप वाले डालते है आपकी गाडी में कम पेट्रोल –जानकर चौंक पड़ेंगे आप
कैसे चोरी होता है पेट्रोल, कैसे लगती है आपकी जेब पर चपत, समझिए -
कोहराम टीम को काफी दिनों से पेट्रोल पम्पो द्वारा कम पेट्रोल डाले जाने की सूचनाये मिल रही थी,लेकिन ये बात समझ में नही आ पा रही थी की जब मीटर चलता है तो ये पेट्रोल पंप वाले कम पेट्रोल कैसे डाल देते है इसी उधेड़बुन को लेकर कोहराम का एक रिपोर्टर पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल डलवाने गया जहाँ से ये शिकायते आ रही थी.
पढ़िए रिपोर्टर की ज़ुबानी
जब में पेट्रोल पम्प पर पहुंचा तब मुझसे पहले दो और लोग पेट्रोल डलवा रहे थे इसीलिएमैंने भी अपनी बाइक लाइन में लगा दी और गौर से कर्मचारियों के पेट्रोल डालने का निरिक्षण करने लगा,मुझसे पहले मारुती स्विफ्ट वाला पेट्रोल डलवा रहा था उसने एक हज़ार रुपए का नोट गाडी के अन्दर से ही कर्मचारी को दिया चूँकि बारिश हो रही थी इसीलिए ड्राईवर ने बाहर आना उचित नही समझा,कर्मचारी ने पहले मीटर शून्य किया फिर उसमे हजार रुपए फीड किये और नोज्ज़िल लेकर पेट्रोल डालने लगा इस समय में ये सोचने में व्यस्त था की जब मीटर में हज़ार रुपए फीड कर दिए गये है तो निसंदेह हज़ार का ही पेट्रोल निकलेगा,फिर मैंने सोचा अगर मीटर में कुछ गड़बड़ नही है तो फिर आखिर ये लोग कैसे लोगो को बेवक़ूफ़ बनाकर कम पेट्रोल डाल देते है हो सकता है मुझसे झूठी शिकायत मिली हो.
बस यही सोचते सोचते मेरे सीधा ध्यान नोज़िल पर था तभी मुझे अचानक से कर्मचारी के हाथ में कुछ हरकत महसूस हुई उसने इतने धीरे से हाथ हिलाया की पास खड़े शक्श को भी संदेह न हो पाए लगभग 20 या 30 सेकंड बाद फिर उसने वही हरकत दोबारा की अब मुझे दाल में कुछ काल लगा की आखिर इसने दो बार हाथ में हरकत क्यूँ की जबकि नोज्ज़िल का स्विच एक बार दबा देने पर स्वत: पेट्रोल टंकी में गिरने लगता है. इतने में स्विफ्ट में 1000 Rs का पेट्रोल डालने के बाद उसने मुझसे आगे वाली बाइक में 100 का पेट्रोल डालना शुरू कर दिया, वही क्रिया फिर दोहराई पहले मीटर को शून्य किया फिर नोज्ज़िल टंकी में डालकर पेट्रोल डालने लगा लेकिन अचानक से उसने हाथ में फिर हरकत की लेकिन इस बार की हरकत 20 या 30 सेकंड की न होकर 8 से10 सेकंड की थी. अब मुझे समझ में आ गया हो न हो इसके नोज्ज़िल में ही कुछ गड़बड़ है.
खैर उसके बाद मेरा नम्बर भी आ गया मैंने 200 रुपए देकर पेट्रोल डालने को कहा उसने फिर मीटर जीरो किया और नोज्ज़िल डालकर पेट्रोल डालने लगा, इस बार मेरा पूरा ध्यान कर्मचारी की उंगलियों पर था अभी नोज्ज़िल डाले कुछ ही सेकंड बीते होंगे की उसने उंगलियों में कुछ हरकत की लेकिन में पहले से ही तैयार था तो उसके हरकत करते ही मैंने उसका हाथ पकड़कर नोज्ज़िल बाहर खीचं लिया ,इस हरकत से कर्मचारी घबरा गया और मेरी बाइक भी लड़खड़ा गयीलेकिन ये क्या नोज्ज़िल से तो पेट्रोल आ ही नही रहा था.?
होता कुछ यूं है की जिस नोज्ज़िल से कर्मचारी पेट्रोल डालते है उसका सम्बन्ध मीटर से होता है अगर मीटर में 200 रुपए का पेट्रोल फीड किया गया है तो एक बार नोज्ज़िल का स्विच दबाने पर स्वत 200 रुपए का पेट्रोल डल जायेगा उसे ऑफ करने की कोई ज़रूरत नही पड़ती, स्विच सिर्फ मीटर को ऑन करने के लिए होता है उसका ऑफ से कोई सम्बन्ध नही होता क्यूंकि मीटर फीड की हुई वैल्यू खत्म होने पर रुक जाता है अगर पेट्रोल डालते समय नोज्ज़िल का स्विच बंद कर दिया जाये तो मीटर चलता रहता है लेकिन नोज्ज़िल बंद होने की वजेह से पेट्रोल बाहर नही निकलता, इसी बात का फायदा उठकर कर्मचारी करते ये है की जब भी कोई पेट्रोल डलवाता है तो बीच बीच में स्विच ऑफ कर देते है जिससे रुक रुक कर पेट्रोल टंकी में जाता है और हम कंपनी को कम mileage की गाड़ी कहकर कोसकर चुप हो जाते है.
फर्ज़ कीजिये आप पेट्रोल पम्प पर गये और 200रुपए का पेट्रोल डलवाया 200 रुपए का पेट्रोल डलने में 30-45 सेकंड का समय लगता है आपका सारा ध्यान मीटर की रीडिंग पढने में निकल जाता है और अगर ये लोग 10 सेकंड के लिए भी स्विच ऑफ करते है तो समझ लीजिये आपका 50 रुपए का पेट्रोल कम डाला गया है.

कृपया सभी लोग आगे से जब भी पेट्रोल लेने जाएं और यदि आपके साथ भी ऐसा हो तो इसका कड़ा विरोध करें

Dr. APJ Abdul Kalam- Inspiring instance

There were about 70 scientists working on a very hectic project. All of them were really frustrated due to the pressure of work and the demands of  their boss but everyone was loyal to him and did not think of quitting the job.

One day, one scientist came to his boss and told him : "Sir, I have promised my children that I will take them to the exhibition going on in our township. So I want to leave the office at 5:30 pm today."

His boss replied "OK, You're permitted to leave the office early today".

The Scientist started working. He continued his work after lunch. As usual he got involved to such an extent that he looked at his watch when he felt close to completion.The time was 8.30 PM. Suddenly he remembered the promise he had given to his children.

He looked for his boss, he was not there. Having told him in the morning itself, he closed everything and left for home.

Deep within himself, he was feeling guilty for having disappointed his children. He reached home. Children were not there. His wife was alone, sitting in the hall and reading magazines.

The situation was explosive, any talk would boomerang on him. His wife asked him, "Would you like to have coffee, or shall I straightaway serve dinner if you are hungry?".

The man replied "If you would like to have coffee, I too will have but what about the children ??"

Wife replied, "You don't know ?? Your manager came here at 5.15 PM and has taken the children to the exhibition! "

What had really happened was ... The boss who granted him permission was observing him working seriously at 5.00 PM. He thought to himself, this person will not leave the work, but if he has promised his children, they should enjoy the visit to exhibition. So he took the lead in taking them to exhibition.

The boss does not have to do it everytime. But once it is done, loyalty is established.

That is why all the scientists at Thumba continued to work under their boss, even though the stress was tremendous.

By the way, can you guess who the boss was ????????

He was none other than Dr. APJ Abdul Kalam, Ex-President of India...!!!

Monday, 1 June 2015

Sounds anti feminist but interesting

Two young ladies arrived a Meeting wearing clothes that were quite revealing their body parts. Here is what the Chairman told them:He took a good look at them and made them sit.Then he said something that, they might never forget in their life. He looked at them straight in the eyes and said; "ladies, everything that God made valuable in this world is well covered and hardly to see, find or get.
1. Where do you find diamonds? Deep down in the ground, covered and protected.
2. Where do you find pearls? Deep down at the bottom of the ocean, covered up and protected in a beautiful shell.
3. Where do you find gold? Way down in the mine, covered over with layers of rock and to get them, you have to work hard & dig deep down to get them.
He looked at them with serious eyes and said;
"Your body is sacred & unique" You are far more precious than gold, diamonds and pearls, and you should be covered too."So he added that, if you keep your treasured mineral just like gold, diamond and pearls, deeply covered up, a reputable mining organization with the requisite machinery will fly down and conduct years of extensive exploration.
First, they will contact your government (family), sign professional contracts (wedding) and mine you professionally( legal marriage).But if you leave
your precious minerals uncovered on the surface of the earth, you always attract a lot of illegal miners to come and mine you illegally.Everybody will just pick up their crude instruments and just have a dig on you just freely like that. Keep your
bodies deeply covered so that it invite professional miners to chase you.
Let us all encourage our wives, friends and daughters to dress well and decent.

Thursday, 28 May 2015

DA MERGING DECISION APPROVED BY CENTRAL GOVT.

केन्द्रीय कर्मचारियों की बल्ले बल्ले केन्द्र सरकार ने केबिनेट की बैठक में 50% डी ए बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया है यह आदेश दिनाँक 01/01/ 2015से मान्य होगा | अब डी ए मर्ज होने के बाद कुल डी ए 63% होगा |

जीवन में काम की बाते

जीवन में काम की बातें
1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ..!
2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंशा करो..!
3. खुद की भुल स्वीकार ने मेँ कभी भी संकोच मत करो..!
4. किसी के सपनो पर हँसो मत..!
5. आपके पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी कभी आगे जाने का मौका दो..!
6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुए देखे..!
7. खुब जरुरी हो तभी कोई चीज उधार लो..!
8. किसी के पास से कुछ जानना हो तो विवेक से दो बार पुछो..!
9. कर्ज और शत्रु को कभी बडा मत होने दो..!
10. ईश्वर पर पुरा भरोशा रखो..!
11. प्रार्थना करना कभीमत भुलो, प्रार्थना मेँ अपार शक्ति होती है..!
12. अपने काम से मतलब रखो..!
13. समय सबसे ज्यादा किमती है, इसको फालतु कामो मेँ खर्च मत करो..!
14. जो आपके पास है, उसी मेँ खुश रहना सिखो..!
15. बुराई कभी भी किसी कि भी मत करो करो,
क्योकिँ बुराई नाव मेँ छेद समान है, बुराई छोटी हो बडी नाव तो डुबोही देती है..!
16. हमेशा सकारात्मक सोच रखो..!
17. हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता बस उस हुनर को दुनिया के सामने लाओ..!
18. कोई काम छोटा नही होता हर काम बडा होता है जैसे कि सोचो जो काम आप कर रहे हो अगर आप वह काम आप नही करते हो तो दुनिया पर क्या असर होता..?
19. सफलता उनको ही मिलती है जो कुछकरते है
20. कुछ पाने के लिए कुछ खोना नही बल्कि कुछ करना पडता है

Tuesday, 26 May 2015

गुड बाय, मॉम

गुड बाय, मॉम

सुपर मार्केट में शॉपिंग करते हुए एक युवक ने नोटिस किया कि एक बूढ़ी अम्मा उसका पीछा कर रही है।
वो रुकता तो बूढ़ी अम्मा रुक जाती।
वो चलता तो बूढ़ी अम्मा भी चलने लगती।

आखिर एक बार वो युवक के करीब आई और बोली---" बेटा, मेरे कारण तुम परेशान हो रहे हो। लेकिन तुम बिलकुल मेरे स्वर्गवासी बेटे जैसे दिखते हो इसलिए मैं तुम्हे देखते हुए तुम्हारे पीछे पीछे चल रही हूँ। "

युवक---" कोई बात नहीं, अम्मा जी। मुझे कोई परेशानी नहीं। "

बूढ़ी अम्मा---" बेटा, मैं जानती हूँ कि, तुम्हे अजीब लगेगा। लेकिन जब मैं स्टोर से जाऊँ तब क्या तुम मुझे एक बार ' गुड बाय, मॉम ' कहोगे, जैसा मेरा बेटा कहा करता था। मुझे बेहद ख़ुशी होगी, बेटा। "

युवक---" जी, जरूर। "

फिर, बूढ़ी अम्मा जब बाहर जाने लगी तब युवक ने जोर से आवाज लगाई---" गुड बाय, मॉम। "

बूढी अम्मा पलटी और बहुत स्नेह से युवक की तरफ देखा, मुस्कुराई और चली गई।
युवक भी बहुत खुश हुआ कि, आज वह किसी की मुस्कान का कारण बन सका।

सामान ट्रॉली में रखकर युवक काउंटर पर पहुँचा और बिल पूछा।
क्लर्क ने कहा---" 32 हजार रूपये। "

युवक---" इतना ज्यादा बिल कैसे ? मैंने तो मात्र 5 आइटम खरीदे हैं, जिनकी कीमत मुश्किल से दो - ढाई हजार होगी। "

क्लर्क---" सही कहा,सर.....लेकिन आप की मॉम बोलकर गयीं हैं कि, उन्होंने जो खरीदारी की है, उसका बिल आप पे करोगे। "

आप ने सोचा होगा कि ये जरूर कोई आँखों में आंसू ला देने वाली कहानी होगी। लेकिन......
Every day is not Mother's Day.

Monday, 25 May 2015

निम्बू या lemon ke गुण

‪नींबू विटामिन- सी का महत्वपूर्ण स्रोत है। वैसे तो सभी प्रकार के नींबू गुणों से भरपूर होते हैं किन्तु कागजी नींबू सबसे अच्छा माना जाता है। प्रस्तुत है नींबू के औषधीय गुण और घरेलू नुस्खें। आप भी इन्हें आजमाइए।
1) बाल गिरने, बालों के सफेद होने पर, सिर में रूसी व जुएं होने पर नींबू के रस में आंवले का चूर्ण मिलाकर सिर धोने से फायदा होता है।
2) चावल बनाते समय नींबू के रस की कुछ बूंदे डाल देने से चावल एक दूसरे से जुड़ते नहीं हैं और खिले-खिले तैयार होते हैं।
3) मुंहासे दूर करने के लिये चौथाई नींबू का रस निचोड़ कर उसमें थोड़ी से मलाई मिलाकर इसे एक महीने तक चेहरे पर लगाते रहने से चेहरे पर निखार आ जाता है तथा मुंहासे दूर होते हैं।
4) नींबू के रस में काली मिर्च, धनिया और भुना हुआ जीरा मिलाकर सेवन करने से पेट का विकार दूर होता है।

Sunday, 24 May 2015

Man O Man!

Man O Man!
When without money,
eats vegetables at home;
When has money,
eats the same vegetables in a fine restaurant.
When without money, rides bicycle;
When has money rides the same ‘exercise machine’.
When without money walks to earn food
When has money, walks to burn fat;
Man O Man! Never fails to deceive thyself!
When without money,
wishes to get married;
When has money,
wishes to get divorced.
When without money,
wife becomes secretary;
When has money,
secretary becomes wife.
When without money, acts like a rich man;
When has money acts like a poor man.
Man O Man! Never can tell the simple truth!
Says share market is bad,
but keeps speculating;
Says money is evil,
but keeps accumulating.
Says high Positions are lonely,
but keeps wanting them.
Says gambling & drinking is bad,
but keeps indulging;
Man O Man! Never means what he says and never says what he means

The mighty fate

A bus full of passengers was traveling while. suddenly the weather changed and there was a huge downpour and lightening all around.

They could see that the lightening would appear to come towards the bus and then go elsewhere.

After 2 or 3 horrible instances of being saved from lightening, the driver stopped the bus about fifty feet away from a tree and said -

"We have somebody in the bus whose death is a certainty today."

Because of that person everybody else will also get killed today.

Now listen carefully what I am saying ..

I want each person to come out of bus one by one and touch the tree trunk and come back.

Whom so ever death is certain will get caught up by the lightening and will die & everybody else will be saved".

They had to force the 1st person to go and touch the tree and come back.

He reluctantly got down from the bus and went and touched the tree.

His heart leaped with joy when nothing happened and he was still alive.

This continued for rest of the passengers who were all relieved when they touched the tree and nothing happened.

When the last passenger's turn came, everybody looked at him with accusing eyes.

That passenger was very afraid and reluctant since he was the only one left.

Everybody forced him to get down and go and touch the tree.

With a 100% fear of death in mind, the last passenger walked to the tree and touched it.

There was a huge sound of thunder and the lightening came down and hit the bus - yes the lightening hit the bus, and killed each and every passenger inside the bus.

It was because of the presence of this last passenger that, earlier,the entire bus was safe and the lightening could not strike the bus.

LIFE LEARNING from this..

At times, we try to take credit for our present achievements, but this could also be because of a person right next to us.

Look around you - Probably someone is there around you, in the form of Your Parents, Your Spouse, Your Children, Your Siblings, Your friends, etc, who are saving you from harm..!

Think About it..

You will surely find that Person..!!

Friday, 22 May 2015

आपकी पहचान एक "बॉडी"??

जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है।
अरे
"बॉडी" लेकर आइये,
"बॉडी" को उठाइये,
"बॉडी" को सूलाइये
ऐसे शब्दो से आपको पूकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नही पुकारते ,
जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी।

इसीलिए निर्मिती" को नही
निर्माता" को  प्रभावित करने के लिये जीवन जियो।

जीवन मे आने वाले हर चूनौती को स्वीकार  करे।......
अपनी पसंद की चिजो के लिये खर्चा किजिये।......
इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।....

आप कितना भी बूरा नाचते हो ,
फिर भी नाचिये।......
उस खूशी को महसूस किजिये।......
फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दिजिये।......
बिलकुल छोटे बच्चे बन जायिये।

क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।
लॉस तो वो है
के आप जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चूकी है।.....

हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,
"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,

"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,

"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,

"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,
"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,

"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,

"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,

Thursday, 21 May 2015

असफलताओं को छुपाने के लिए हज़ार बहाने होते है लेकिन सफलता के लिए केवल 1 शुरुआत की ज़रूरत पड़ती है

असफलताओं को छुपाने के लिए हज़ार बहाने होते है लेकिन सफलता के लिए केवल 1 शुरुआत की ज़रूरत पड़ती है 1 बार ज़रूर पढ़ें
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1- मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला...
उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला ।
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2- मै इतनी बार हार चूका , अब हिम्मत नही...
अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने।
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3- मै अत्यंत गरीब घर से हूँ ...
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे ।
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4- बचपन से ही अस्वस्थ था...
आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी ।
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5 - मैने साइकिल पर घूमकर आधी ज़िंदगी गुजारी है...
निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी ज़िंदगी गुजारी ।
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6- एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी...
प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है ।
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7- मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है...
थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जता था।
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8- बचपन मे ही मेरे पिता का देहाँत हो गया था...
प्रख्यात संगीतकार ए.आर.रहमान के पिता का भी देहांत बचपन मे हो गया था।
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9- मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी...
लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी।
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10- मेरी लंबाई बहुत कम है...
सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है।
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11- मै एक छोटी सी नौकरी करता हूँ ,
इससे क्या होगा...
धीरु अंबानी भी छोटी नौकरी करते थे।
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12- मेरी कम्पनी एक बार दिवालिया हो चुकी है ,
अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा...
दुनिया की सबसे बङी शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी दो बार दिवालिया हो चुकी है ।
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13- मेरा दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है ,
अब क्या कर पाउँगा...
डिज्नीलैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।
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14- मेरी उम्र बहुत ज्यादा है...
विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड चिकेन के मालिक ने 60 साल की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला था।
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15- मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है पर लोग अस्वीकार कर देते है...
जेराँक्स फोटो कापी मशीन के आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने
अस्वीकार किया था पर आज परिणाम सामने है ।
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16- मेरे पास धन नही...
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था
उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पङे।
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17- मुझे ढेरो बीमारियां है..
वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी अनेको बीमारियो मे थे |
राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर काम नही करते थे।
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आज आप जहाँ भी है या कल जहाँ भी होगे
इसके लिए आप किसी और को जिम्मेदार नही ठहरा सकते ,
इसलिए आज चुनाव करिये - सफलता और सपने चाहिए
या खोखले बहाने ...
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Importance of life partner

One day, during an evening class for adults, the psychology Teacher entered the class and told students, “Let’s all play a game!” “ What Game?”
The Teacher asked one of the students to volunteer.

A lady, Aliza came forward.

The Teacher asked her to write 30 names of most important people in her life on blackboard.

Aliza wrote names of her family members, relatives, friends, her colleagues and her neighbors.

The Teacher told her to erase 3 names that Aliza considered most unimportant.
Aliza erased names of her colleagues.
The Teacher again told her to delete 5 more names. Aliza erased her neighbor's names.

This went on until there were just four names left on the blackboard. These were names of her mother, father, husband and the only son...

The entire class became silent  realizing that this wasn’t a game anymore for Aliza alone.

Now, The Teacher told her to delete two more names.

It was a very difficult choice for Aliza.
She unwillingly deleted her parents names.

“Please delete one more” said the Teacher.

Aliza became very nervous and with trembling hands and rears in eyes she deleted her son’s name. Aliza cried  painfully...

The Teacher told Aliza to take her seat.
After a while Teacher asked "why your husband?? The parents are the ones that nurtured you, and the son is the one you gave birth to ??? And you can always find another husband !!!"

Total silence in the class.
Everyone was curious to know her response.

Aliza calmly and slowly said, “One day my parents will pass away before me.
My son may also leave me when he grows old, for his studies or business or whatever reason. The only one who will truly share his entire life with me, is my Husband”.

All the students stood up and applauded for her for sharing this truth of life.

This is true. So always value your life partner, it's not only for husbands but wives as well.
God has united these two souls and it's on you now to nurture this relationship above all.

स्टेटस अपडेट करते समय रहें सावधान

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फेसबुक पर...वाट्सएप पर...आप स्टेटस अपडेट करते हैं। फोटोज पोस्ट करते हैं। लेकिन आप की ये सोशल अपडेटिंग स्मार्ट चोरों को भी उपडेट करती है क्या आप जानते हैं ?

'ऑन गोवा टूर विथ फॅमिली' ऐंसा अपडेट एयरपोर्ट से ही पोस्ट कर दिया गया। एक कॉमन फ्रेंड की एक्टिविटी से स्मार्ट चोरों की नजर में आया और चोरों ने घर खाली कर डाला।

' जन्मदिन पर उपहार में हीरे की अंगूठी मिली है, कल स्कूल में पहनकर जाऊँगी ' यह स्टेटस एक स्कूल गर्ल ने फेसबुक पर पोस्ट किया। अगले दिन स्कूल से घर आते समय उसी के फेसबुक फ्रेंड ने अंगूठी लूट ली।

अपनी दादी के पुराने गहनों के रखरखाव में मदद कर रही नातिन ने उन गहनों की तस्वीरें खींचकर ' फीलिंग रिच ' कैप्शन के साथ फेसबुक पर अपलोड कर दी। रात को ही दादी के घर चोरी हो गयी।

' एक कार्यक्रम में शामिल होने इतने बजे अमुक स्थान पर जा रहे हैं ' इस स्टेटस ने भी चोरों को मौक़ा दे दिया।

' दो सप्ताह के लिए लंदन प्रवास पर जा रहे हैं ' इस स्टेटस का फायदा भी चोरों ने उठाया और फुरसत से खाली घर को लूटा।

देश विदेश में उपरोक्त जैसे ढेरों उदाहरण हैं। इसलिए जरूरी है कि सोशल एक्टिविटी में व्यस्त लोगों को सावधान किया जाए।

आजकल छुट्टियों का मौसम है। परिवार के साथ बाहर जाना या काम के सिलसिले में दौरे पर जाना ऐंसे समय एयरपोर्ट अथवा रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर आपके पास सोशल साइट्स पर चेक इन के लिए भरपूर समय होता है।यहीं आप चोरों को क्लू पोस्ट कर देते हैं जो आप के लिए घातक साबित होता है।

साइबर क्राइम के विशेषज्ञों का मानना है कि, बाहर जाकर आप जो स्टेटस और फोटोज शेयर करते रहते हैं वो चोरों के लिए वरदान बन जाता है।

इसलिए अपने घूमने की जगहों पर जाकर साइट्स पर चेक इन करना, फोटो अपलोड करना बंद कीजिये। तब ये डिजिटल युग के स्मार्ट चोर आप से दूर रहेंगे।

स्टेटस अपडेट टालिए।

आप की सोशल प्रोफाइल पर चोरों की नजर रहती है।
इसलिए टूर समाप्त होने के बाद घर आकर अपनी तमाम उपलब्धियाँ, अपने अनुभव, अनोखी तस्वीरें सब कुछ आराम से, फुरसत से शेयर कीजिये।

आप की अनुपस्थिति में आपका सोशल अकाउंट स्मार्ट चोरों के लिए निमंत्रण पत्र का काम कर सकता है ये हमेशा अपने ध्यान में रखिये और ऐंसी कोई पोस्ट मत कीजिये जो चोरों का काम आसान कर दे।

जनहित में जारी.........
द्वारा.....
एडवोकेट ललित पुरोहित
जोधपुर।
( साइबर कानून और सुरक्षा विशेषज्ञ )

Monday, 18 May 2015

I love this msg, its toooo goood

I love this msg, its toooo goood,  

* Worries at the start of the day means u r still alive... 

* Clothes that don't fit means u have a good appetite... 

* Tears in ur eyes means there is somebody u care for... 

* The mess to clean after party means u have friends around u... 

* Roof that needs fixing means u have got a house...

* Taxes to pay means u r not unemployed... 

* Msg on ur mobile means there is somebody who remembers u... 

Let's be optimistic in life because everything around u happens for a reason..

 Keep Smiling 

घंटानाद का विज्ञान

एक ज्ञान की बात .........
.
मंदिर में प्रवेश करने वाला प्रत्येक भक्त पहले घंटानाद करता है और मंदिर में प्रवेश करता है।
   क्या कारण है इसके पीछे?
इसका एक वैज्ञानिक कारण है..
जब हम बृहद घंटे के नीचे खड़े होकर सर ऊँचा करके हाथ उठाकर घंटा बजाते हैं, तब प्रचंड घंटानाद होता है।
यह ध्वनि 330 मीटर प्रति सेकंड के वेग से अपने उद्गम स्थान से दूर जाती है,
ध्वनि की यही शक्ति कंपन के माध्यम से प्रवास करती है।
आप उस वक्त घंटे के नीचे खडे़ होते हैं। अतः ध्वनि का नाद आपके (सिर के ठीक ऊपर) में प्रवेश कर शरीरमार्ग से भूमि में प्रवेश करता है।यह ध्वनि प्रवास करते समय आपके मन में (मस्तिष्क में) चलने वाले असंख्य विचार, चिंता, तनाव, उदासी, मनोविकार..
इन समस्त नकारात्मक विचारों को अपने साथ ले जाती हैं,
और
आप निर्विकार अवस्था में परमेश्वर के सामने जाते हैं। तब
आपके भाव शुद्धतापूर्वक परमेश्वर को समर्पित होते हैं।
व घंटे के नाद की तरंगों के अत्यंत तीव्र के आघात से आस-पास के वातावरण के व हमारे शरीर के सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश होता है, जिससे वातावरण मे शुद्धता रहती है,
हमें स्वास्थ्य लाभ होता है।
इसीलिए मंदिर मे प्रवेश करते समय घंटानाद अवश्य करें,
और
थोड़ा समय घंटे के नीचे खडे़ रह कर घंटानाद का आनंद अवश्य लें।आप चिंतामुक्त व शुचिर्भूत बनेगें।
आप का मस्तिष्क ईश्वर की दिव्य ऊर्जा ग्रहण करने हेतु तैयार होगा। ईश्वर की दिव्य ऊर्जा व मंदिर गर्भ की
दिव्य ऊर्जाशक्ति आपका मस्तिष्क ग्रहण करेगा।
आप प्रसन्न होंगे और शांति मिलेगी..........

कर्मों  का फल

.....कर्मों  का फल तो झेलना पडे़गा।  
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
...
एक दृष्टान्त:-

भीष्म पितामह रणभूमि में
शरशैया पर पड़े थे।
हल्का सा भी हिलते तो शरीर में घुसे बाण भारी वेदना के साथ रक्त की पिचकारी सी छोड़ देते।

ऐसी दशा में उनसे मिलने सभी आ जा रहे थे। श्री कृष्ण भी दर्शनार्थ आये। उनको देखकर भीष्म जोर से हँसे और कहा.... आइये जगन्नाथ।.. आप तो सर्व ज्ञाता हैं। सब जानते हैं, बताइए मैंने ऐसा क्या पाप किया था जिसका दंड इतना भयावह मिला?

कृष्ण: पितामह! आपके पास वह शक्ति है, जिससे आप अपने पूर्व जन्म देख सकते हैं। आप स्वयं ही देख लेते।

भीष्म: देवकी नंदन! मैं यहाँ अकेला पड़ा और कर ही क्या रहा हूँ?  मैंने सब देख लिया ...अभी तक 100 जन्म देख चुका हूँ। मैंने उन 100 जन्मो में एक भी कर्म ऐसा नहीं किया जिसका परिणाम ये हो कि मेरा पूरा शरीर बिंधा पड़ा है, हर आने वाला क्षण ...और पीड़ा लेकर आता है।

कृष्ण: पितामह ! आप एक भव और पीछे जाएँ, आपको उत्तर मिल जायेगा।

भीष्म ने ध्यान लगाया और देखा कि 101 भव पूर्व वो एक नगर के राजा थे। ...एक मार्ग से अपनी सैनिकों की एक टुकड़ी के साथ कहीं जा रहे थे।
एक सैनिक दौड़ता हुआ आया और बोला "राजन!  मार्ग में एक सर्प पड़ा है। यदि हमारी टुकड़ी उसके ऊपर से गुजरी तो वह मर जायेगा।"

भीष्म ने कहा " एक काम करो। उसे किसी लकड़ी में लपेट कर झाड़ियों में फेंक दो।"

सैनिक ने वैसा ही किया।...उस सांप को एक लकड़ी में लपेटकर झाड़ियों में फेंक दिया।

दुर्भाग्य से झाडी कंटीली थी। सांप उनमें फंस गया। जितना प्रयास उनसे निकलने का करता और अधिक फंस जाता।... कांटे उसकी देह में गड गए। खून रिसने लगा। धीरे धीरे वह मृत्यु के मुंह में जाने लगा।... 5-6 दिन की तड़प के बाद उसके प्राण निकल पाए।
....
भीष्म: हे त्रिलोकी नाथ। आप जानते हैं कि मैंने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। अपितु मेरा उद्देश्य उस सर्प की रक्षा था। तब ये परिणाम क्यों?

कृष्ण: तात श्री!  हम जान बूझ कर क्रिया करें या अनजाने में ...किन्तु क्रिया तो हुई न। उसके प्राण तो गए ना।... ये विधि का विधान है कि जो क्रिया हम करते हैं उसका फल भोगना ही पड़ता है।.... आपका पुण्य इतना प्रबल था कि 101 भव उस पाप फल को उदित होने में लग गए। किन्तु अंततः वह हुआ।....

जिस जीव को लोग  जानबूझ कर मार रहे हैं... उसने जितनी पीड़ा सहन की.. वह  उस जीव (आत्मा) को इसी जन्म अथवा अन्य किसी जन्म में अवश्य भोगनी होगी।

ये बकरे, मुर्गे, भैंसे, गाय, ऊंट आदि  वही जीव हैं जो ऐसा वीभत्स कार्य पूर्व जन्म में करके आये हैं।... और इसी कारण पशु बनकर, यातना झेल रहे हैं। ... ...

...अतः हर दैनिक क्रिया सावधानी पूर्वक करें।.

Saturday, 16 May 2015

कर्मों  का फल

.....कर्मों  का फल तो झेलना पडे़गा।  
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एक दृष्टान्त:-

भीष्म पितामह रणभूमि में
शरशैया पर पड़े थे।
हल्का सा भी हिलते तो शरीर में घुसे बाण भारी वेदना के साथ रक्त की पिचकारी सी छोड़ देते।

ऐसी दशा में उनसे मिलने सभी आ जा रहे थे। श्री कृष्ण भी दर्शनार्थ आये। उनको देखकर भीष्म जोर से हँसे और कहा.... आइये जगन्नाथ।.. आप तो सर्व ज्ञाता हैं। सब जानते हैं, बताइए मैंने ऐसा क्या पाप किया था जिसका दंड इतना भयावह मिला?

कृष्ण: पितामह! आपके पास वह शक्ति है, जिससे आप अपने पूर्व जन्म देख सकते हैं। आप स्वयं ही देख लेते।

भीष्म: देवकी नंदन! मैं यहाँ अकेला पड़ा और कर ही क्या रहा हूँ?  मैंने सब देख लिया ...अभी तक 100 जन्म देख चुका हूँ। मैंने उन 100 जन्मो में एक भी कर्म ऐसा नहीं किया जिसका परिणाम ये हो कि मेरा पूरा शरीर बिंधा पड़ा है, हर आने वाला क्षण ...और पीड़ा लेकर आता है।

कृष्ण: पितामह ! आप एक भव और पीछे जाएँ, आपको उत्तर मिल जायेगा।

भीष्म ने ध्यान लगाया और देखा कि 101 भव पूर्व वो एक नगर के राजा थे। ...एक मार्ग से अपनी सैनिकों की एक टुकड़ी के साथ कहीं जा रहे थे।
एक सैनिक दौड़ता हुआ आया और बोला "राजन!  मार्ग में एक सर्प पड़ा है। यदि हमारी टुकड़ी उसके ऊपर से गुजरी तो वह मर जायेगा।"

भीष्म ने कहा " एक काम करो। उसे किसी लकड़ी में लपेट कर झाड़ियों में फेंक दो।"

सैनिक ने वैसा ही किया।...उस सांप को एक लकड़ी में लपेटकर झाड़ियों में फेंक दिया।

दुर्भाग्य से झाडी कंटीली थी। सांप उनमें फंस गया। जितना प्रयास उनसे निकलने का करता और अधिक फंस जाता।... कांटे उसकी देह में गड गए। खून रिसने लगा। धीरे धीरे वह मृत्यु के मुंह में जाने लगा।... 5-6 दिन की तड़प के बाद उसके प्राण निकल पाए।
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भीष्म: हे त्रिलोकी नाथ। आप जानते हैं कि मैंने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। अपितु मेरा उद्देश्य उस सर्प की रक्षा था। तब ये परिणाम क्यों?

कृष्ण: तात श्री!  हम जान बूझ कर क्रिया करें या अनजाने में ...किन्तु क्रिया तो हुई न। उसके प्राण तो गए ना।... ये विधि का विधान है कि जो क्रिया हम करते हैं उसका फल भोगना ही पड़ता है।.... आपका पुण्य इतना प्रबल था कि 101 भव उस पाप फल को उदित होने में लग गए। किन्तु अंततः वह हुआ।....

जिस जीव को लोग  जानबूझ कर मार रहे हैं... उसने जितनी पीड़ा सहन की.. वह  उस जीव (आत्मा) को इसी जन्म अथवा अन्य किसी जन्म में अवश्य भोगनी होगी।

ये बकरे, मुर्गे, भैंसे, गाय, ऊंट आदि  वही जीव हैं जो ऐसा वीभत्स कार्य पूर्व जन्म में करके आये हैं।... और इसी कारण पशु बनकर, यातना झेल रहे हैं। ... ...

...अतः हर दैनिक क्रिया सावधानी पूर्वक करें।.