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Friday 30 January 2015

सत्य वचन

अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो,,,
तरीके बदलो....., ईरादे नही..

जब सड़क पर बारात नाच
रही हो तो हॉर्न मार-मार के परेशान ना हो......
गाडी से उतरकर थोड़ा नाच लें...,
मन शान्त होगा।
टाइम तो उतना लगना ही है..!

इस कलयुग में
रूपया चाहे कितना भी गिर जाए,
इतना कभी नहीं गिर पायेगा,
जितना रूपये के लिए इंसान गिर चूका है...
सत्य वचन....

रास्ते में अगर मंदिर देखो तो,,,
प्रार्थना नहीं करो तो चलेगा
.
.
पर
रास्ते में एम्बुलेंस मिले तब प्रार्थना जरूर करना,,,
शायद कोई जिन्दगी बच जाये

जिसके पास उम्मीद हैं,
वो लाख बार हार के भी,
नही हार सकता..!

बादाम खाने से
उतनी अक्ल नहीं आती...
जितनी
धोखा खाने से
आती है.....!

एक बहुत अच्छी बात
जो जिन्दगी भर याद रखिये,,,
आप का खुश रहना
ही आप का बुरा चाहने वालों के लिए
सबसे बड़ी सजा है....!

खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते,
अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते...!

रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के
के दो पहलु हैं...
कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते खो जाते हैं,,,
और कभी रास्तो पर चलते चलते रिश्ते बन जाते हैं...!

बेहतरीन इंसान अपनी मीठी जुबान से ही जाना जाता है,,,,
वरना
अच्छी बातें तो दीवारों पर भी लिखी होती है...!

दुनिया में कोई काम "impossible" नहीं,,,
बस होसला और मेहनत की जरूरत है...l

पहले मैं होशियार था,
इसलिए दुनिया बदलने चला था,,,
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ...।।
इंसान दुनिया में तीन चीज़ो के लिए मेहनत करता है

1-मेरा नाम ऊँचा हो .
२ -मेरा लिबास अच्छा हो .
3-मेरा मकान खूबसूरत हो ..

लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीज़े
सबसे पहले बदल देता है

१- नाम = (स्वर्गीय )
२- लिबास = (कफन )
३-मकान = ( श्मशान )

जीवन की कड़वी सच्चाई जिसे हम समझना नहीं चाहते

ये चन्द पंक्तियाँ
जिसने भी लिखी है
खूब लिखी है

एक पथ्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है और भगवान बन जाता है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर भी पथ्थर ही रहते है ..!!
NICE LINE
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये अपनी सुन्दरता त्याग देती है.......
और
वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी माँ को त्याग देता है
********[**********]*****
जीवन में हर जगह
हम "जीत" चाहते हैं...

सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि
"हार" चाहिए।

क्योंकि

हम भगवान से
"जीत" नहीं सकते।

➖➖➖➖➖

ज़िन्दगी पल-पल ढलती है,

जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है...

शिकवे कितने भी हो हर पल,
फिर भी हँसते रहना...

क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।

Cute Letter from a newly married girl to her mother


Cute Letter from a newly married girl to her mother

Dear mom,

Like every normal girl, I was excited about marriage right from my childhood days. I never thought beyond the time that I would spend happily with my prince charming.

But today when I am married, I realize that marriage is not all roses. It’s not just about being with your beloved and having a gala time. There is so much more to it. It comes with its own share of responsibilities, duties, sacrifices and compromises.

I can’t wake up anytime I want to.
I am expected to be up and ready before everyone else in the family.
I can’t laze around in my pyjamas throughout the day.
I am expected to be presentable every time.
I can’t just go out anytime I want to.
I am expected to be sensitive to the needs of the family.
I just can’t hit the bed anytime I want to.
I am expected to be active and around the family.
I can’t expect to be treated like a princess but am supposed to take care of everyone else in the family.

And then I think to myself, ‘why did I get married at all?’ I was happier with you, mom. Sometimes I think of coming back to you and getting pampered again.

I want to come home to my favourite food cooked by you every evening after a nice outing with friends. I want to sleep on your laps like I have no worry in this world. But then I suddenly realize, had you not got married and made such sacrifices in your life, I wouldn’t have had so many wonderful memories to hang on to. And suddenly, the purpose of all this becomes clear- to return the same comfort, peace and happiness to my new family that I got from you.

And I am sure that as time would pass, I would start loving this life equally as you do. Thank you mom for all the sacrifices and compromises you made. They give me the strength to do the same. Love you.

It's an excellent article for all daughters

Do not forget to Share with ladies... respect all ladies and girls beside u as they make the world beautiful for u to live in.

Daughters are like music in the house..

When she speaks,
Speaks without a break..
& everyone says,
"chup bhi kar jao"

When she is silent,
mother says,
"tabiyat theek hai na"

Father says,
"aaj ghar mein khamoshi kyun hai"

Bhai says,
"naraaz ho kya"

and when she is married, all says,
"aisa lagta hai is ghar ki raunak hi chali gai"

She is the real non stop music..

Dedicated to emotional, cute, pretty, sweet & sincere girls

That's Me..
That's You..
That's a Girl..

=Proud
=To
=Be
=A
=Girl
kyu k sari ronaq hami se to hai..!!

Share with ur mother sister wife daughter brothers son dad husband & last but not the least all your friends male n female friends. Let all know what are girls.

Mumma's princess
Daddy's Angel
Husband's darling.

Wow girls ❤

Thursday 29 January 2015

देवदूत की तीसरी हँसी


मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को भेजा पृथ्वी पर। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था। देवदूत आया, लेकिन चिंता में पड़ गया। क्योंकि तीन छोटी-छोटी लड़कियां जुड़वां--एक अभी भी उस मृत स्त्री के स्तन से लगी है। एक चीख रही है, पुकार रही है। एक रोते-रोते सो गयी है, उसके आंसू उसकी आंखों के पास सूख गए हैं--तीन छोटी जुड़वां बच्चियां और स्त्री मर गयी है, और कोई देखने वाला नहीं है। पति पहले मर चुका है। परिवार में और कोई भी नहीं है। इन तीन छोटी बच्चियों का क्या होगा ?

उस देवदूत को यह खयाल आ गया, तो वह खाली हाथ वापस लौट गया। उसने जा कर अपने प्रधान को कहा कि मैं न ला सका, मुझे क्षमा करें, लेकिन आपको स्थिति का पता ही नहीं है। तीन जुड़वां बच्चियां हैं--छोटी-छोटी, दूध पीती। एक अभी भी मृत स्तन से लगी है, एक रोते-रोते सो गयी है, दूसरी अभी चीख-पुकार रही है। हृदय मेरा ला न सका। क्या यह नहीं हो सकता कि इस स्त्री को कुछ दिन और जीवन के दे दिए जाएं? कम से कम लड़कियां थोड़ी बड़ी हो जाएं। और कोई देखने वाला नहीं है।

मृत्यु के देवता ने कहा, तो तू फिर समझदार हो गया; उससे ज्यादा, जिसकी मर्जी से मौत होती है, जिसकी मर्जी से जीवन होता है! तो तूने पहला पाप कर दिया, और इसकी तुझे सजा मिलेगी। और सजा यह है कि तुझे पृथ्वी पर चले जाना पड़ेगा। और जब तक तू तीन बार न हंस लेगा अपनी मूर्खता पर, तब तक वापस न आ सकेगा।

इसे थोड़ा समझना। तीन बार न हंस लेगा अपनी मूर्खता पर--क्योंकि दूसरे की मूर्खता पर तो अहंकार हंसता है। जब तुम अपनी मूर्खता पर हंसते हो तब अहंकार टूटता है।

देवदूत को लगा नहीं। वह राजी हो गया दंड भोगने को, लेकिन फिर भी उसे लगा कि सही तो मैं ही हूं। और हंसने का मौका कैसे आएगा?

उसे जमीन पर फेंक दिया गया। एक चमार, सर्दियों के दिन करीब आ रहे थे और बच्चों के लिए कोट और कंबल खरीदने शहर गया था, कुछ रुपए इकट्ठे कर के। जब वह शहर जा रहा था तो उसने राह के किनारे एक नंगे आदमी को पड़े हुए, ठिठुरते हुए देखा। यह नंगा आदमी वही देवदूत है जो पृथ्वी पर फेंक दिया गया था। उस चमार को दया आ गयी। और बजाय अपने बच्चों के लिए कपड़े खरीदने के, उसने इस आदमी के लिए कंबल और कपड़े खरीद लिए। इस आदमी को कुछ खाने-पीने को भी न था, घर भी न था, छप्पर भी न था जहां रुक सके। तो चमार ने कहा कि अब तुम मेरे साथ ही आ जाओ। लेकिन अगर मेरी पत्नी नाराज हो--जो कि वह निश्चित होगी, क्योंकि बच्चों के लिए कपड़े खरीदने लाया था, वह पैसे तो खर्च हो गए--वह अगर नाराज हो, चिल्लाए, तो तुम परेशान मत होना। थोड़े दिन में सब ठीक हो जाएगा।

उस देवदूत को ले कर चमार घर लौटा। न तो चमार को पता है कि देवदूत घर में आ रहा है, न पत्नी को पता है। जैसे ही देवदूत को ले कर चमार घर में पहुंचा, पत्नी एकदम पागल हो गयी। बहुत नाराज हुई, बहुत चीखी-चिल्लायी।

और देवदूत पहली दफा हंसा। चमार ने उससे कहा, हंसते हो, बात क्या है? उसने कहा, मैं जब तीन बार हंस लूंगा तब बता दूंगा।

देवदूत हंसा पहली बार, क्योंकि उसने देखा कि इस पत्नी को पता ही नहीं है कि चमार देवदूत को घर में ले आया है, जिसके आते ही घर में हजारों खुशियां आ जाएंगी। लेकिन आदमी देख ही कितनी दूर तक सकता है! पत्नी तो इतना ही देख पा रही है कि एक कंबल और बच्चों के पकड़े नहीं बचे। जो खो गया है वह देख पा रही है, जो मिला है उसका उसे अंदाज ही नहीं है--मुफ्त! घर में देवदूत आ गया है। जिसके आते ही हजारों खुशियों के द्वार खुल जाएंगे। तो देवदूत हंसा। उसे लगा, अपनी मूर्खता--क्योंकि यह पत्नी भी नहीं देख पा रही है कि क्या घट रहा है!

जल्दी ही, क्योंकि वह देवदूत था, सात दिन में ही उसने चमार का सब काम सीख लिया। और उसके जूते इतने प्रसिद्ध हो गए कि चमार महीनों के भीतर धनी होने लगा। आधा साल होते-होते तो उसकी ख्याति सारे लोक में पहुंच गयी कि उस जैसा जूते बनाने वाला कोई भी नहीं, क्योंकि वह जूते देवदूत बनाता था। सम्राटों के जूते वहां बनने लगे। धन अपरंपार बरसने लगा।

एक दिन सम्राट का आदमी आया। और उसने कहा कि यह चमड़ा बहुत कीमती है, आसानी से मिलता नहीं, कोई भूल-चूक नहीं करना। जूते ठीक इस तरह के बनने हैं। और ध्यान रखना जूते बनाने हैं, स्लीपर नहीं। क्योंकि रूस में जब कोई आदमी मर जाता है तब उसको स्लीपर पहना कर मरघट तक ले जाते हैं। चमार ने भी देवदूत को कहा कि स्लीपर मत बना देना। जूते बनाने हैं, स्पष्ट आज्ञा है, और चमड़ा इतना ही है। अगर गड़बड़ हो गयी तो हम मुसीबत में फंसेंगे।

लेकिन फिर भी देवदूत ने स्लीपर ही बनाए। जब चमार ने देखे कि स्लीपर बने हैं तो वह क्रोध से आगबबूला हो गया। वह लकड़ी उठा कर उसको मारने को तैयार हो गया कि तू हमारी फांसी लगवा देगा! और तुझे बार-बार कहा था कि स्लीपर बनाने ही नहीं हैं, फिर स्लीपर किसलिए?

देवदूत फिर खिलखिला कर हंसा। तभी आदमी सम्राट के घर से भागा हुआ आया। उसने कहा, जूते मत बनाना, स्लीपर बनाना। क्योंकि सम्राट की मृत्यु हो गयी है।

भविष्य अज्ञात है। सिवाय उसके और किसी को ज्ञात नहीं। और आदमी तो अतीत के आधार पर निर्णय लेता है। सम्राट जिंदा था तो जूते चाहिए थे, मर गया तो स्लीपर चाहिए। तब वह चमार उसके पैर पकड़ कर माफी मांगने लगा कि मुझे माफ कर दे, मैंने तुझे मारा। पर उसने कहा, कोई हर्ज नहीं। मैं अपना दंड भोग रहा हूं।

लेकिन वह हंसा आज दुबारा। चमार ने फिर पूछा कि हंसी का कारण? उसने कहा कि जब मैं तीन बार हंस लूं...।

दुबारा हंसा इसलिए कि भविष्य हमें ज्ञात नहीं है। इसलिए हम आकांक्षाएं करते हैं जो कि व्यर्थ हैं। हम अभीप्साएं करते हैं जो कि कभी पूरी न होंगी। हम मांगते हैं जो कभी नहीं घटेगा। क्योंकि कुछ और ही घटना तय है। हमसे बिना पूछे हमारी नियति घूम रही है। और हम व्यर्थ ही बीच में शोरगुल मचाते हैं। चाहिए स्लीपर और हम जूते बनवाते हैं। मरने का वक्त करीब आ रहा है और जिंदगी का हम आयोजन करते हैं।

तो देवदूत को लगा कि वे बच्चियां! मुझे क्या पता, भविष्य उनका क्या होने वाला है? मैं नाहक बीच में आया।

और तीसरी घटना घटी कि एक दिन तीन लड़कियां आयीं जवान। उन तीनों की शादी हो रही थी। और उन तीनों ने जूतों के आर्डर दिए कि उनके लिए जूते बनाए जाएं। एक बूढ़ी महिला उनके साथ आयी थी जो बड़ी धनी थी। देवदूत पहचान गया, ये वे ही तीन लड़कियां हैं, जिनको वह मृत मां के पास छोड़ गया था और जिनकी वजह से वह दंड भोग रहा है। वे सब स्वस्थ हैं, सुंदर हैं। उसने पूछा कि क्या हुआ? यह बूढ़ी औरत कौन है? उस बूढ़ी औरत ने कहा कि ये मेरी पड़ोसिन की लड़कियां हैं। गरीब औरत थी, उसके शरीर में दूध भी न था। उसके पास पैसे-लत्ते भी नहीं थे। और तीन बच्चे जुड़वां। वह इन्हीं को दूध पिलाते-पिलाते मर गयी। लेकिन मुझे दया आ गयी, मेरे कोई बच्चे नहीं हैं, और मैंने इन तीनों बच्चियों को पाल लिया।

अगर मां जिंदा रहती तो ये तीनों बच्चियां गरीबी, भूख और दीनता और दरिद्रता में बड़ी होतीं। मां मर गयी, इसलिए ये बच्चियां तीनों बहुत बड़े धन-वैभव में, संपदा में पलीं। और अब उस बूढ़ी की सारी संपदा की ये ही तीन मालिक हैं। और इनका सम्राट के परिवार में विवाह हो रहा है।

देवदूत तीसरी बार हंसा। और चमार को उसने कहा कि ये तीन कारण हैं। भूल मेरी थी। नियति बड़ी है। और हम उतना ही देख पाते हैं, जितना देख पाते हैं। जो नहीं देख पाते, बहुत विस्तार है उसका। और हम जो देख पाते हैं उससे हम कोई अंदाज नहीं लगा सकते, जो होने वाला है, जो होगा। मैं अपनी मूर्खता पर तीन बार हंस लिया हूं। अब मेरा दंड पूरा हो गया और अब मैं जाता हूं।

Wednesday 28 January 2015

Hindi poem on teacher specially for teachers day

सत्य     शिक्षक    सत्य
शिक्षक की गोद में उत्थान पलता है।
सारा जहां शिक्षक के पिछे ही चलता है।
शिक्षक का बोया हुआ पेड़ बनता है।
वही पेड़ हजारो बीज जनता है।
शिक्षक काल की गति को मोड़ सकता है।
शिक्षक धरा से अम्बर को जोड़ सकता है।
शिक्षक की महिमा महान होती है।
शिक्षक बिन अधूरी हूँ वशुन्धरा कहती है।
याद रखो चाणक्य ने इतिहास बना डाला था।
क्रूर मगध राजा को मिटटी में मिला डाला था।
बालक चन्द्रगुप्त को चक्रवर्ती सम्राट बनाया था।
एक शिक्षक ने अपना लोहा मनवाया था।
संदीपनी से गुरु सदियों से होते आये है।
कृष्ण जैसे नन्हे नन्हे बिज बोते आये है।
शिक्षक से ही अर्जुन और युधिष्ठिर जैसे नाम है।
शिक्षक की निंदा करने से दुर्योधन बदनाम है।
शिक्षक की ही दया दृष्टि से बालक राम बन जाते है।
शिक्षक की अनदेखी से वो रावण भी कहलाते है।
हम सब ने भी शिक्षक बनने का सुअवसर पाया है।
बहुत बड़ी जिम्मेदारी को हमने गले लगाया है।
आओ हम संकल्प करे की अपना फ़र्ज निभायेगे।
अपने प्यारे भारत को हम जगतगुरु बनायेगे।
अपने शिक्षक होने का हरपल अभिमान करेगे।
इस समाज में हम भी अपना शिक्षा दान 

शिक्षको को समर्पित कविता।
माना की अँधेरा घना है।
पर दीप जलाना कहा मना है।

connect with the almighty in your purest form

Nice
Wonderful message..
Do you know why we break a coconut when we go to a temple?
Its the process of breaking the coconut which we have to imbibe within ourselves.
You first tear away the husk from the coconut.
That husk is your wishes, desires. You need to leave it.
Then comes the hard shell.. that’s the ego. You need to break that.
What flows out is water.. which is all things which are negative inside you flows out.
Left behind is the coconut pure white.. that is the soul.
So you connect with the almighty in your purest form which is the soul.
God bless..

Monday 26 January 2015

Kaise आपने आपको fresh and lively बनाये

Excellent message

जापान में हमेशा से ही मछलियाँ खाने का
एक ज़रुरी हिस्सा रही हैं । और ये जितनी
ताज़ी होतीं हैँ लोग उसे उतना ही पसंद करते
हैं । लेकिन जापान के तटों के आस-पास
इतनी मछलियाँ नहीं होतीं की उनसे लोगोँ
की डिमांड पूरी की जा सके । नतीजतन
मछुआरों को दूर समुंद्र में जाकर मछलियाँ
पकड़नी पड़ती हैं।जब इस तरह से मछलियाँ
पकड़ने की शुरुआत हुई तो मछुआरों के
सामने एक गंभीर समस्या सामने आई ।

वे जितनी दूर मछली पक़डने जाते उन्हें
लौटने मे उतना ही अधिक समय लगता
और मछलियाँ बाजार तक पहुँचते-पहुँचते
बासी हो जातीँ , ओर फिर कोई उन्हें खरीदना
नहीं चाहता ।इस समस्या से निपटने के लिए
मछुआरों ने अपनी बोट्स पर फ्रीज़र लगवा
लिये । वे मछलियाँ पकड़ते और उन्हें फ्रीजर
में डाल देते ।

इस तरह से वे और भी देर तक मछलियाँ
पकड़ सकते थे और उसे बाजार तक पहुंचा
सकते थे । पर इसमें भी एक समस्या आ
गयी । जापानी फ्रोजेन फ़िश ओर फ्रेश
फिश में आसनी से अंतर कर लेते और
फ्रोजेन मछलियों को खरीदने से कतराते ,
उन्हें तो किसी भी कीमत पर ताज़ी मछलियाँ
ही चाहिए होतीं ।एक बार फिर मछुआरों ने
इस समस्या से निपटने की सोची और
इस बार एक शानदार तरीका निकाला ,
.उन्होंने अपनी बड़ी – बड़ी जहाजों पर
फ़िश टैंक्स बनवा लिए ओर अब वे
मछलियाँ पकड़ते और उन्हें पानी से
भरे टैंकों मे डाल देते ।

टैंक में डालने के बाद कुछ देर तो
मछलियाँ इधर उधर भागती पर जगह
कम होने के कारण वे जल्द ही एक
जगह स्थिर हो जातीं ,और जब ये मछलियाँ
बाजार पहुँचती तो भले वे ही सांस ले रही
होतीं लकिन उनमेँ वो बात नहीं होती जो
आज़ाद घूम रही ताज़ी मछलियों मे होती ,
ओर जापानी चखकर इन मछलियों में भी
अंतर कर लेते ।

तो इतना कुछ करने के बाद भी समस्या
जस की तस बनी हुई थी।अब मछुवारे
क्या करते ? वे कौन सा उपाय लगाते कि
ताज़ी मछलियाँ लोगोँ तक पहुँच पाती ?नहीं,
उन्होंने कुछ नया नहीं किया , वें अभी भी
मछलियाँ टैंक्स में ही रखते , पर इस बार
वो हर एक टैंक मे एक छोटी सी शार्क
मछली भी ङाल देते।

शार्क कुछ मछलियों को जरूर खा जाती
पर ज्यादातर मछलियाँ बिलकुल ताज़ी
पहुंचती।ऐसा क्यों होता ? क्योंकि शार्क
बाकी मछलियों की लिए एक चैलेंज की
तरह थी। उसकी मौज़ूदगी बाक़ी मछलियों
को हमेशा चौकन्ना रखती ओर अपनी
जान बचाने के लिए वे हमेशा अलर्ट रहती।

इसीलिए कई दिनों तक टैंक में रह्ने के
बावज़ूद उनमे स्फूर्ति ओर ताजापन बना
रहता।  Friends, आज बहुत से लोगों
की ज़िन्दगी टैंक मे पड़ी उन मछलियों
की तरह हो गयी है जिन्हे जगाने की लिए
कोई shark मौज़ूद नहीं है। और अगर
unfortunately आपके साथ भी ऐसा ही है
तो आपको भी आपने life में नये challenges
accept करने होंगे।
आप जिस रूटीन के आदि हों चुकें हैँ
ऊससे कुछ अलग़ करना होगा, आपको
अपना दायरा बढ़ाना होगा और एक
बार फिर ज़िन्दगी में रोमांच और नयापन
लाना होगा।

नहीं तो , बासी मछलियों की तरह आपका
भी मोल कम हों जायेगा और लोग आपसे
मिलने-जुलने की बजाय बचते नजर आएंगे।

और दूसरी तरफ अगर आपकी लाइफ
में चैलेंजेज हैँ , बाधाएं हैँ तो उन्हें कोसते
मत रहिये , कहीं ना कहीं ये आपको fresh
and lively बनाये रखती हैँ , इन्हेँ
accept करिये, इन्हे overcome करिये
और अपना  तेज बनाये रखिये।

Sunday 25 January 2015

MOST INTERESTING UNKNOWN FACTS YOU SHOULD KNOW:

1.Hot water will turn into ice faster than cold water.
2.The Mona Lisa has no eyebrows.
3.The sentence, “The quick brown fox jumps over the lazy dog” uses every letter in the English language.
4.The strongest muscle in the body is the tongue.
5.Ants never sleep!
6.“I Am” is the shortest complete sentence in the English language.
7. Coca-Cola was originally green.
8. The most common name in the world is Mohammed.
9.When the moon is directly overhead, you will weigh slightly less.
10.Camels have three eyelids to protect themselves from the blowing desert sand.
11.There are only two words in the English language that have all five vowels in order: “abstemious” and “facetious.”
12.The name of all the continents end with the same letter that they start with.
13.There are two credit cards for every person in the United States.
14.TYPEWRITER is the longest word that can be made using the letters only on one row of the keyboard.
15.Minus 40 degrees Celsius is exactly the same as minus 40 degrees Fahrenheit.
16.Chocolate can kill dogs, as it contains theobromine, which affects their heart and nervous system.
17.Women blink nearly twice as much as men!
18.You can't kill yourself by holding your breath.
19.It is impossible to lick your elbow.
20.The Guinness Book of Records holds the record for being the book most often stolen from Public Libraries.
21.People say "Bless you" when you sneeze because when you sneeze, your heart stops for a millisecond.
22.It is physically impossible for pigs to look up into the sky
23.The "sixth sick sheik's sixth sheep's sick" is said to be the toughest tongue twister in the English language.
24.“Rhythm” is the longest English word without a vowel.
25.If you sneeze too hard, you can fracture a rib. If you try to suppress a sneeze, you can rupture a blood vessel in your head or neck and die.
26.Each king in a deck of playing cards represents great king from history.
Spades - King David
Clubs - Alexander the Great,
Hearts - Charlemagne
Diamonds - Julius
28.111,111,111 x 111,111,111 = 12,345,678,987,654,321
29.If a statue of a person in the park on a horse has both front legs in the air, the person died in battle.
If the horse has one front leg in the air, the person died as a result of wounds received in battle.
If the horse has a all four legs on the ground, the person died of natural causes.
30. What do bullet proof vests, fire escapes, windshield wipers and laser printers all have in common?
Ans. - All invented by women.
31.Question - This is the only food that doesn't spoil. What is this?
Ans. - Honey
32. A crocodile cannot stick its tongue out.
33. A snail can sleep for three years.
34. All polar bears are left handed.
35. American Airlines saved $40,000 in 1987 by eliminating one olive from each salad served in first-class.
36. Butterflies taste with their feet.
37. Elephants are the only animals that can't jump.
38. In the last 4000 years, no new animals have been domesticated.
39. On average, people fear spiders more than they do death.
40. Stewardesses is the longest word typed with only the left hand.
41. The ant always falls over on its right side when intoxicated.
42. The electric chair was invented by a dentist.
43. The human heart creates enough pressure when it pumps out to the body to squirt blood 30 feet.
44. Rats multiply so quickly that in 18 months, two rats could have over million descendants.
45. Wearing headphones for just an hour will increase the bacteria in your ear by 700 times
46. The cigarette lighter was invented before the match.
47. Most lipstick contains fish scales.
48. Like fingerprints, everyone's tongue print is different

Tuesday 20 January 2015

The world without E

The ...E... life !!!!!
In this world of E-mails, E-ticket, E-paper, E-recharge, E-transfer and the latest E-Governance...
Never Forget "E-shwar ( God )"
who makes e-verything e-asy for e-veryone e-veryday.

"E" is the most Eminent letter of the English alphabet.
Men or Women don't exist without "E".
House or Home can't be made without "E".
Bread or Butter can't be found without "E".
"E" is the beginning of "existence" and the end of "trouble."
It's not at all in 'war'
but twice in 'peace'.
It's once in 'hell' but twice in 'heaven'.
"E" represented in 'Emotions'
Hence,  all emotional relations like Father, Mother, Brother, Sister,wife & friends have 'e' in them.
"E" also represents 'Effort' & 'Energy'
Hence to be 'Better' from good both "e" 's are added.
Without "e", we would have no love, life, wife, friends or hope
& 'see', 'hear', 'smell', or 'taste' as 'eye' 'ear', 'nose' & 'tongue' are incomplete without "e".
Hence GO with "E" but without E-GO.


Monday 12 January 2015

Donot give PAN number for railway Tatkal booking as proof of ID.


Don't give PAN number for railway Tatkal booking as proof of ID.
.
The Railways display the PAN. name, sex and age of passengers on reservation charts pasted on railway compartments.
This is a boon for benami transactions. It is mandatory for traders like jewelers to collect tax (TCS) from customers on purchase of jewelry worth Rs 5 lakh & bullion worth Rs 2 lakh.
To accommodate high net worth customers, traders have a easy source of benami PAN numbers, name, sex and age from reserved railway compartments. A traveller recently noticed a chap copying PAN particulars along with name, age and sex pasted on reserved compartments, and when confronted with the help of railway police, he admitted that he gets Rs 10 per PAN particulars from jewellers. These persons are copying PAN information of senior citizens, women etc from sleeper class with the intention that passengers in sleeper class are not serious tax payers and generally salaried class..
In that case the department will first initiate action from the tax payer's side asking him to explain the sources of money for the above transaction done in his name and also to prove that he has not carried on the above transaction..
You may quote your driving licence #, Voter ID # etc as your ID Proof but definitey not your PAN.
Beware!!!!.

Spread this information to all ur frndz and relatives.

Essay- Swami vivekanand स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और
प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम
नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में
सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत
की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत
का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और
यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के
कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन
की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे
रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से
उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों" के
साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस
प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था।
Quote 1: उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक
लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
Quote 2: उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम
निर्बल हो , तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो,
धन्य हो, सनातन हो , तुम तत्व नहीं हो , ना ही शरीर हो ,
तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
Quote 3: ब्रह्माण्ड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।
वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते
हैं कि कितना अन्धकार है!
Quote 4: जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ
अपना जल समुद्र में मिला देती हैं ,उसी प्रकार मनुष्य
द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक
जाता है।
Quote 5: किसी की निंदा ना करें. अगर आप मदद के लिए
हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते,
तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये,
और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।
Quote 6: कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ
असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है. अगर कोई पाप
है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य
निर्बल हैं।
Quote 7: अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे,
तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर
है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर
है.
Quote 8: जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो,
ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये,
नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
Quote 9: उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है,
जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
Quote 10: हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है,
इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं।
शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
Quote 11: जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब
तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।
Quote 12: सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है,
फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
Quote 13: विश्व एक व्यायाम शाला है जहाँ हम खुद
को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
Quote 14: जिस दिन आपके सामने कोई समस्या न आये -
आप यकीन कर सकते है की आप गलत रस्ते पर सफर कर रहे
है।
Quote 15: यह जीवन अल्पकालीन है, संसार
की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दुसरो के लिए जीते है, वे
वास्तव में जीते है।
Quote 16: एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम
परमात्मा हो।
Quote 17: भगवान् की एक परम प्रिय के रूप में
पूजा की जानी चाहिए , इस या अगले जीवन की सभी चीजों से
बढ़कर।
Quote 18 : यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक
विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता ,तो मुझे
यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत
बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
Quote 19: हम जितना ज्यादा बाहर जायें और
दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा ,और
परमात्मा उसमे बसेंगे।
Quote 20: बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव
का बड़ा रूप है।
Quote 21: जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान हर
एक मानव शरीर रुपी मंदिर में विराजमान हैं , जिस क्षण मैं
हर व्यक्ति के सामने श्रद्धा से खड़ा हो गया और उसके
भीतर भगवान को देखने लगा - उसी क्षण मैं बन्धनों से मुक्त
हूँ , हर वो चीज जो बांधती है नष्ट हो गयी , और मैं स्वतंत्र
हूँ।
Quote 22: वेदान्त कोई पाप नहीं जानता , वो केवल
त्रुटी जानता है। और वेदान्त कहता है कि सबसे
बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो , तुम पापी हो ,
एक तुच्छ प्राणी हो , और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है
और तुम ये वो नहीं कर सकते।
Quote 23: जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर
अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिकया मानसिक
अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
Quote 24: भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं
अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख
सकते।
Quote 25: तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित
होना है। कोई तुम्हे पढ़ा नहीं सकता , कोई तुम्हे
आध्यात्मिक नहीं बना सकता . तुम्हारी आत्मा के
आलावा।।।।।।।।
In 1902, a professor asked his student whether it was God who created everything that exists in the universe?
Student replied: Yes
He again asked:
What about evil?
Has God created evil also?
The student got silent...
Then the student requested that may he ask a question for him?
Professor allowed him to do so.
He asked: Does cold exist?
Professor said: Yes! Don't you feel the cold dear?
Student said: I'm sorry but you are wrong sir. Cold is a complete absence of heat...
There is no cold, it is only an absence of heat.
Student asked again:
Does darkness exist?
Professor Said: Yes!
Student replied: you are again wrong sir. There is no such thing like darkness. Its actually the absence of light.
Sir! We always study light & heat, but not cold & darkness.
Similarly, the evil does not exist. Actually it is the absence of love, faith & true belief in God.
That student was...
Vivekananda...!!!
Can't stop myself to share this with all....
Very inspiring message

Sunday 11 January 2015

सातवें वेतन आयोग- केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा झटका

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने तक कोई अंतरिम राहत नहीं, डीए का वेतन में मर्जर भी नहीं
अजय तिवारी/एसएनबी नई दिल्ली। दस हजार करोड़ रपए का सालाना बोझ आने की वजह से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने तक केंद्र सरकार न तो कर्मचारियों को अंतरिम राहत देगी और न डीए का वेतन में मर्जर करेगी। सातवें वेतन आयोग ने भी केंद्र सरकार के 34 लाख कर्मचारियों को दो हजार रपए महीने की अंतरिम राहत देने और वेतन में डीए के मर्जर से मना कर दिया है। कर्मचारियों की इन दोनों मांगों के सम्बंध में सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर ने टका सा जवाब दे दिया है कि अंतरिम राहत और डीए का वेतन में मर्जर जैसे मुद्दे आयोग के र्टम्स -रिफ्रेंस में नहीं हैं। जब कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली जेसीएम (ज्वाइंट कंस्लटेटिव मशीनरी) ने आयोग के सामने दोनों मांगें रखीं तो आयोग ने कहा कि वित्त मंत्रालय या कार्मिक मंत्रालय से लिखित पत्र मंगा दिया जाए तभी वो इस विषय में कुछ कर सकते हैं। जेसीएम ने वित्त मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय दोनों से बात की, लेकिन दोनों मंत्रालयों ने यह कहते हुए अंतरिम राहत और डीए मर्जर से इनकार कर दिया कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट नियत 18 महीने (अगस्त 2015) में आ जाएगी। हालांकि वेतन आयोगों का पिछला इतिहास रहा है कि इसकी रिपोर्ट आने में दो साल का वक्त लगा है। कर्मचारियों को कहना यह भी है कि छठे वेतन आयोग की कुछ सिफारिशों को लेकर अभी भी विसंगति बनी है। जेसीएम के अध्यक्ष एम. राघवैया ने ‘राष्ट्रीय सहारा‘ से कहा कि यह दलील भी सरकार ने अस्वीकार कर दी कि जो अंतरिम राहत दी जाए उसे सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने पर समायोजित कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि वेतन में डीए का मर्जर जनवरी 2014 से करने का आग्रह किया गया था। राघवैया ने माना कि अंतरिम राहत (सालाना 800 करोड़ रपए) और डीए मर्जर पर लगभग 10 हजार करोड़ रपए का खर्च आएगा। उधर सातवें वेतन आयोग की टीम 11 से 14 जनवरी तक कोलकाता और अंडमान निकोबार द्वीप समूह जाकर कर्मचारियों के विचार जानेगी। जनवरी में उसे दिल्ली में जेसीएम और दूसरी सभी कर्मचारी फेडरेशन से पहले दिए मांग पत्र पर एविडेंस बैठक करनी थी। अब यह बैठक फरवरी में ही होगी। जेसीएम के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार की सफाई के बाद भी कर्मचारियों के जेहन से नौकरी की आयु घटाकर 58 वर्ष करने का डर नहीं गया है। उन्होंने कहा कि नौकरी की उम्र 62 साल करने की मांग को ठंडा करने के लिए सरकार ने 58 साल उम्र करने की बातें फैलाई हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अंतरिम राहत और डीए मर्जर जैसी सुविधाएं न देना कर्मचारी विरोधी कदम है। उन्होंने कहा कि मजदूर संगठनों ने यह मुद्दे छोड़े नहीं हैं, बल्कि सारे मजदूर संगठनों की राय एक है और इस पर संघर्ष किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि रेलवे में पेंशन का मुद्दा भी गंभीर है। 34 लाख कर्मचारी होंगे प्रभावित जेसीएम ने वित्त मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय से की बात.

सनातन धर्म में .... आरती अथवा कीर्तन करते समय तालियां क्यों बजाई जाती है...?

क्या आप जानते हैं कि...  सनातन धर्म में .... आरती अथवा कीर्तन करते समय तालियां क्यों बजाई जाती है...?????

क्योंकि... हम अक्सर ही यह देखते है कि..... जब भी आरती अथवा कीर्तन होता है..... तो, उसमें सभी लोग तालियां जरुर बजाते है....!

लेकिन, हम में से अधिकाँश लोगों को यह नहीं मालूम होता है कि.... आखिर यह तालियां बजाई क्यों जाती है....?????

इसीलिए.... हम से अधिकाँश लोग बिना कुछ जाने-समझे ही.... तालियां बजाया करते हैं..... क्योंकि, हम अपने बचपन से ही अपने बाप-दादाओं को ऐसा करते देखते रहे हैं...!
साथ ही.... आपको यह जानकार काफी हैरानी होगी कि....

आरती अथवा कीर्तन में ताली बजाने की प्रथा बहुत पुरानी है... और, श्रीमद्भागवत के अनुसार कीर्तन में ताली की प्रथा श्री प्रह्लाद जी ने शुरू की थी.... क्योंकि, जब वे भगवान का भजन करते थे.... तो, जोर-जोर से नाम संकीर्तन भी करते थे..... तथा, साथ-साथ ताली भी बजाते थे...!

और, हमारी आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि.....

जिस प्रकार व्यक्ति अपने बगल में कोई वस्तु छिपा ले ...और, यदि दोनों हाथ ऊपर करे तो वह वस्तु नीचे गिर जायेगी....

ठीक उसी प्रकार...... जब हम दोनों हाथ ऊपर उठकर ताली बजाते है... तो, जन्मो से संचित पाप जो हमने स्वयं अपने बगल में दबा रखे है, नीचे गिर जाते हैं अर्थात नष्ट होने लगते है...!

कहा तो यहाँ तक जाता है कि.... जब हम संकीर्तन (कीर्तन के समय हाथ ऊपर उठा कर ताली बजाना) में काफी शक्ति होती है .... और, हरिनाम संकीर्तन से .... हमारे हाथो की रेखाएं तक बदल जाती है...!!

परन्तु.... यदि हम आध्यात्मिकता की बात को थोड़ी देर के छोड़ भी दें तो.....

एक्यूप्रेशर सिद्धांत के अनुसार...... मनुष्य को हाथों में पूरे शरीर के अंग व प्रत्यंग के दबाव बिंदु होते हैं, जिनको दबाने पर सम्बंधित अंग तक खून व ऑक्सीजन का प्रवाह पहुंचने लगता है... और, धीरे-धीरे वह रोग ठीक होने लगता है....!

और, यह जानकार आप सभी को बेहद ख़ुशी मिश्रित आश्चर्य होगा कि....इन सभी दबाव बिंदुओं को दबाने का सबसे सरल तरीका होता है ताली...!

असल में...... ताली दो तीन प्रकार से बजायी जाती है:-

1.- ताली में बाएं हाथ की हथेली पर दाएं हाथ की चारों अंगुलियों को एक साथ तेज दबाव के साथ इस प्रकार मारा जाता है कि ....दबाव पूरा हो और आवाज अच्छी आए...!

इस प्रकार की ताली से बाएं हथेली के फेफड़े, लीवर, पित्ताशय, गुर्दे, छोटी आंत व बड़ी आंत तथा दाएं हाथ की अंगुली के साइनस के दबाव बिंदु दबते हैं... और, इससे इन अंगों तक खून का प्रवाह तीव्र होने लगता है..!

इस प्रकार की ताली को तब तक बजाना चाहिए..... जब तक कि, हथेली लाल न हो जाए...!

इस प्रकार की ताली कब्ज, एसिडिटी, मूत्र, संक्रमण, खून की कमी व श्वांस लेने में तकलीफ जैसे रोगों में लाभ पहुंचाती है|

2.- थप्पी ताली.... ताली में दोनों हाथों के अंगूठा-अंगूठे से कनिष्का-कनिष्का से तर्जनी-तर्जनी से यानी कि सभी अंगुलियां अपने समानांतर दूसरे हाथ की अंगुलियों पर पड़ती हो, हथेली-हथेली पर पड़ती हो..!

इस प्रकार की ताली की आवाज बहुत तेज व दूर तक जाती है...!

एवं, इस प्रकार की ताली कान, आंख, कंधे, मस्तिष्क, मेरूदंड के सभी बिंदुओं पर दबाव डालती है...!

इस ताली का सर्वाधिक लाभ फोल्डर एंड सोल्जर, डिप्रेशन, अनिद्रा, स्लिप डिस्क, स्पोगोलाइसिस, आंखों की कमजोरी में पहुंचता है..!

एक्यूप्रेशर चिकित्सकों की राय में इस ताली को भी तब तक बजाया जाए.... जब तक कि हथेली लाल न हो जाए..!

3.- ग्रिप ताली - इस प्रकार की ताली में सिर्फ हथेली को हथेली पर ही इस प्रकार मारा जाता है कि ...वह क्रॉस का रूप धारण कर ले. इस ताली से कोई विशेष रोग में लाभ तो नहीं मिलता है, लेकिन यह ताली उत्तेजना बढ़ाने का कार्य करती है...!

इस ताली से अन्य अंगों के दबाव बिंदु सक्रिय हो उठते हैं... तथा, यह ताली सम्पूर्ण शरीर को सक्रिय करने में मदद करती है...!

यदि इस ताली को तेज व लम्बा बजाया जाता है तो शरीर में पसीना आने लगता है ...जिससे कि, शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर आकर त्वचा को स्वस्थ रखते हैं|

और तो और.....

ताली बजाने से न सिर्फ रोगों से रक्षा होती है, बल्कि कई रोगों का इलाज भी हो जाता है...!

जिस तरह.... कोई ताला खोलने के लिए चाबी की आवश्यकता होती है ...ठीक उसी तरह.... कई रोगों को दूर करने में यह ताली.... ना सिर्फ चाभी का ही काम नहीं करती है....बल्कि, कई रोगों का ताला खोलने वाली होने से इसे ""मास्टर चाभी"" भी कहा जा सकता है|

क्योंकि... हाथों से नियमित रूप से ताली बजाकर कई रोग दूर किए जा सकते हैं... एवं, स्वास्थ्य की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है...!

इस तरह.... ताली दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग है ....और, यदि प्रतिदिन यदि नियमित रूप से 2 मिनट भी तालियां बजाएं ....तो, फिर किसी हठयोग या आसनों की जरूरत नहीं होती है..!
अंत में इतना ही कहूँगा कि..... हम को गर्व करना चाहिए कि.... जो बातें हम आज के आधुनिकतम तकनीक के बाद भी ठीक से समझ नहीं पाते हैं....

उस एक्यूप्रेशर के प्रभाव एवं दुष्प्रभावों को..... हमारे पूर्वज ऋषि-मुनि हजारों-लाखों लाख पहले ही जान गए थे....!

परन्तु.... चूँकि.... हर किसी को बारी-बारी ....शारीरिक संरचना की इतनी गूढ़ बातें ..... समझानी संभव नहीं थी....

इसलिए, हमारे पूर्वजों ने इसे एक परंपरा का रूप दे दिया...... ताकि, उनके आने वाले वंशज .... सदियों तक उनके इन अमूल्य खोज का लाभ उठाते रहे...!