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Friday 3 October 2014

कृपया भारतीय त्योहारों के अपमान करने से बचें

आजकल एक बड़ा खतरनाक प्रचलन चला हे हिन्दुओ में वह यह की जेसे ही कोई त्यौहार आनेवाला होता हे खुद हिन्दू ही उस त्यौहार को ऐसे पेश करते हे जेसे वो उनके ऊपर बोझ हे :

1) रक्षाबंधन पर मुर्खता :
कुछ हिन्दू ऐसे मेसेज भेजते हे की ||कोई भी अनजान चीज को हाथ नहीं लगाये उसमे राखी हो सकती हे !! ||

अरे कूल दूध !! तुम्हारे लिए अपनी बहन बोझ बन रही हे तुम तो राखी का मजाक बना बेठे हो तुम क्या अपनी माँ बहन की रक्षा करोगे। राखी एक रक्षा सूत्र हे अगर तुम भूल रहे हो तो याद दिलाऊ राजस्थान में औरतो ने अपनी रक्षा के लिए जोहर कर आग में कूद जाती थी।

रानी पद्मिनी के साथ 36000 औरते जोहर हो गयी थी । एक महिला की रक्षा तुमे मजाक लगती हे ???

2) दशहरा पर मुर्खता :
यह मेसेज आजकल खूब प्रचलन में हे की || रावण सीता जी को उठा ले गया हे और राम जी लंका पर चढ़ाई करने जा रहे हे उसके लिय बंदरो की आवश्यकता हे जो भी मेसेज पढ़े तुरंत निकल जाये ||

वाह !!! आज सीता अपहरण हिन्दुओ के लिए मजाक का विषय हो गया हे। जोरू का गुलाम बनना गर्व का विषय राम का सेनिक बनना मजाक हो रहा हे !!!

दूसरा जोक || रावण को कोर्ट ले जाया गया वह कहा गया की गीता पर हाथ रख कसम खाओ तब रावण कहता हे सीता पर हाथ रखा उसमे इतना बवाल हो गया गीता पर रखा तो......||

यह बड़े शर्म की बात हे की अग्नि परीक्षा देने के बाद भी आज हिन्दू सीता माता के चरित्र पर सवाल उठाने को मजाक समझते हे। कभी घर पर बेठी माँ से पुछो पिताजी कहा कहा हाथ लगाते हे अगर नहीं तो तुम्हे किसने हक दिया समस्त हिंदुत्व की माता पर हाथ रखने को मजाक बनाने का ????

एक हमारा मीडिया पहले ही हिन्दू त्योहारों के पीछे पड़ा हे होली पर पानी बर्बाद होता हे पर ईद पर जानवरों की क़ुरबानी धर्म हे

दिवाली पर पटाके छोड़ना प्रदुषण हे पर इसाई नव वर्ष पर आतिशबाजी जश्न हे।

नवरात्री पर 10 बजे के बाद गरबा ध्वनी प्रदुषण हो जाती हे वही मोहरम की रात ढोल ताशे कुटना और नववर्ष की रात जानवरों की तरह 12 बजे तक बाजे बजाना धर्म हे !!!

करवा चौथ और नाग पंचमी पाखंड हे वही इसा के पुनः मरकर लोटना गुड फ्राइडे विज्ञानिक हे !!!

हिन्दुओ को यह लगता हे की अपने पर्व का मजाक बनाना सही हे तो यह गलत हे।

हम राखी और सीता अपहरण पर मजाक करते हे इसके पीछे समाज की मानसिकता बनती हे। लोग लड़की की रक्षा से कतराते ह क्यों की राखी को हमने मजाक बना दिया हे हमने सीता माता जेसी पवित्र माँ का मजाक बना दिया हे।

आज हमने समाज में महिला का मजाक बना दिया हे उसकी रक्षा और उसकी अस्मिता एक जोक बनकर हमारा हास्य कर रही हे इससे पता चलता हे हम कितने धार्मिक हे।

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