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Friday 31 October 2014

Sardar Vallabhbhai Patel

Vallabhbhai Patel
Deputy Prime Minister of India
In office
15 August 1947 – 15 December 1950
Prime Minister Jawaharlal Nehru
Preceded by Position established
Succeeded by Morarji Desai
Minister of Home Affairs
In office
15 August 1948 – 15 December 1950
Prime Minister Jawaharlal Nehru
Preceded by Position established
Succeeded by Chakravarti Rajagopalachari
Personal details
Born Sardar Vallabhbhai Patel
31 October 1875
Nadiad, Gujarat, Bombay Presidency, British India
Died 15 December 1950 (aged 75)
Bombay, Bombay State, India
Nationality Indian
Political party Indian National Congress
Children Maniben Patel, Dahyabhai Patel
Alma mater Middle Temple
Profession Lawyer
Religion Hinduism
Vallabhbhai Jhaverbhai Patel (Hindi pronunciation: [ʋəlləbˈbʱaːi pəˈʈeːl] ( )) (31 October 1875 – 15 December 1950) was an Indian barrister and statesman, one of the leaders of the Indian National Congress and one of the founding fathers of the Republic of India. He was a social leader who played a leading role in the country's struggle for independence and guided its integration into a united, independent nation. In India and elsewhere, he was often addressed as Sardar, which means Chief in Hindi, Urdu and Persian.
He was raised in the countryside of Gujarat.[1] Vallabhbhai Patel was employed in successful practice as a lawyer. Patel subsequently organised peasants from Kheda, Borsad, and Bardoli in Gujarat in non-violent civil disobedience against oppressive policies imposed by the British Raj; in this role, he became one of the most influential leaders in Gujarat. He rose to the leadership of the Indian National Congress and was at the forefront of rebellions and political events, organising the party for elections in 1934 and 1937, and promoting the Quit India movement.
As the first Home Minister and Deputy Prime Minister of India, Patel organised relief for refugees in Punjab and Delhi, and led efforts to restore peace across the nation. Patel took charge of the task to forge a united India from the British colonial provinces allocated to India and more than five hundred self-governing princely states, released from British suzerainty by the Indian Independence Act 1947. Using frank diplomacy, backed with the option and use of military force, Patel's leadership persuaded almost every princely state. Often known as the "Iron Man of India" or "Bismarck of India", he is also remembered as the "Patron Saint" of India's civil servants for establishing modern all-India services.

Monday 20 October 2014

WHAT HAPPENS WHEN WE PRAY?


This is one of the nicest messages I have rcvd  and is so true:
I dreamed that I went to heaven  and GOD
was showing me around. We walked side-by-side inside a large workroom filled with workers.
GOD stopped in front of the first section and said,
' This is the Receiving Section.
Here, all petitions to GOD in prayer are received.
I looked around in this area, and it was terribly busy with so many
Workers sorting out petitions written on voluminous paper sheets and scraps from people all over the world.
Then we moved on down a long corridor until we reached the second section.
GOD then said to me,
"This is the Packaging and Delivery Section.
Here, the graces and blessings the people asked for are processed and delivered to the living persons who asked for them.
" I noticed again how busy it was there.
There were many workers working hard at that station, since so many blessings had been requested and were being packaged for delivery to Earth.
Finally at the farthest end of the long corridor we stopped at the door of a very small station.
To my great surprise, only one worker was seated there, doing nothing.
"This is the Acknowledgment Section, GOD quietly admitted to me.
He seemed embarrassed." How is it that there is no work going on here? ' I asked.
"So sad," GOD sighed.
"After people receive the blessings that they asked for, very few send back acknowledgments".
"How does one acknowledge God's blessings? " I asked.
"Simple," god answered. Just say, "Thank you, GOD. "

"What blessings should they acknowledge?" I asked.

"If you have food in the refrigerator, clothes on your back, a roof overhead and a place to sleep you are richer than 75% people of the world.
"If you woke up this morning with more health than illness ... You are more blessed than the many who will not even survive this day. "
MY FRIENDS
count your blessings,
and if you care too,
pass this along to remind everyone else how blessed we all are ....
ATTN: Acknowledge Dept.
"Thank you God, for giving me the ability to share this message and for giving me so many wonderful people to  share it with. "

Friday 17 October 2014

कविता- शिशु कन्या वध

कोर्ट में एक अजीब मुकदमा आया
एक सिपाही एक कुत्ते को बांध कर लाया
सिपाही ने जब कटघरे में आकर कुत्ता खोला
कुत्ता रहा चुपचाप, मुँह से कुछ ना बोला..!
नुकीले दांतों में कुछ खून-सा नज़र आ रहा था
चुपचाप था कुत्ता, किसी से ना नजर मिला रहा था
फिर हुआ खड़ा एक वकील ,देने लगा दलील
बोला, इस जालिम के कर्मों से यहाँ मची तबाही है
इसके कामों को देख कर इन्सानियत घबराई है
ये क्रूर है, निर्दयी है, इसने तबाही मचाई है
दो दिन पहले जन्मी एक कन्या, अपने दाँतों से खाई है
अब ना देखो किसी की बाट
आदेश करके उतारो इसे मौत के घाट
जज की आँख हो गयी लाल
तूने क्यूँ खाई कन्या, जल्दी बोल डाल
तुझे बोलने का मौका नहीं देना चाहता
लेकिन मजबूरी है, अब तक तो तू फांसी पर लटका पाता
जज साहब, इसे जिन्दा मत रहने दो
कुत्ते का वकील बोला, लेकिन इसे कुछ कहने तो दो
फिर कुत्ते ने मुंह खोला ,और धीरे से बोला
हाँ, मैंने वो लड़की खायी है
अपनी कुत्तानियत निभाई है
कुत्ते का धर्म है ना दया दिखाना
माँस चाहे किसी का हो, देखते ही खा जाना
पर मैं दया-धर्म से दूर नही
खाई तो है, पर मेरा कसूर नही
मुझे याद है, जब वो लड़की छोरी कूड़े के ढेर में पाई थी
और कोई नही, उसकी माँ ही उसे फेंकने आई थी
जब मैं उस कन्या के गया पास
उसकी आँखों में देखा भोला विश्वास
जब वो मेरी जीभ देख कर मुस्काई थी
कुत्ता हूँ, पर उसने मेरे अन्दर इन्सानियत जगाई थी
मैंने सूंघ कर उसके कपड़े, वो घर खोजा था
जहाँ माँ उसकी थी, और बापू भी सोया था
मैंने भू-भू करके उसकी माँ जगाई
पूछा तू क्यों उस कन्या को फेंक कर आई
चल मेरे साथ, उसे लेकर आ
भूखी है वो, उसे अपना दूध पिला
माँ सुनते ही रोने लगी
अपने दुख सुनाने लगी
बोली, कैसे लाऊँ अपने कलेजे के टुकड़े को
तू सुन, तुझे बताती हूँ अपने दिल के दुखड़े को
मेरी सासू मारती है तानों की मार
मुझे ही पीटता है, मेरा भतार
बोलता है लङ़का पैदा कर हर बार 
लङ़की पैदा करने की है सख्त मनाही
कहना है उनका कि कैसे जायेंगी ये सारी ब्याही
वंश की तो तूने काट दी बेल
जा खत्म कर दे इसका खेल
माँ हूँ, लेकिन थी मेरी लाचारी
इसलिए फेंक आई, अपनी बिटिया प्यारी
कुत्ते का गला भर गया
लेकिन बयान वो पूरे बोल गया....!
बोला, मैं फिर उल्टा आ गया
दिमाग पर मेरे धुआं सा छा गया
वो लड़की अपना, अंगूठा चूस रही थी
मुझे देखते ही हंसी, जैसे मेरी बाट में जग रही थी
कलेजे पर मैंने भी रख लिया था पत्थर
फिर भी काँप रहा था मैं थर-थर
मैं बोला, अरी बावली, जीकर क्या करेगी
यहाँ दूध नही, हर जगह तेरे लिए जहर है, पीकर क्या करेगी
हम कुत्तों को तो, करते हो बदनाम
परन्तु हमसे भी घिनौने, करते हो काम
जिन्दी लड़की को पेट में मरवाते हो
और खुद को इंसान कहलवाते हो
मेरे मन में, डर कर गयी उसकी मुस्कान
लेकिन मैंने इतना तो लिया था जान
जो समाज इससे नफरत करता है
कन्याहत्या जैसा घिनौना अपराध करता है
वहां से तो इसका जाना अच्छा
इसका तो मर जान अच्छा
तुम लटकाओ मुझे फांसी, चाहे मारो जूत्ते
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते ..!! Please read and share.
...
Good morning

Sabhi Rajput Banduo KO Happy Dipawali ♚...!!! जब हम सिंहासन पर बैठते है तो,राजा कहलाते है ! जब हम घोङे पर सवार होते तो,........

Sabhi Rajput Banduo KO Happy Dipawali

♚...!!!
जब हम सिंहासन पर बैठते है तो,राजा कहलाते
है !
जब हम घोङे पर सवार होते तो,
योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो, श्रत्रिय
कहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो "राजपुत"
कहलाते है !
" मेरा कत्ल कर दो
कोई शिकवा ना होगा,
मुजे धोखा दे दो
कोई बदला न होगा,
पर अगर जो आँख उठी मेरे वतन ए हिन्दुस्तान पे,
तो फिर
तलवार उठेगी और फिर कोई समझौता न
होगा...!! "
हमारी शक्सियत का अंदाज़ा तुम
क्या लगाओगे गालिब..,
के हम तो कब्रीस्तान से भी गुज़रते है तो मुर्दे उठ
कर कहते है...
"जय माताजी जी बना"
सर पे हे केसरिया साफा '
मुख पे हे सोने सी आभा'
जब हाथ मे लेते हे' तलवार
दुनिया करती हे '
कोटि कोटि प्रणाम'
अपनी माँ के सच्चे पुत '
इसलिए कहते हमको क्षत्रिय राजपुत'
जो मचछर से डर जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।
जो शेर से लड जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।।
लेिकन एक अजब खून का
जलवा तो गजब पुत का होता है!!
जो मौत को भी ललकारे वो खून
राजपुत का होता है !
जमाने ने राजपूतो के उसूल तो बदल दिए"
पर
"खून और दादागिरी आज
भी वो ही है.. ।।
झुंड मे रहने वालो आजमा कर
देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद
भी पिघलता है।
शेर सा जिगरा है "राजपूत"
हमेसा अकेला निकलता है।
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!!
दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज
भी..!!
राजपूत उस बारिश का नाम नही जो बरसे और
थम जाये।
राजपूत वो सूरज नही है जो चमके और डुब जाये।
राजपूत नाम है उस साॅस का।
जो चले तो जिंदगी और थमे तो मौत बन
जाये।...........
अभी तक हम इतने भी मामूली नहीं हुए...." कि.....
किसी के दिल में बसना चाहे और वो इनकार कर
दे...."
जो मिटा सके हमारी शोहरत के पन्ने.......
वो दम किसी में कहाँ.
शूक्र है तलवारें म्यान के अन्दर है वरना. जो टिक
सके हमारें सामने वो सर कहाँ !!!
रानी नहीं तो क्या हूआ.. यह राजा आज
भी लाखों दिलों पर राज करता हैं.!!
बंदुक और तलवार जैसै खिलेोने बाजार मे बहुत
बिकते है ।।
पर उसे चलाने का जिगर
दुिनया के किसी भी बाजार मे
नही बिकता ----->
"मदॅ" उसे लेकर पैदा होता हे.... ॥
किसी ने पुछा
राजपूत
की जनसंख्या इतनी कम
क्यों है ???
राजपूत ने उतर देते हुए कहा - यह प्रकृति का नियम
है यदि शेरों (राजपूत)
को बढा दिया जाए
तो दुसरी प्रजातियाँ खतरे मे पड़ जाएगी ।।
कोशिश तो सब करते है, लेकिन सबको हासिल
ताज नही होता ।
शोहरत तो कोई भी कमा ले, पर
बन्ना वाला अंदाज नही होता ।
उस दिन भी कहा था
आज भी कह रहा हु...
"उम्र छोटी है लेकिन जज्बा दुनिया को मुट्ठी में
रखने का रखता हूँ ¶
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्युंकी
मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओग.....
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए
तो बस "नाम" ही काफी हे.........
लोग कहते है तुजे तेरी " बन्ना गीरी"
एक दिन मरवायेंगी...
मैने प्यार से कहा- क्या करु ?
सबको " बन्ना गीरी
आती नही और मेरी जाती नही !......
..सिंह का मुखोटा लगाकर कोई शेर
नहीं बनता...
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप
नहीं बनता...
रणभूमी में पता चलता हे योद्धाओ का...
मुछो की मरोड़ी लगाने से कोई राजपूत
नहीं बनता...
कुछ हुनर खून में होते हे सिखाये
नहीं जाते...
यु दंड बैठक लगाने से कलेजा राजपूत
का नहीं बनता...

Wednesday 15 October 2014

Well said- Struggle makes person strong


"I slept on benches and
everyday borrowed 20Rs
from friend to travel to
film city"
- Sharukh khan
"I failed in 8th standard "
-Sachin Tendulkar
"During my secondary
school, I was dropped
from school basketball
team"
-MichelI Jordan
"I was rejected for the
job in All India Radio
bcoz of my heavy voice"
- Amitabh Bacchan
"I used to work in petrol
pump"
- Dhirubhai Ambani
"I was rejected in the
interview of Pilot"
- Abdul Kalam
"I didn't even complete
my university education"
- Bill Gates
"I was a dyslexic kid"
- Tom Cruize
"I was raped at the
age of 9 "
- Oprah Winfrey
"I used to serve tea at
a shop to support my
football training"
- Lionel Messi
"I used to sleep on the
floor in friends rooms,
returning Coke bottles
for food, money, and
getting weekly free
meals at a local temple"
-Steve Jobs
"My teachers used to
call me a failure"
- Tony Blair
"I was in prison for 27
years"
-Nelson Mandela
and here comes the
"THALIVA"
"At the age of 30, I was
a bus conductor"
-Rajnikant
"Friends, there are
many such people who
struggled..
Life is not about what
you couldn't do so far,
it's about what you can
still do.
Wait n dont ever give up..
Miracles happen every
day....
                             
Rs.20 seems too much
to give a beggar but it
seems okay when its
given as tip at a fancy
restaurant.
After a whole day of
work, Hours at the gym
seem alright but helping
your Mother out at home
seems like a burden.
Praying to god for 3 min
takes too much time but
watching a movie for 3
hours doesn't.
Two poor starving kids
sitting on the pavement
weren't given even a slice
of Bread but a painting of
them sold for lakhs of
Rupees.
We don't think twice
About forwarding jokes
But we will rethink about
sending this message on.
Think about It..
Make a change..

Monday 13 October 2014

Diwali bonus to be announced shortly

राजस्थान के लाखों कर्मचारियों जल्द
मिलेगा दिवाली तोहफा!

शिक्षा संवाददाता
Subhash Choudhary सुभाष चौधरी
Mon, 13 Oct 2014 13:18:00 |
जयपुर। राज्य सरकार का वित्त विभाग
दीपावली पर राजस्थान के 4 लाख से
अधिक कर्मचारियों को बोनस देने
की तैयारी में जुट गया है।
वित्त विभाग ने बोनस देने
संबंधी पत्रावली को मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे के पास भेज दिया है।
कर्मचारियों के बोनस पर लगभग 200 करोड़
रूपए
का खर्चा आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंगापुर यात्रा से लौटने
के
बाद पत्रावली पर
स्वीकृति देंगी।
राजस्थान में चार लाख कर्मचारियों के साथ
पंचायती राज संस्थाओं, बोर्ड और निगमों में लगे
कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा।

Friday 10 October 2014

How To Live & Die - Khushwant Singh

Very nice article by Khushwant Singh 😊
 How To Live & Die
-  Khushwant Singh
 ⛄⛄⛄⛄⛄⛄⛄⛄⛄
I’ve often thought about what it is that makes people happy—what one has to do in order to achieve happiness.

1- First and foremost is good health. If you do not enjoy good health, you can never be happy. Any ailment, however trivial, will deduct something from your happiness.

2- Second, a healthy bank balance. It need not run into crores, but it should be enough to provide for comforts, and there should be something to spare for recreation—eating out, going to the movies, travel and holidays in the hills or by the sea. Shortage of money can be demoralising. Living on credit or borrowing is demeaning and lowers one in one’s own eyes.

3- Third, your own home. Rented places can never give you the comfort or security of a home that is yours for keeps. If it has garden space, all the better. Plant your own trees and flowers, see them grow and blossom, and cultivate a sense of kinship with them.

4- Fourth, an understanding companion, be it your spouse or a friend. If you have too many misunderstandings, it robs you of your peace of mind. It is better to be divorced than to be quarrelling all the time.

5- Fifth, stop envying those who have done better than you in life—risen higher, made more money, or earned more fame. Envy can be corroding; avoid comparing yourself with others.

6- Sixth, do not allow people to descend on you for gup-shup. By the time you get rid of them, you will feel exhausted and poisoned by their gossip-mongering.

7- Seventh, cultivate a hobby or two that will fulfill you—gardening, reading, writing, painting, playing or listening to music. Going to clubs or parties to get free drinks, or to meet celebrities, is a criminal waste of time. It’s important to concentrate on something that keeps you occupied meaningfully.

8- Eighth, every morning and evening devote 15 minutes to introspection. In the mornings, 10 minutes should be spent in keeping the mind absolutely still, and five listing the things you have to do that day. In the evenings, five minutes should be set aside to keep the mind still and 10 to go over the tasks you had intended to do.

9- Ninth, don’t lose your temper. Try not to be short-tempered, or vengeful. Even when a friend has been rude, just move on.

10- Above all, when the time comes to go, one should go like a man without any regret or grievance against anyone.

New Pension Scheme (NPS) Circular & guidelines


New Pension Scheme (NPS) Circular
Aug 21, 2014 @ 10:45:00 AM
एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के
लिए शुरूकी गईअंशदायी पेंशन योजना के संबंध में
पहली बार वित्त विभागद्वारा गाइड
लाइनजारी की गई हैं। इसमें फंड मैनेजरों के पास
जमा राशि के भुगतानसंबंधी प्रक्रिया स्पष्ट की गई है।
वित्त विभाग द्वारा 6 अगस्तको जारी पत्र के मुताबिक
रिटायरमेंट पर अध्यापकों अंशदान देनेवाले अन्य
कर्मचारियों को कुल
जमा राशि का 60फीसदी एकमुश्त भुगतान कर
दिया जाएगा। शेष 40फीसदी का भुगतान मासिक पेंशन
के रूप में किया जाएगा।
वहीं अगर कोई कर्मचारी या अध्यापक रिटायरमेंट के
पहलेही नौकरी छोड़ता है
तो उसकी 80फीसदी राशि की एन्युटी खरीदी जाएगी।
एवं 20 फीसदी का एकमुश्त भुगतान होगा। अगर
सेवा काल केदौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु
हो जाती है तो उसकेनॉमिनी या वैध
उत्तराधिकारी को एकमुश्तराशि का भुगतान
किया जाएगा।
अंशदायी पेंशन योजना में
10फीसदी राशि अध्यापकया कर्मचारी के वेतन से ,
इतनी ही राज्य सरकारद्वारा जमा कराई जाएगी।
अध्यापकों के को मैनेज करनेका काम7 वित्तीय संस्थाएं
करेंगी। इनमें से किसी एक
का चयन अध्यापक या अन्य कर्मचारी खुद कर सके !


Thursday 9 October 2014

चीन को सबक सिखाने का बेहतरीन तरीका

दुनिया में सबसे बड़ी फ़ौज सोवियत संघ के पास
थी ,जिसका खर्चा वह भारत जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार
बेच कर उठाता था ,परन्तु जब अमेरिका और फ़्रांस उससे बहुत कम
कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत का बाजार टूट
गया और ९० के दसक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में
असमर्थ हो गया परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन
राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी इस प्रकार सोवियत संघ का पतन
हो गया .चीन के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने
सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार
में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के
अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है .लगभग रोज चीन
भारतीय सीमा में घुस आता है, परन्तु वह बियात्नाम युद्ध के बाद
इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई लड़ सके, यदि चीन
को बिना एक गोलीचलाये सबक सिखाना है तो सबसे
अच्छा तरीका यही है की हर भारतीय
चीनी सामानों का बहिस्कार करे, क्योकि दुनिया का सबसे
बड़ा बाजार भारत है ,कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छीन
जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.मै हर भारतीय से
अनुरोध करता हु की वह चीनी सामान लेना बंद कर दे...!!
आप जितने भी ग्रुप में है शेयर जरुर करे
धन्यबाद
:
बॉर्डर पर जंग नही लड़ सकते पर इतना तो कर सकते हैं। —

एक फौजी की प्रार्थना पर ------- कोर्ट मार्शल

एक फौजी की प्रार्थना पर
-----------------------
कोर्ट मार्शल"
------------

आर्मी कोर्ट रूम में आज एक
केस अनोखा अड़ा था
छाती तान अफसरों के आगे
फौजी बलवान खड़ा था

बिन हुक्म बलवान तूने ये
कदम कैसे उठा लिया
किससे पूछ उस रात तू
दुश्मन की सीमा में जा लिया

बलवान बोला सर जी! ये बताओ
कि वो किस से पूछ के आये थे
सोये फौजियों के सिर काटने का
फरमान कोन से बाप से लाये थे

बलवान का जवाब में सवाल दागना
अफसरों को पसंद नही आया
और बीच वाले अफसर ने लिखने
के लिए जल्दी से पेन उठाया

एक बोला बलवान हमें ऊपर
जवाब देना है और तेरे काटे हुए
सिर का पूरा हिसाब देना है

तेरी इस करतूत ने हमारी नाक कटवा दी
अंतरास्ट्रीय बिरादरी में तूने थू थू करवा दी

बलवान खून का कड़वा घूंट पी के रह गया
आँख में आया आंसू भीतर को ही बह गया

बोला साहब जी! अगर कोई
आपकी माँ की इज्जत लूटता हो
आपकी बहन बेटी या पत्नी को
सरेआम मारता कूटता हो

तो आप पहले अपने बाप का
हुकमनामा लाओगे ?
या फिर अपने घर की लुटती
इज्जत खुद बचाओगे?

अफसर नीचे झाँकने लगा
एक ही जगह पर ताकने लगा

बलवान बोला साहब जी गाँव का
ग्वार हूँ बस इतना जानता हूँ
कौन कहाँ है देश का दुश्मन सरहद
पे खड़ा खड़ा पहचानता हूँ

सीधा सा आदमी हूँ साहब !
मै कोई आंधी नहीं हूँ
थप्पड़ खा गाल आगे कर दूँ
मै वो गांधी नहीं हूँ

अगर सरहद पे खड़े होकर गोली
न चलाने की मुनादी है
तो फिर साहब जी ! माफ़ करना
ये काहे की आजादी है

सुनों साहब जी ! सरहद पे
जब जब भी छिड़ी लडाई है
भारत माँ दुश्मन से नही आप
जैसों से हारती आई है

वोटों की राजनीति साहब जी
लोकतंत्र का मैल है
और भारतीय सेना इस राजनीति
की रखैल है

ये क्या हुकम देंगे हमें जो
खुद ही भिखारी हैं
किन्नर है सारे के सारे न कोई
नर है न नारी है

ज्यादा कुछ कहूँ तो साहब जी
दोनों हाथ जोड़ के माफ़ी है
दुश्मन का पेशाब निकालने को
तो हमारी आँख ही काफी है

और साहब जी एक बात बताओ
वर्तमान से थोडा सा पीछे जाओ

कारगिल में जब मैंने अपना पंजाब
वाला यार जसवंत खोया था
आप गवाह हो साहब जी उस वक्त
मै बिल्कुल भी नहीं रोया था

खुद उसके शरीर को उसके गाँव
जाकर मै उतार कर आया था
उसके दोनों बच्चों के सिर साहब जी
मै पुचकार कर आया था

पर उस दिन रोया मै जब उसकी
घरवाली होंसला छोड़ती दिखी
और लघु सचिवालय में वो चपरासी
के हाथ पांव जोड़ती दिखी

आग लग गयी साहब जी दिल
किया कि सबके छक्के छुड़ा दूँ
चपरासी और उस चरित्रहीन
अफसर को मै गोली से उड़ा दूँ

एक लाख की आस में भाभी
आज भी धक्के खाती है
दो मासूमो की चमड़ी धूप में
यूँही झुलसी जाती है

और साहब जी ! शहीद जोगिन्दर
को तो नहीं भूले होंगे आप
घर में जवान बहन थी जिसकी
और अँधा था जिसका बाप

अब बाप हर रोज लड़की को
कमरे में बंद करके आता है
और स्टेशन पर एक रूपये के
लिए जोर से चिल्लाता है

पता नही कितने जोगिन्दर जसवंत
यूँ अपनी जान गवांते हैं
और उनके परिजन मासूम बच्चे
यूँ दर दर की ठोकरें खाते हैं..

भरे गले से तीसरा अफसर बोला
बात को और ज्यादा न बढाओ
उस रात क्या- क्या हुआ था बस
यही अपनी सफाई में बताओ

भरी आँखों से हँसते हुए बलवान
बोलने लगा
उसका हर बोल सबके कलेजों
को छोलने लगा

साहब जी ! उस हमले की रात
हमने सन्देश भेजे लगातार सात

हर बार की तरह कोई जवाब नही आया
दो जवान मारे गए पर कोई हिसाब नही आया

चौंकी पे जमे जवान लगातार
गोलीबारी में मारे जा रहे थे
और हम दुश्मन से नहीं अपने
हेडक्वार्टर से हारे जा रहे थे

फिर दुश्मन के हाथ में कटार देख
मेरा सिर चकरा गया
गुरमेल का कटा हुआ सिर जब
दुश्मन के हाथ में आ गया

फेंक दिया ट्रांसमीटर मैंने और
कुछ भी सूझ नहीं आई थी
बिन आदेश के पहली मर्तबा सर !
मैंने बन्दूक उठाई थी

गुरमेल का सिर लिए दुश्मन
रेखा पार कर गया
पीछे पीछे मै भी अपने पांव
उसकी धरती पे धर गया

पर वापिस हार का मुँह देख के
न आया हूँ
वो एक काट कर ले गए थे
मै दो काटकर लाया हूँ

इस ब्यान का कोर्ट में न जाने
कैसा असर गया
पूरे ही कमरे में एक सन्नाटा
सा पसर गया

पूरे का पूरा माहौल बस एक ही
सवाल में खो रहा था
कि कोर्ट मार्शल फौजी का था
या पूरे देश का हो रहा था ?

Dosto, Ek Baar.. इसे इतना फैला दो की सारे नेता को कुछ शर्म आयेे की फौजियों का आत्मविश्वास न गिराए

friends प्यार की शेर शयरी बहुत शेयर किया हैं.... जरा इसे भी इतना शेयर कर दो की
जाग उठे आज के नेता और जवान की रूह देश के लिए।।

जय हिन्द  जय भारत    ""

रंग बदळ किरकांटया होग्या...........

रंग बदळ किरकांटया होग्या, नीत बदल मन मेला होग्या,
मिनखीचारो मरतो दीखे, पईसां लारे गेला होग्या।
घर सुं भाग गुरुजी बणग्या, चोर उचक्का चेला होग्या,
चंदो खार कार में घुमे, भगत मोकळा भेळा होग्या।
कम्प्यूटर को आयो जमानो, पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,
पढ़ी-लिखी लुगायां ल्याया काम करण रा फोड़ा होग्या।
जवानी में बूढ़ा होग्या सांस फूलगी घायल होग्या,
घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या, जेब-जेब मोबाईल होग्या।
छोरयां तो हूंती आई पण आज पराया छोरा होग्या,
राल्यां तो उघड़बा लागी, न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।
इतिहासां में गयो घूंघटो, पोडर पुतिया मूंडा होग्या,
झरोखां री जाल्यां टूटी, म्हेल पुराणां टूंढ़ा होग्या।
भारी-भारी बस्ता होग्या, टाबर टींगर हळका होग्या,
मोठ बाजरी ने कुछ पूछे, पतळा-पतळा फलका होग्या।
रूंख भाडकर ठूंठ लेयग्या जंगळ सब मैदान होयग्या,
नाडी नदियां री छाती पर बंगला आलीशान होयग्या।
मायड़भाषा ने भूल गया, अंगरेजी का दास होयग्या,
टांग कका की आवे कोनी ऐमे बी.ए. पास होयग्या।
सत संगत व्यापार होयग्यो, बिकाऊ भगवान होयग्या,
भगवा भेष ब्याज रो धंधो, धरम बेच धनवान होयग्या।
ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या, सासु सुसरा चौखा होग्या,
सेवा रा सपनां देख्या पण आंख खुली तो धोखा होग्या।
बिना मूँछ रा मरद होयग्या, लुगायां रा राज होयग्या,
दूध बेचकर दारू ल्यावे, बरबादी रा साज होयग्या।
तीजे दिन तलाक होयग्यों, लाडो लाडी न्यारा होग्या,
कांकण डोरां खुलियां पेली परण्या बींद कंवारा होग्या।
बिना रूत रा बेंगण होग्या, सियाळा में आम्बा होग्या,
इंजेक्शन सूं गोळ टमाटर फूल-फूल कर लाम्बा होग्या।
कविता म्हारी फिरे कंवारी तुकबंदी का फेरा होग्या,
दिवलो करे उजास जगत में खुद रे तळे अंधेरा होग्या।
मन मरजी रा भाव होयग्या, पंसेरी रा पाव होयग्या,
महंगाई री मार तिवाड़ी, जीणां दोरा आज होयग्या।

Motor Vehicle new Act passed.

Motor Vehicle new Act passed.

Fine:

Two Wheeler - 

Without helmet  Rs. 500
Without PUC Rs. 500
Without insurance  Rs. 10000
Without paper  Rs. 500
and go to Vehicle court to release vehicle.

Without licence Rs.10000
and vehicle confiscate.
Three savari  Rs. 1000
All papers should be carried while Driving.

Four Wheeler -

Without Belt  Rs. 1000
Without PUC  Rs. 1500
Without insurance Rs. 10000
Without paper  Rs. 5000
and go to Vehicle court to release vehicle.
Without licence Rs.10000
and vehicle will be confiscated along with all papers.
Mobile while driving Rs. 5000.
Three time Memo, then Licence will be confiscated in both two and four wheelers.
Please inform in all groups.
Effected from tomorrow.

Wednesday 8 October 2014

First aid for heart attacks

जरा सोचिये की शाम के
7:25 बजे है और आप घर जा रहे है
वो भी एकदम अकेले।
ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज
दर्द होता है जो
आपके हाथों से होता हुआ आपके
जबड़ो तक पहुँच
जाता है। आप अपने घर से
सबसे नजदीक अस्पताल
से 5 मील दूर है और
दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं
समझ आरहा की आप वहां
तक पहुँच पाएंगे की नहीं।
आप सीपीआर में प्रशिक्षित
है मगर वहां भी आपको ये
नहीं सिखाया गया की इसको
खुद पर प्रयोग कैसे करे।
ऐसे में दिल के दौरे से बचने
के लिए ये उपाय आजमाए ;-
चूँकि ज्यादातर लोग दिल के
दौरे के वक्त अकेले होते है
बिना किसी की मदद के
उन्हें सांस लेने में तकलीफ
होती है । वे बेहोश होने लगते
ह और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स
होते है । ऐसे हालत
में पीड़ित जोर जोर से खांस
कर खुद को सामान्य रख
सकता है। एक जोर की सांस
लेनी चाहिए हर खांसी से पहले
और खांसी इतनी तेज हो की
छाती से थूक निकले।
जब तक मदद न आये ये
प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई
जाए ताकि धड्कण सामान्य
हो जाए ।
जोर की साँसे फेफड़ो में
ऑक्सीजन पैदा करती है
और जोर की खांसी की वजह
से दिल सिकुड़ता है जिस से
रक्त सञ्चालन नियमित रूप से
चलता है ।।।।।
जहाँ तक ही सके इस सन्देश को हरेक
तक पहुंचाए । एक ह्रदय के डॉक्टर
ने तो यहाँ तक कहाँ
की अगर हर व्यक्ति यह सन्देश
10 लोगो को भेजे तो एक जान
बचायी जा सकती है।
आप सबसे निवेदन है की
चुटकले भेजने की बजाय यह
सन्देश सबको भेजे ताकि लोगो
की जान बच सके ।
Please share

Follow your heart. Follow these lines.

प्रत्येक लाइन गहराई से पढ़े-
✅ गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
✅ अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।
✅ किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
✅ किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।
✅ कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
✅ कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
✅ कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
✅ कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....।
✅ ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना....
✅ कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
✅ पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज दोस्तों की यादों में रहते है...।
✅ पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
✅ सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।
जिंदगी बहुत कम है, प्यार से जियो
रोज सिर्फ इतना करो -
🔺गम को        "Delete"
🔺खुशी को       "Save"
🔺रिश्तोँ को      "Recharge"
🔺दोस्ती को      "Download"
🔺दुश्मनी को      "Erase"
🔺सच को         "Broadcast"
🔺झूठ को         "Switch Off"
🔺टेँशन को     "Not   Reachable"
🔺प्यार को        "Incoming"
🔺नफरत को       "Outgoing"
🔺हँसी को          "Inbox"
🔺आंसुओँ को       "Outbox"
🔺गुस्से को          "Hold"
🔺मुस्कान को        "Send"
🔺हेल्प को              "OK"
🔺दिल को करो      "Vibrate"
फिर देखो जिँदगी का
🔺"RINGTONE" कितना प्यारा बजता है!
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