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Tuesday 31 May 2016

6D एवम् staffing pattern

⭕सामान्य जानकारी ⭕
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6D एवम् staffing pattern
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1--  6 डी क्या  है  ?  

उत्तर -- यह एक  विभागीय प्रकिया  है ।राजस्थान सर्विस नियम 1971 में भी इस नियम का उल्लेख किया  गया  है ।जिसके अन्तर्गत पंचायती  राज में  नियुक्त कार्मिक  को शिक्षा  विभाग में  100% प्रतिशत  रिक्तियों  के  विरूद्ध  पदस्थापित  किये किया जाता है।                                

2-- 6डी के लिये  क्या योग्यता  निर्धारित  की गई  है ?।                      

उत्तर -- 6 डी के कार्मिक  पंचायती राज पद अध्यापक को 5 वर्ष का सेवा अनुभव  न्यूनतम व साथ ही योग्यता अर्थात बीएड व stc अनिवार्य है ।                                 

3-- 6 डी के क्या लाभ है ?        

उत्तर --  उक्त समायोजन के बाद कार्मिक  को पंचायती राज में न  गणना कर शिक्षा विभाग मे गिना जाएगा।शिक्षा विभाग के समस्त  परिलाभ को कार्मिक को दिएजाएंगे।

4-- क्या माध्यमिक में कार्यरत  पूल बजट के कार्मिक व एकीकरण में  मर्ज विधालय के कार्मिकों  को 6डी में  गिना जाएगा  ?                                        

उत्तर -- पूल बजट के कार्मिकों व एकीकरण  के बाद माध्यमिक  सेटअप में  गए कार्मिकों   को 6 डी में  नही गिना जाएगा ।इन्हें  अपने मूल विभाग पंचायती राज में  ही  यथावत रखा जाएगा।                    

5 -- समानीकरण में  वरिष्ठता  किस आधार  पर  गिनी जाएगी  ?         

उत्तर -- वरिष्ठता  का आधार जिले में  नियुक्ति/ कार्यग्रहण  तिथि से किया गया है।                                        

6 -- अधिशेष अध्यापक  से क्या अभिप्राय  है ?                               

उत्तर -- एक विधालय में  एक ही विषय के एक से अधिक कार्मिक  कार्यरत है।                                   

7 -- अधिशेष की गणना केसे की      जाए ?                                

उत्तर --ऐसी स्थिति में वहां अधिशेष की गणना विधालय मे अधिकतम ठहराव वाले कार्मिकों को  विषयवार   अधिशेष कर अन्यत्र विधालय में स्वीकृत  रिक्त पदों पर  पदस्थापित  किया जाएगा।

8--वर्तमान Staffing pattern/समानीकरण क्या है ?

उत्तर--माध्यमिक शिक्षा में रिक्त रहे पदों को प्रारम्भिक शिक्षा (3rd ग्रेड) से भरना

9--6D व् staffing pattern में क्या अंतर है ?

उत्तर--6D केवल पंचायतीराज कार्मिकों के लिए होता है जबकि staffing pattern सभी का हो सकता है

10--staffing pattern  व् 6D में ब्लॉक change हो सकता है ?

उत्तर-- हाँ

11--नवनियुक्त अथवा 2012 अध्यापक किससे और कैसे प्रभावित होंगे ?

उत्तर-- सभी प्रारम्भिक शिक्षा को सौंपे जाने चाहिए ।

12--वर्तमान में counseling सही अर्थों में इनमे से क्या है ?

उत्तर-- माध्यमिक शिक्षा में अध्यापकों के रिक्त पदों को 6D वरीयता के आधार पर भरना

13--माध्यमिक में पूर्व में ही समायोजित शिक्षको के लिए कौनसी प्रक्रिया अपनाई जायेगी

उत्तर--जिनका पूर्व में समायोजन हो चूका हे उनको वही करेंगे अगर किसी के पूर्व में गलती रह गयी हो तो वह सम्बंधित DEO से मिल कर त्रुटि सुधार करा सकता हे
और जो शिक्षक माध्यमिक में कार्यरत हे और उनका अभी तक समयोजान नही हुआ हे अगर वह योग्यता रखते हे ( स्टाफिंग पैटर्न और कॉउंसलिंग प्रक्रिया ) जे अनुसार तो उनका समाजोयन माध्यमिक में होगा वरना उनको प्रारम्भिक में वापस भेजा जायेगा ।


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निश्चित रूप से इस सामान्य जानकारी में त्रुटियाँ हो सकती है अनुभवी साथी उचित मार्गदर्शन कर आवश्यक सुधार अवश्य करें

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ये एक छोटा सा प्रयास है। समानीकरण व 6 डी की प्रक्रिया को  समझाने का  ।इसे अधिकारिक नही मानें ।अनुभवी साथी आवश्यक  सुधार करें ।��

Tuesday 17 May 2016

7th Pay Commission Arrears To Be Paid In August


May 16, 2016
7th Pay Commission Arrears To Be Paid In August
The central government is going to start payment of salaries to its 48 lakh officials and employees according to 7th Pay Commission award from July and six months’ arrears are to be paid in August.

As per official calculation, no huge amount will be required for the payment of arrears.
The government in its annual budget has provisioned Rs 70,000 crore to meet the demand for implementation of 7th Pay Commission for central government employees which will take effect from January 1, 2016, while the allowances would be paid from July 1, 2016.

Basic salary of central government employees is likely to be tripled under the 7th Pay Commission award with employees in the lower rung getting the highest percentage of raise.

In the highest grade, basic salary is likely to rise around to Rs 2,70,000 to Rs 2,50,000 and in the lowest grade to Rs 21,000.

In June end, the cabinet is likely to approve the new pay scales for central government employees after considering report of the 7th Pay Commission, led by Justice A K Mathur, and the report of the 13 member Empowered Committee of Secretaries headed Cabinet Secretary P K Sinha to process the recommendations of the 7th Pay Commission, which was set up in January.

The officials familiar with the developments told The Sen Times that the Finance Minister Arun Jaitley has not been under pressure to meet the demand as he has surplus money in the national exchequer.

“We have provisioned for around 60-70 per cent of the total burden that was talked about,” the officials said adding about Rs 70,000 crore has been provided in the Budget.

The government will issue a circular in respect of online pay-fixation, which will reduce hassles as doing the same manually is both time-consuming and harassing. Pay fixation is a mandatory procedure for getting new pay and perks, the officials told us.

“We’re at the for issuing the notification and one more month will be required to issue after cabinet nod, so we hopefully say that central government employees will get new pay and arrears in July and August respectively,”

Monday 2 May 2016

राज्य के कर्मचारियों को शीघ्र मिल सकता 7वां वेतन आयोग,

राज्य के कर्मचारियों को शीघ्र मिल सकता 7वां वेतन आयोग, मंत्री ने दिए संकेत

शिव-पार्वती भवन में आयोजित कर्मचारी सम्मेलन में बोलते चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़।
राज्य कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा शीघ्र मिल सकता है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने इसके संकेत दिए हैं। संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के संभागीय सम्मेलन में उन्होंने सरकार को एम्प्लाय फ्रेंडली बताते हुए कहा है कि सरकार ने 2008 में जिस प्रकार से छठा वेतन आयोग लागू किया था। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी उसी तर्ज पर मानने की तैयारी की जा रही है।
गोगागेट स्थित शिव पार्वती भवन में हुए संभागीय सम्मेलन में प्रमुख तौर पर तीन समस्याएं छायी रही। कर्मचारी नेताओं ने 7वें वेतन आयोग को लागू करने से पहले सभी कैडर के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को सुलझाने की मांग की। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही मंत्रालयिक कर्मचारियों का अलग निदेशालय बनाने की मांग भी की गई। प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर मंत्री मंडलीय उप समिति रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी।

उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि फैसला कर्मचारियों के पक्ष में ही होगा। सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अबुबकर नकवी ने सरकार को कर्मचारियों की हित चिंतक बताया। महासंघ के प्रदेश महामंत्री संतोष विजय, संरक्षक शंकर पुरोहित, मनजीत कौर, आनंद पणिया, विजय सिंह, कमल अनुरागी, मनीष देवाश्री आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन जिलाध्यक्ष भंवर पुरोहित ने किया।
संभागीय सम्मेलन में कर्मचारी नेताओं ने चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को अपना 25 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। जिसमें वेतन भत्ते, नियमितीकरण, आर्थिक शोषण से मुक्ति, वन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, नर्सेज, लैब टेक्नीशियन, आईजीएनपी, फार्मासिस्ट, पीएचईडी सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी विसंगतियों और समस्याओं का विवरण दिया गया है। जिलाध्यक्ष भंवर पुरोहित ने बताया कि खास तौर पर संविदा पर काम करे कर्मचारियों को नियमित करने की मांग पर जोर दिया गया है। इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़े मुद्दे की जानकारी भी राठौड़ को दी गई है।
 

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट 30 जून तक सौंप देंगे

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट 30 जून तक सौंप देंगे - live hindustan May 1, 2016

केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा है कि वह 30 जून तक सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप देंगे। इसके बाद इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

सिन्हा ने यह बात 'इंडियन पब्लिक इम्पलाइज फेडरेशन' के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा और महामंत्री प्रेम चंद्र के नेतृत्व में दिल्ली जाकर मिले एक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में कही। वीपी मिश्रा के मुताबिक, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा है कि मई में ही सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट वे केंद्र सरकार को सौंप देते, लेकिन संसद सत्र चलने के कारण ऐसा नहीं कर पाए।
खास बात यह है कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी की जिम्मेदारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की कमियों को दूर करके सरकार को रिपोर्ट सौंपना है। यह रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी जा सकी है। इस रिपोर्ट में हो रही देरी को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी।

दिल्ली से लौटकर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिश्र ने लखनऊ में बताया कि फेडरेशन की मांग पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कई कमियों को सुधारकर रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया है। जैसे न्यूनतम वेतन की सीमा बढ़ाई जा सकती है। नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग के बजाए नियमित भर्ती का रास्ता खोला जा सकता है। पुरानी पेंशन के स्थान पर लागू की गई नई पेंशन योजना को कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन से ज्यादा सुविधाजनक बनाने की बात है।