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Sunday 14 September 2014

भोजन की स्वास्थकर आदतें : Health tips - Eating habbits

कुछ साधारण लेकिन महत्वपूर्ण ध्यान रखने योग्य बातें :

1) हमेशा पानी को घूट-घूट करके चबाते हुये पिये और खाने को इतना चबाये की पानी बन जाए। किसी ऋषि ने कहा है की “ खाने को पियो और पीने को खाओ “

2) खाने के 40 मिनट पहले और 60-90 मिनट के बाद पानी पिये और फीृज का ठंडा पानी, बर्फ डाला हुआ पानी जीवन मे कभी भी नही पिये गुनगुना या मिट्टी के घडें का पानी पिये ।

3)सुबह जगने के बाद बिना कुल्ला करे 2 से 3 गिलास पानी सुखआसन मे बैठकर पानी घूटं-घूटं करके पिये यानी उषा पान करे ।

4) खाने के साथ भी कभी पानी न पिये। जरूरत पड़े तो सुबह ताजा फल का रस, दोपहर मे छाछं, और रय   घ्ज्ञ्घ  य666 6यययव् व्6गग6य  6 गग ग66  य 6य6  य6 गय6 यी  666 य6 व्व्यय्यात्रि मे गर्म दूध का उपयोग कर सकते हैं ।

5) भोजन हमेशा सुखआसन मे बैठकर करे और ध्यान खाने पर ही रहे, मतलब टेलिविजन देखते, गाने सुनते हुये, पढ़ते हुये, बातचीत करते हुये कभी भी भोजन न करे ।

6) हमेशा बैठ कर खाना खाये और पानी पिये। अगर संभव हो तो सुखासन, सिद्धासन मे बेठ कर ही खाना खाये।

7) फ्रीज़ मे रखा हुआ भोजन न करें या उसे साधारण तापमान में आने पर ही खाये दुबारा कभी भी गर्म ना करे ।

8) गूँथ कर रखे हुये आटे की रोटी कभी न खाये, जैसे-कुछ लोग सुबह मे ही आटा गूँथ कर रख देते है और शाम को उसी से बनी हुई चपाती खा लेते है जो कि स्वास्थ के लिए हानिकारक है। ताजा बनाए ताजा खाये।

9) खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब जरूर करे ऐसा करने से डायबिटज होने की समभावना कम होती हैं    

10) मौसम पर आने वाले फल, और सब्जियाँ ही उत्तम है इसलिए बिना मौसम वाली सब्जियाँ या फल न खाये।

11) सुबह मे पेट भर भोजन करें। जबकि रात मे बहुत हल्का भोजन करें।

12) रात को खीरा, दही और कोई भी वात उत्पन्न करने वाली चीज न खाये।

13) दही के साथ उड़द की दाल न खाये। जैसे–दही और उड़द की दाल का बना हुआ भल्ला।

14) दूध के साथ नमक या नमक की बनी कोई भी चीज न खाये क्योंकि ये दोनों एक दूसरे के प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

15) दूध से बनी कोई भी दो चीजे एक साथ न खाएं।

16) कोई भी खट्टी चीज दूध के साथ न खाये सिर्फ एक खा सकते है आँवला। खट्टे आम का शेक न पिये केवल मीठे पके हुए आम का ही शेक पीये ।

17) कभी भी घी और शहद का उपयोग एक साथ न करे क्योंकि दोनों मिलकर विष बनाते है।

18) खाना भूख से कम ही खाये। जीने के लिए खाये खाने के लिए न जिये।

19) रिफाइण्ड तेल जहर हैं आप हमेशा कच्ची घाणी का सरसो, तिल या मूगंफली का तेल ही उपयोग करे और जीवन मे हाटॅ टेक व जोडो के दर्द से बचे  ।

20) तला, और मसालेयुक्त खाना खाने से बचे। अगर ज्यादा ही मन हो तो सुबह मे खाये रात मे  कभी भी नहीं।

21) खाने मे गुड या मिस्री का प्रयोग करें, चीनी के प्रयोग स बचें।

22) नमक का अधिक सेवन न करें। आयोडिन युक्त समुद्री नमक का उपयोग बिल्कुल भी नही करे  सेधां, काला या  डली वाला नमक इस्तेमाल करें।

23) मेदा, नमक, और चीनी ये तीनों सफ़ेद जहर है इनके प्रयोग से बचें।

24) हमेशा साधारण पानी से नहाएँ और पहले सर पर पानी डाले फिर पेरो पर, और अगर गरम से नहाओ तो हमेशा पहले पैरों पर फिर सर पर पानी डालना चाइये।

25) हमेशा पीठ को सीधी रख कर बेठे।

26) सर्दियों मे होंट के फटने से बचने के लिए नहाने से पहले नाभि मे सरसों के तेल लगाये । जबरदस्त लाभ मिलता है।

27) शाम के खाने के बाद 2 घंटे तक न सोये 5 से 10 मिनट वज्रासन मे बेठे 1000 कदम वाक जरूर करे ।

28) खाना हमेशा ऐसी जगह पकाए जहां वायु और सूर्य दोनों का स्पर्श खाने को मिल सके।

29)  कूकर मे खाना न पकाए बल्कि किसी खुले बर्तन मे बनाए
1. माँ से बढकर कोई महान नही है।

2. पिता से बढकर कोई मार्गदर्शक नही है।

3. गुरु से बढकर कोई ग्यानी नही है।

4.भाई से बढकर कोई भरोसेमंद नही है।

5. बहन से बढकर कोई रिश्ता नही है।

6. पत्नि से बढकर कोई जीवन साथी नही है।

7. पुत्र से बढकर कोई सहारा नही है।

8. पुत्री से बढकर कोई सेवा करने वाला नही है।

9. मित्रता से बढकर कोई प्रेम नही है।

बस एक ही वजह है
इन रिश्तो के बिगडने की ''व्यक्तिगत स्वार्थ''।

''व्यक्तिगत स्वार्थ'' से उपर उठकर सम्बन्धो को नयी ''दिशा'' देकर अपने जीवन को उच्च, सरल व धन्य बनाओ।

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