तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती के लिए राज्य अध्यापक पात्रता सह भर्ती परीक्षा (रीट) की अधिसूचना सिंतबर में जारी होगी। परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान कराएगा। राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षा में आ रही विधिक अड़चन को दूर कर दिया है।
राज्य में वर्ष 2012 के बाद तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती के लिए परीक्षा नहीं हुई है। वर्ष 2011 और 2012 में राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा 'आरटेटÓ का आयोजन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किया था। इन परीक्षाओं में राज्य सरकार द्वारा कट ऑफ माक्र्स में छूट को लेकर विवाद खड़ा हो गया और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिर शिक्षा बोर्ड आरटेट-2012 का परिणाम जारी कर पाया था।
यूं हटी अड़चन
'रीटÓ को लेकर शिक्षा बोर्ड के सामने विधिक अड़चन आ गई थी। दरअसल पूर्व में 'रीटÓ के लिए मई के अंतिम सप्ताह में अधिसूचना जारी होनी थी। लेकिन अंतिम समय में खुलासा हुआ कि बोर्ड अधिनियम में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान ही नहीं है। इसके लिए मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित करने के बाद मामला राज्यपाल के पास भेजा गया। राज्यपाल ने भी शिक्षा बोर्ड अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। इसके बाद अब 'रीटÓ आयोजित करने का रास्ता साफ हो गया है।
नगर निकाय चुनाव समाप्त होते ही रीट प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। सितंबर में अधिसूचना जारी होगी। शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षा आयोजित करने संबंधी विधिक अड़चन साफ हो गई है। राज्यपाल ने अधिनियम में संशोधन की स्वीकृति दे दी है। इस साल सरकारी विद्यालयों में प्रवेश नामांकन की रिकार्ड बढ़ोतरी को देखते हुए रीट के माध्यम से अध्यापकों के पदों पर भर्ती का आंकड़ा भी उसी अनुपात में बढऩे की संभावना है।
प्रोफेसर वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री
राज्य सरकार से निर्देश मिलते ही रीट की परीक्षा आयोजित कर ली जाएगी। शिक्षा बोर्ड स्तर पर परीक्षा की तैयारी कर ली है।
प्रोफेसर बी.एल. चौधरी, अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान।
2013 से नहीं हुई परीक्षा
कट ऑफ माक्र्स विवाद के चलते वर्ष 2013 में आरटेट के लिए आवेदन मांगने के बावजूद शिक्षा बोर्ड अंतिम समय में परीक्षा कराने से मुकर गया। दरअसल 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले सुराज संकल्प यात्रा के दौरान मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आरटेट को समाप्त कर नई प्रक्रिया प्रारंभ करने की चुनावी घोषणा की थी।
चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में आई तो शिक्षा बोर्ड ने भी आरटेट से हाथ खींच लिया। इसके बाद राज्य सरकार ने आरटेट की जगह अध्यापकों की भर्ती के लिए एक ही परीक्षा रिक्रूटमेंट कम एलिजिब्लिटी एक्जॉम फॉर टीचर्स (रीट) की घोषणा कर दी। राज्य सरकार फिलहाल जिलावार खाली पदों की संख्या की समीक्षा करा रही है।