Search This Blog

Monday 6 July 2015

जहाज दुर्घटना

एक स्कूल में टीचर ने अपने छात्रो को एक कहानी सुनाई और बोली एक समय की बात है की
एक समय एक छोटा जहाज दुर्घटना ग्रस्त हो गया . उस पर पति पत्नी का एक जोड़ा सफ़र कर रहा था .
उन्होने देखा की जहाज पर एक लाइफबोट है जिसमे एक ही व्यक्ति बैठ सकता है, जिसे देखते ही वो आदमी अपनी पत्नी को धक्का देते हुए खुद कूद कर उस लाइफबोट पर बैठ गया .
उसकी पत्नी जोर से चिल्ला कर कुछ बोली ....
टीचर ने बच्चो से पूछा की तुम अनुमान लगाओ वो चिल्लाकर क्या बोली होगी ...
बहुत से बच्चो ने लगभग एक साथ बोला की वो बोली होगी की तुम बेवफा हो , मे अंधी थी जो तुमसे प्यार किया ,मे तुमसे नफरत करती हूँ.
तभी टीचर ने देखा की एक बच्चा चुप बैठा है और कुछ नहीं बोल रहा .. उसने उसे बुलाया और कहा बताओ उस महिला ने क्या कहा होगा.
तो वो बच्चा बोलो मुझे लगता है की उस महिला ने चिल्लाकर कहा होगा की “अपने बच्चे का ख्याल रखना “.
टीचर को आश्चर्य हुआ और बोली क्या तुमने ये कहानी पहले सुनी है,
उस बच्चे ने कहा नहीं लेकिन मेरी माँ ने मरने से पहले मेरे पिता को यही कहा था .
तुम्हारा जवाब बिलकुल सही है .
फिर वो जहाज डूब गया, और वो आदमी अपने घर गया और अकेले ही अपनी मासूम बेटी का पालन पोषण कर उसे बड़ा किया .
बहुत वर्षो के बाद उस आदमी की मृत्यु हो जाती है तो वो लड़की को घर के सामान मे अपने पिता की एक डायरी मिलती है जिसमे उसके पिता ने लिखा था की जब वो जहाज पर जाने वाले थे तब ही उन्हें ये पता लग गया था की उसकी पत्नी एक गंभीर बीमारी से ग्रसित है और उसके बचने की उम्मीद नहीं है, फिर भी उसको बचाने के लिए उसे लेकर जहाज से कही जा रहे थे इस उम्मीद मे की कोई इलाज हो सके .
लेकिन दुर्भाग्य से दुर्घटना हो गयी, वो भी उसके साथ समुद्र की गहराइयों मे डूब जाना चाहता था, लेकिन सिर्फ अपनी बेटी के लिए दुखी ह्रदय से अपनी पत्नी को समुद्र में डूब जाने को अकेला छोड़ दिया .
कहानी ख़त्म हो गयी पूरी क्लास मौन थी
टीचर समझ चुकी थी छात्रों को कहानी का मोरल समझ आ चूका था .
संसार मे अच्छाई और बुराई दोनों है, लेकिन उनके पीछे दोनों मे बहुत जटिलताएं भी है, जो परिस्थितियों पर निर्भर होती है, और उन्हें समझना कठिन होता है .
इसीलिए हमें जो सामने दिख रहा है उसपर सतही तौर से देख कर अपनी राय नहीं बनाना चाहिए , जब तक हम पूरी बात समझ ना लें.
अगर कोई किसी की मदद करता है तो उसका मतलब यह नहीं की वो एहसान कर रहा है, बल्कि ये है की वो दोस्ती का मतलब समझता है
अगर कोई किसी से झगडा हो जाने के बाद माफ़ी मांग लेता है तो मतलब यह नहीं की वो डर गया या वो गलत था, लेकिन यह है की वो मानवता के मूल्यों को समझता है .
कोई अपने कार्यस्थल पर पूरा काम निष्ठा से करता है तो मतलब यह नहीं की वो डरता है,
बल्कि वो श्रम का महत्त्व समझता है और देश के विकास मे अपना योगदान करता है .
अगर कोई किसी की मदद करने को तत्पर है तो उसका मतलब ये नहीं की वो फ़ालतू है या आपसे कुछ चाहता है, बल्कि ये है की वो अपना एक दोस्त खोना नहीं चाहता .

जहाज दुर्घटना

एक स्कूल में टीचर ने अपने छात्रो को एक कहानी सुनाई और बोली एक समय की बात है की
एक समय एक छोटा जहाज दुर्घटना ग्रस्त हो गया . उस पर पति पत्नी का एक जोड़ा सफ़र कर रहा था .
उन्होने देखा की जहाज पर एक लाइफबोट है जिसमे एक ही व्यक्ति बैठ सकता है, जिसे देखते ही वो आदमी अपनी पत्नी को धक्का देते हुए खुद कूद कर उस लाइफबोट पर बैठ गया .
उसकी पत्नी जोर से चिल्ला कर कुछ बोली ....
टीचर ने बच्चो से पूछा की तुम अनुमान लगाओ वो चिल्लाकर क्या बोली होगी ...
बहुत से बच्चो ने लगभग एक साथ बोला की वो बोली होगी की तुम बेवफा हो , मे अंधी थी जो तुमसे प्यार किया ,मे तुमसे नफरत करती हूँ.
तभी टीचर ने देखा की एक बच्चा चुप बैठा है और कुछ नहीं बोल रहा .. उसने उसे बुलाया और कहा बताओ उस महिला ने क्या कहा होगा.
तो वो बच्चा बोलो मुझे लगता है की उस महिला ने चिल्लाकर कहा होगा की “अपने बच्चे का ख्याल रखना “.
टीचर को आश्चर्य हुआ और बोली क्या तुमने ये कहानी पहले सुनी है,
उस बच्चे ने कहा नहीं लेकिन मेरी माँ ने मरने से पहले मेरे पिता को यही कहा था .
तुम्हारा जवाब बिलकुल सही है .
फिर वो जहाज डूब गया, और वो आदमी अपने घर गया और अकेले ही अपनी मासूम बेटी का पालन पोषण कर उसे बड़ा किया .
बहुत वर्षो के बाद उस आदमी की मृत्यु हो जाती है तो वो लड़की को घर के सामान मे अपने पिता की एक डायरी मिलती है जिसमे उसके पिता ने लिखा था की जब वो जहाज पर जाने वाले थे तब ही उन्हें ये पता लग गया था की उसकी पत्नी एक गंभीर बीमारी से ग्रसित है और उसके बचने की उम्मीद नहीं है, फिर भी उसको बचाने के लिए उसे लेकर जहाज से कही जा रहे थे इस उम्मीद मे की कोई इलाज हो सके .
लेकिन दुर्भाग्य से दुर्घटना हो गयी, वो भी उसके साथ समुद्र की गहराइयों मे डूब जाना चाहता था, लेकिन सिर्फ अपनी बेटी के लिए दुखी ह्रदय से अपनी पत्नी को समुद्र में डूब जाने को अकेला छोड़ दिया .
कहानी ख़त्म हो गयी पूरी क्लास मौन थी
टीचर समझ चुकी थी छात्रों को कहानी का मोरल समझ आ चूका था .
संसार मे अच्छाई और बुराई दोनों है, लेकिन उनके पीछे दोनों मे बहुत जटिलताएं भी है, जो परिस्थितियों पर निर्भर होती है, और उन्हें समझना कठिन होता है .
इसीलिए हमें जो सामने दिख रहा है उसपर सतही तौर से देख कर अपनी राय नहीं बनाना चाहिए , जब तक हम पूरी बात समझ ना लें.
अगर कोई किसी की मदद करता है तो उसका मतलब यह नहीं की वो एहसान कर रहा है, बल्कि ये है की वो दोस्ती का मतलब समझता है
अगर कोई किसी से झगडा हो जाने के बाद माफ़ी मांग लेता है तो मतलब यह नहीं की वो डर गया या वो गलत था, लेकिन यह है की वो मानवता के मूल्यों को समझता है .
कोई अपने कार्यस्थल पर पूरा काम निष्ठा से करता है तो मतलब यह नहीं की वो डरता है,
बल्कि वो श्रम का महत्त्व समझता है और देश के विकास मे अपना योगदान करता है .
अगर कोई किसी की मदद करने को तत्पर है तो उसका मतलब ये नहीं की वो फ़ालतू है या आपसे कुछ चाहता है, बल्कि ये है की वो अपना एक दोस्त खोना नहीं चाहता .

Sunday 5 July 2015

सूर्य नमस्कार कैसे करें

सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया है। यह अकेला
अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने
में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ
होकर तेजस्वी हो जाता है। 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बाल,
युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है। सूर्य
नमस्कार का अभ्यास बारह स्थितियों में किया जाता है, जो
निम्नलिखित है-
(1) दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों। नेत्र बंद करें। ध्यान
'आज्ञा चक्र' पर केंद्रित करके 'सूर्य भगवान' का आह्वान 'ॐ
मित्राय नमः' मंत्र के द्वारा करें।
(2) श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की
ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान
को गर्दन के पीछे 'विशुद्धि चक्र' पर केन्द्रित करें।
(3) तीसरी स्थिति में श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए
आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे
जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें।
माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे
'मणिपूरक चक्र' पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में
रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।
(4) इसी स्थिति में श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर
ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को
अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर
खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें।
ध्यान को 'स्वाधिष्ठान' अथवा 'विशुद्धि चक्र' पर ले जाएँ।
मुखाकृति सामान्य रखें।
(5) श्वास को धीरे-धीरे बाहर निष्कासित करते हुए दाएं पैर को
भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हों।
पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को पृथ्वी पर
मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर
उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं।
ध्यान 'सहस्रार चक्र' पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।
(6) श्वास भरते हुए शरीर को पृथ्वी के समानांतर, सीधा
साष्टांग दण्डवत करें और पहले घुटने, छाती और माथा पृथ्वी पर
लगा दें। नितम्बों को थोड़ा ऊपर उठा दें। श्वास छोड़ दें। ध्यान
को 'अनाहत चक्र' पर टिका दें। श्वास की गति सामान्य करें।
(7) इस स्थिति में धीरे-धीरे श्वास को भरते हुए छाती को आगे
की ओर खींचते हुए हाथों को सीधे कर दें। गर्दन को पीछे की
ओर ले जाएं। घुटने पृथ्वी का स्पर्श करते हुए तथा पैरों के पंजे खड़े
रहें। मूलाधार को खींचकर वहीं ध्यान को टिका दें।
(8) श्वास को धीरे-धीरे बाहर निष्कासित करते हुए दाएं पैर को
भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हों।
पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को पृथ्वी पर
मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर
उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं।
ध्यान 'सहस्रार चक्र' पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।
(9) इसी स्थिति में श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर
ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को
अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर
खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें।
ध्यान को 'स्वाधिष्ठान' अथवा 'विशुद्धि चक्र' पर ले जाएँ।
मुखाकृति सामान्य रखें।
(10) तीसरी स्थिति में श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए
आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे
जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें।
माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे
'मणिपूरक चक्र' पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में
रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।
(11) श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर
की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं।
ध्यान को गर्दन के पीछे 'विशुद्धि चक्र' पर केन्द्रित करें।
(12) यह स्थिति - पहली स्थिति की भाँति रहेगी।
सूर्य नमस्कार की उपरोक्त बारह स्थितियाँ हमारे शरीर को
संपूर्ण अंगों की विकृतियों को दूर करके निरोग बना देती हैं। यह
पूरी प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी है। इसके अभ्यासी के
हाथों-पैरों के दर्द दूर होकर उनमें सबलता आ जाती है। गर्दन,
फेफड़े तथा पसलियों की मांसपेशियां सशक्त हो जाती हैं,
शरीर की फालतू चर्बी कम होकर शरीर हल्का-फुल्का हो
जाता है।
सूर्य नमस्कार के द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा
इनके होने की संभावना समाप्त हो जाती है। इस अभ्यास से
कब्ज आदि उदर रोग समाप्त हो जाते हैं और पाचनतंत्र की
क्रियाशीलता में वृद्धि हो जाती है। इस अभ्यास के द्वारा
हमारे शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाड़ियां क्रियाशील
हो जाती हैं, इसलिए आलस्य, अतिनिद्रा आदि विकार दूर हो
जाते हैं। सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां
सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं।
मित्रों से मेरी विनती है इस पोस्ट को शेयर करे और आगे
बढ़ाए.ताकी पूरा भारत स्वास्थ हो।

Thursday 2 July 2015

Latest: A TO Z OF INCOME TAX PROVISIONS AT A GLANCE

A TO Z OF INCOME TAX PROVISIONS AT A GLANCE:

1. Detailed information of Income Tax is available on www.incometaxindia.gov.in

2. As per Income Tax Act, Income is taxable under five heads- Salary, House Property, Business or Profession, Capital Gain and Other Sources.

3. Salaried person must obtain Form 16 from his Employer Every Year.

4. Income Tax Return should be filed by considering Form 16 and other Income.

5. Transport Allowance is exempt up to Rs.1,600 per month.

6. 30% Standard deduction is available on Income from House Property.

7. Income to be considered as deemed let out on second House property.

8. For self-occupied house property, deduction of Interest on Housing Loan is allowed up to Rs. 200,000/- and for other house property actual expenditure of Interest on Housing Loan is allowed.

9. Repayment of Principal amount of Housing Loan is deductible u/s 80C up to Rs.150,000/-.

10. Tax Audit is compulsory if sales turnover exceeds Rs.1 crore in case of business.

11. Tax Audit is compulsory if the Gross Receipts of Professionals exceeds Rs.25 lakhs.

12. If sales turnover is below Rs. 1 crore, then net profit of 8% or higher is to be taken as business income otherwise tax audit is required.

13. The Due Date for Tax Audit and income Tax Return is 30th September.

14. Assessee other than Company and those eligible for Tax Audit are required to file Income Tax Return before 31st of July. Extended date is 31st Aug for F.Y. 2014-15.

15. Accurate Stock Valuation should be done on 31st of March.

16. Cash payment should not be made to a person in single day exceeding Rs.20,000.

17. Cash Payment limit for Transporters is Rs.35,000/-.

18. Loans, deposits and Immovable Properties transactions should
not be carried out above Rs.20,000 in cash.

19. Business loss can be carried forward to Next 8 Years.

20.  Tax Audit applicable assesses should deduct TDS on particular transactions.

21. TDS should be made on the date of Credit or Payment basis of whichever is earlier.

22. TDS payment should be made on or before 7th day of Next Month.

23. TDS Returns are to be filed Quarterly.

24. TDS returns can be revised any number of times.

25. TDS should be deducted and paid if applicable.

26. If TDS is not deducted then deduction of 30% of Expenditure
is not allowed.

27. Late filling of TDS return attracts late filing fees of Rs.200 per day.

28. Long Term Capital Gain will arise if transfer of specified Capital Assets is made after 3 years.

29. Generally Long Term Capital Gains is taxable @ 20%

30. STT paid Long Term Capital Gain on Shares,etc is exempt from Tax.

31. Short Term Capital Gain is Taxable @ 15% if STT is paid.

32. Capital Gain on Immovable Properties is chargeable at Stamp
Duty Value or Selling Price whichever is higher.

33. Dividend received from domestic company is exempt from Tax.

34. Agricultural Income is exempt from Tax.

35. Gifts received form stranger of an Amount exceeding Rs.50,000 is taxable.

36. Income Tax is not chargeable on Gifts received at the time of Marriage, Will, and in case of Succession and from specified relatives.

37. Maximum deduction limit u/s 80C, 80CCC and 80 CCD is Rs.1,50,000.

38. Deduction of Medical Insurance Premium is available up to Rs. 25,000.

39. Deduction of Medical Insurance Premium paid for Parents is available up to Rs. 20,000.

40. Deduction limit of Interest earned on Saving Accnt is up to Rs.10, 000.

41. Income earned by a Minor child is clubbed in the hands of Parents.

42.  Every Taxpayer should verify his Form 26AS.

43. Form 26AS provides the Information regarding the TDS, Advance Tax paid and details of refund.

44. Notice may be sent to the Taxpayer if the Income mentioned in Form 26AS and the Income Tax Return filed is having difference.

45. Basic Exemption Limit for individuals for FY2015-16 is Rs.2,50,000.

46. Basic Exemption Limit for Senior Citizen i.e. above 60 years age is Rs.3,00,000.

47. Basic Exemption Limit for Super Senior Citizen i.e. above 80 years age is Rs.5,00,000.

48. Advance Tax is to be paid if Tax Liability during the year exceeds Rs. 10,000.

49. 12% of Surcharge is applicable if Income Exceeds Rs. 1Crore.

50. Income Tax Return should be filed if Income exceeds Basic Exemption Limit.

51. 30% of Tax applicable on Income of Partnership Firm, Company, LLP etc.

52. For Companies – Minimum Alternate Tax and for other Assesses
– Alternate Minimum Tax rate is 18.5%.

53. Details of all Bank Accounts have to be given in Income Tax return.

54. Passport number is required to be given in Income Tax return.

55. Detail of Fixed Assets held in Foreign Country is required to be given in Income Tax return.

56. If taxable income of Individual is less than Rs. 5 Lakhs then relief of Rs.2,000/- is available in Tax.

57. Aadhar Card No. is required to be mentioned in Income Tax return.

58. E-filling of return is compulsory if income exceeds Rs. 5 lakhs.

59. In Income Tax, E-filling of return can be done for Previous 2 Years only.

60. PAN Card is essential for Taxpayer and it should not be used as Id Proof.

61. From FY 2014-15 Depreciation is to be calculated as per New Companies Act.

62. Domestic Transfer Pricing is applicable on transaction exceeding an Amount Rs.20 Crores.

14 inspiring short stories

14 short stories worth reading, feeling and forwarding to all those dear to you..

1. Fall and Rise

Today, when I slipped on the wet tile floor a boy in a wheelchair caught me before I slammed my head on the ground.  He said, “Believe it or not, that’s almost exactly how I injured my back 3 years ago .

2. A father's advice

Today, my father told me, “Just go for it and give it a try!  You don’t have to be a professional to build a successful product.  Amateurs started Google and Apple.  Professionals built the Titanic

3. The power of uniqueness.

Today, I asked my mentor – a very successful business man in his 70’s – what his top 3 tips are for success.  He smiled and said, “Read something no one else is reading, think something no one else is thinking, and do something no one else is doing.

4. Looking Back

Today, I interviewed my grandmother for part of a research paper I’m working on for my Psychology class.  When I asked her to define success in her own words, she said, “Success is when you look back at your life and the memories make you smile.

5. Try and U shall know

I am blind by birth. When I was 8 years old, I wanted to play baseball. I asked my father- "Dad, can I play baseball?" He said "You'll never know until you try." When I was a teenager, I asked him, - "Dad Can I become a surgeon?". He replied "Son, you'll never know until you try." Today I am a Surgeon, just because I tried!

6. GOODNESS & GRATITUDE

Today, after a 72 hour shift at the fire station, a woman ran up to me at the grocery store and gave me a hug.  When I tensed up, she realized I didn’t recognize her.  She let go with tears of joy in her eyes and the most sincere smile and said, “On 9-11-2001, you carried me out of the World Trade Center.”

7. LOVE CONQUERS PAIN

Today, after I watched my dog get run over by a car, I sat on the side of the road holding him and crying.  And just before he died, he licked the tears off my face.

8. A DOOR CLOSES TO OPEN ANOTHER

Today at 7AM, I woke up feeling ill, but decided I needed the money, so I went into work. At 3PM I got laid off. On my drive home I got a flat tire. When I went into the trunk for the spare, it was flat too. A man in a BMW pulled over, gave me a ride, we chatted, and then he offered me a job.  I start tomorrow.

9. LOOKING BACK

Today, as my father, three brothers, and two sisters stood around my mother’s hospital bed, my mother uttered her last coherent words before she died. She simply said, “I feel so loved right now. We should have gotten together like this more often.”

10. AFFECTION

Today, I kissed my dad on the forehead as he passed away in a small hospital bed.  About 5 seconds after he passed, I realized it was the first time I had given him a kiss since I was a little boy.

11. INNOCENCE

Today, in the cutest voice, my 8-year-old daughter asked me to start recycling. I chuckled and asked, “Why?” She replied, “So you can help me save the planet.”  I chuckled again and asked, “And why do you want to save the planet?” “Because that’s where I keep all my stuff,” she said.

12. JOY

Today, when I witnessed a 27-year-old breast cancer patient laughing hysterically at her 2-year-old daughter’s antics, I suddenly realized that I need to stop complaining about my life and start celebrating it again.

13. KINDNESS

Today, a boy in a wheelchair saw me desperately struggling on crutches with my broken leg and offered to carry my backpack and books for me.  He helped me all the way across campus to my class and as he was leaving he said, “I hope you feel better soon.”.

14. SHARING

Today, I was traveling in Kenya and I met a refugee from Zimbabwe.  He said he hadn’t eaten anything in over 3 days and looked extremely skinny and unhealthy.  Then my friend offered him the rest of the sandwich he was eating.  The first thing the man said was, “We can share it.”

Cheers to life.

One of the best post, ever gone through.....thanks to all those who decided to share these real life experiences!

Be indian buy indian

वर्ष - 1962, भारत-चीन युद्ध
==चीन==
सैनिक - 80,000
शहीद - 722
घायल - 1697
==भारत==
सैनिक - 10,000 से 12,000
शहीद - 1383
घायल - 1047
लापता - 1696
बंदी - 3968
परिणाम - भारत, चीन से हार गया…!
चीन अभी तक सुधरा भी नहीं है।
लेकिन हमे क्या ?? 53 साल पहले की बात भूल कर हम तो
चीनी सामान खरीदेंगे....उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत
करेंगे !! सैनिक तो होते ही मरने के लिए है !!
नेता बोल देते है.....हमारा व्यवहार बोलता है !!
मर जाएंगे क्या हम बिना चीनी सामान के ??
अगर नहीं.....तो याद उन्हे भी कर लो.....जो लौट के घर ना
आए…!!
और सीखो जापान जैसे देशो से……
काफी समय पहले की बात है अमेरिका और जापान में
आपसी व्यापार बिलकुल न के बराबर था।
अमेरिका ने काफी जोर देकर जापान की सरकार से कहा
की जो आपके यहाँ संतरा (orange) होता है
हम उससे काफी सस्ता और दिखने में अच्छा संतरा आपको
दे सकते है,,
जापान की सरकार ने अमरीका के दबाव की वजह से
आर्डर दे दिया।
जब वो संतरा जापान के बाज़ारों में बिकने के लिए पहुंचा
( आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि
जापानी संतरा खाने में कड़वा होता था और जो
अमेरिका वाला संतरा था वो खाने में अच्छा भी था। )
तो जब वो अमरीका वाला संतरा जापानी बाज़ारों में
आया तो किसी ने नहीं
खरीदा।
पता है क्यों नहीं खरीदा…!!
जापानी लोगो ने कहा कि चाहे मेरे देश का संतरा कड़वा
और महंगा है।
पर है तो हमारे देश का ही।
हम इसे ही खरीदेंगे।
तो वो बाकी का करोड़ो रूपये का संतरा सरकार के पास
पडा पड़ा ही सड गया
तो ये होती है राष्ट्रभक्ति मेरे भाइयो…!!
कुछ सीखो छोटी आँख वाले जापानियों से
हमारी तो आँखे भी बड़ी है और दिल भी…!!

Tuesday 30 June 2015

हम गुस्से मे चिल्लाते क्यों हैं ?

हम गुस्से मे चिल्लाते क्यों हैं ?

(पढने के बाद चिल्लाना अवश्य भूल जाओगे )

एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। अचानक उन्होंने सभी शिष्यों से एक सवाल पूछा। बताओ जब दो लोग एक दूसरे पर गुस्सा करते हैं तो जोर-जोर से चिल्लाते क्यों हैं?

शिष्यों ने कुछ देर सोचा और एक ने उत्तर दिया : हम अपनी शांति खो चुके होते हैं इसलिए चिल्लाने लगते हैं।
संत ने मुस्कुराते हुए कहा : दोनों लोग एक दूसरे के काफी करीब होते हैं तो फिर धीरे-धीरे भी तो बात कर सकते हैं। आखिर वह चिल्लाते क्यों हैं?
कुछ और शिष्यों ने भी जवाब दिया लेकिन संत संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने खुद उत्तर देना शुरू किया।
वह बोले : जब दो लोग एक दूसरे से नाराज होते हैं तो उनके दिलों में दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं। जब दूरियां बढ़ जाएं तो आवाज को पहुंचाने के लिए उसका तेज होना जरूरी है। दूरियां जितनी ज्यादा होंगी उतनी तेज चिल्लाना पड़ेगा। दिलों की यह दूरियां ही दो गुस्साए लोगों को चिल्लाने पर मजबूर कर देती हैं। वह आगे बोले, जब दो लोगों में प्रेम होता है तो वह एक दूसरे से बड़े आराम से और धीरे-धीरे बात करते हैं। प्रेम दिलों को करीब लाता है और करीब तक आवाज पहुंचाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं। जब दो लोगों में प्रेम और भी प्रगाढ़ हो जाता है तो वह खुसफुसा कर भी एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचा लेते हैं। इसके बाद प्रेम की एक अवस्था यह भी आती है कि खुसफुसाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। एक दूसरे की आंख में देख कर ही समझ आ जाता है कि क्या कहा जा रहा है।

शिष्यों की तरफ देखते हुए संत बोले : अब जब भी कभी बहस करें तो दिलों की दूरियों को न बढ़ने दें। शांत चित्त और धीमी आवाज में ही बात करें। ध्यान रखें कि कहीं दूरियां इतनी न बढ़जाएं कि वापस आना ही मुमकिन न हो

Monday 29 June 2015

एक बार जनरल क्लास में सफ़र करके देखो

रेल की जनरल बोगी
पता नहीं आपने कभी भोगी कि नहीं भोगी
एक बार हम भी कर रहे थे यात्रा
प्लेटफार्म पर देखकर सवारियों की मात्रा
हमारे पसीने छूटने लगे
हम झोला उठाकर घर की ओर फूटने लगे
तभी एक कुली आया
मुस्कुरा कर बोला -
'अन्दर जाओगे ?'
हमने कहा - 'तुम पहुँचाओगे !'
वो बोला - बड़े-बड़े पार्सल पहुँचाए हैं
आपको भी पहुँचा दूंगा
मगर रुपये पूरे पचास लूँगा.
हमने कहा - पचास रुपैया ?
वो बोला - हाँ भैया
दो रुपये आपके
बाकी सामान के
हमने कहा - सामान नहीं है, अकेले हम हैं
वो बोला - बाबूजी,
आप किस सामान से कम हैं !
भीड़ देख रहे हैं,
कंधे पर उठाना पड़ेगा,
धक्का देकर अन्दर पहुँचाना पड़ेगा
वैसे तो ये हमारे लिए बाएँ हाथ का खेल है
मगर आपके लिए दाँया हाथ भी लगाना पड़ेगा
मंजूर हो तो बताओ
हमने कहा - देखा जायेगा,
तुम उठाओ
कुली ने बजरंगबली का नारा लगाया
और पूरी ताकत लगाकर हमें जैसे ही उठाया
कि खुद बैठ गया
दूसरी बार कोशिश की तो लेट ही गया
बोला - बाबूजी पचास रुपये तो बहुत कम हैं
हमें क्या मालूम था कि आप आदमी नहीं,
एटम बम हैं
भगवान ही आपको उठा सकता है
हम क्या खाकर उठाएंगे
आपको उठाते-उठाते खुद ही दुनिया से उठ जायेंगे !

तभी गाड़ी ने सीटी दे दी
हम झोला उठाकर भाये
बड़ी मुश्किल से डिब्बे के अन्दर घुस पाए
डिब्बे के अन्दर का दृश्य घमासान था
पूरा डिब्बा अपने आप में हल्दी घाटी का मैदान था
लोग लेटे थे,
बैठे थे,
खड़े थे
जिनको कहीं जगह नहीं मिली,
वो बर्थ के नीचे पड़े थे|

हमने एक गंजे यात्री से कहा - भाई साहब
थोडी सी जगह हमारे लिए भी बनाइये
वो सिर झुका के बोला - आइये हमारी खोपड़ी पे ही बैठ जाइये
आप ही के लिए तो साफ़ की है|
केवल दस रूपए देना,
लेकिन फिसल जाओ तो हमसे मत कहना|

तभी एक भरा हुआ बोरा खिड़की के रास्ते चढ़ा
आगे बढा और गंजे के सिर पर गिर पड़ा
गंजा चिल्लाया - किसका बोरा है ?
बोरा फौरन खडा हो गया
और उसमें से एक लड़का निकल कर बोला
बोरा नहीं है
बोरे के भीतर बारह साल का छोरा है
अन्दर आने का यही एक तरीका बचा है
ये हमने आपने माँ-बाप से सीखा है
आप तो एक बोरे में ही घबरा रहे हैं
जरा ठहर तो जाओ अभी गददे में लिपट कर
हमारे बाप जी अन्दर आ रहे हैं
उनको आप कैसे समझायेंगे
हम तो खड़े भी हैं वो तो आपकी गोद में ही लेट जाएँगे|

एक अखंड सोऊ चादर ओढ़ कर सो रहा था
एकदम कुम्भकरण का बाप हो रहा था
हमने जैसे ही उसे हिलाया
उसकी बगल वाला चिल्लाया -
ख़बरदार हाथ मत लगाना वरना पछताओगे
हत्या के जुर्म मैं अन्दर हो जाओगे
हमने पुछा-
भाई साहब क्या लफड़ा है ?
वो बोला - बेचारा आठ घंटे से बिना हिले डुले पड़ा है
क्या पता ज़िंदा है की मरा है
आपके हाथ लगते ही अगर ऊपर पहुँच जायेगा
इस भीड़ में ज़मानत करने क्या तुम्हारा बाप आयेगा ?

एक नौजवान खिड़की से अन्दर आने लगा
तो पूरे डिब्बा मिल कर उसे बाहर धकियाने लगा
नौजवान बोला - भाइयों,
भाइयों
सिर्फ खड़े रहने की जगह चाहिए
एक अन्दर वाला बोला - क्या ?
खड़े रहने की जगह चाहिए
तो प्लेटफोर्म पर खड़े हो जाइये
जिंदगी भर खड़े रहिये कोई हटाये तो कहिये
जिसे देखो घुसा चला आ रहा है
रेल का डिब्बा साला जेल हुआ जा रहा है !
इतना सुनते ही एक अपराधी जोर से चिल्लाया -
रेल को जेल मत कहो मेरी आत्मा रोती है
यार जेल के अन्दर कम से कम
चलने-फिरने की जगह तो होती है !

एक सज्जन फर्श पर बैठे हुए थे आँखें मूँदे
उनके सर पर अचानक गिरीं पानी की गरम-गरम बूँदें
तो वे सर उठा कर चिल्लाये - कौन है,
कौन है
साला ऊपर से पानी गिरा कर मौन है
दिखता नहीं नीचे तुम्हारा बाप बैठा है !

क्षमा करना बड़े भाई
पानी नहीं है
हमारा छः महीने का बच्चा है कृपया माफ़ कर दीजिये
और
अपना मुँह भी नीचे कर लीजिये

वरना बच्चे का क्या भरोसा !
क्या मालूम अगली बार उसने आपको क्या परोसा !!

अचानक डिब्बे में बड़ी जोर का हल्ला हुआ
एक सज्जन दहाड़ मार कर चिल्लाये -
पकड़ो-पकड़ो जाने न पाए
हमने पुछा क्या हुआ,
क्या हुआ ?
वे बोले - हाय-हाय,
मेरा बटुआ किसी ने भीड़ में मार दिया
पूरे पांच सौ रुपये से उतार दिया टिकट भी उसी में था !
कोई बोला - रहने दो यार भूमिका मत बनाओ
टिकट न लिया हो तो हाथ मिलाओ
हमने भी नहीं लिया है पर आप इस तरह चिल्लायेंगे
तो आपके साथ हम भी खामखाः पकड़ लिए जायेंगे?
वे सज्जन रोकर बोले - नहीं भाई साहब
मैं झूठ नहीं बोलता
मैं एक टीचर हूँ

कोई बोला - तभी तो झूठ है टीचर के पास और बटुआ ?
इससे अच्छा मजाक इतिहास मैं आज तक नहीं हुआ !
टीचर बोला - कैसा इतिहास
मेरा विषय तो भूगोल है
तभी एक विद्यार्थी चिल्लाया - सर इसलिए तुम्हारा बटुआ गोल है !

बाहर से आवाज आई - 'गरम समोसे वाला'
अन्दर से फ़ौरन बोले एक लाला - दो हमको भी देना भाई
सुनते ही ललाइन ने डाँट लगायी - बड़े चटोरे हो !
क्या पाँच साल के छोरे हो ?
इतनी गर्मी मैं समोसा खाओगे ?
फिर पानी पानी चिल्लाओगे ?

अभी तो पानी मुह में आ रहा है समोसे खाते ही आँखों में आ जायेगा
इस भीड़ में पानी क्या तुमको रेल मंत्री दे जायेगा ?

तभी डिब्बे में हुआ हल्का उजाला
किसी ने जुमला उछाला ये किसने बीड़ी जलाई है ?
कोई बोला - बीड़ी नहीं है स्वागत करो
डिब्बे में पहली बार बिजली आई है
दूसरा बोला - पंखे कहाँ हैं ?

उत्तर मिला - जहाँ नहीं होने चाहिए वहाँ हैं
पंखों पर आपको क्या आपत्ति है ?
जानते नहीं रेल हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है
कोई राष्ट्रीय चोर हमें घिस्सा दे गया है
संपत्ति में से अपना हिस्सा ले गया है
आपको लेना हो आप भी ले जाओ
मगर जेब में जो 4 बल्ब रख लिए हैं
उनमें से एकाध तो हमको दे जाओ !
अचानक डिब्बे में एक विस्फोट हुआ
हलाकि यह बम नहीं था
मगर किसी बम से कम भी नहीं था
यह हमारा पेट था उसका हमारे लिए संकेत था
कि जाओ बहुत भारी हो रहे हो हलके हो जाओ
हमने सोचा डिब्बे की भीड़ को देखते हुए
बाथरूम कम से कम दो किलोमीटर दूर है
ऐसे में कुछ हो जाये तो किसी का क्या कसूर है
इसिलए रिस्क नहीं लेना चाहिए
अपना पडोसी उठे उससे पहले अपने को चल देना चाहिए
सो हमने भीड़ में रेंगना शुरू किया
पूरे दो घंटे में पहुँच पाए
बाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो भीतर से एक सिर बाहर आया
बोला - क्या चाहिए ?
हमने कहा - बाहर तो आजा भैये हमें जाना है
वो बोला - किस किस को निकालोगे ?
अन्दर बारह खड़े हैं
हमने कहा - भाई साहब हम बहुत मुश्किल में पड़े हैं
मामला बिगड़ गया तो बंदा कहाँ जायेगा ?
वो बला - क्यूँ आपके कंधे
पे जो झोला टँगा है
वो किस दिन काम में आयेगा ...

इतने में लाइट चली गयी
बाथरूम वाला वापस अन्दर जा चुका था
हमारा झोला कंधे से गायब हो चुका था
में भी अँधेरे का लाभ उठाकर अपने काम में ला चुका था |

अचानक गाड़ी बड़ी जोर से हिली
एक यात्री ख़ुशी के मारे चिल्लाया - 'अरे चली, चली'
कोई बोला - जय बजरंग बली, कोई बोला - या अली
हमने कहा - काहे के अली और काहे के बली !
गाड़ी तो बगल वाली चली
और तुमको अपनी चलती नजर आ रही है ?
प्यारे !
आम आदमी का हमसफ़र बन के देखो
एक बार जनरल क्लास में सफ़र करके देखो।।

Are we earning to pay builders and interior designers, caterers and decorators?

Are we earning to pay builders and interior designers, caterers and decorators? 

Whom we want to impress with our highly inflated house properties & fat weddings?

Do you remember for more than two days what you ate in somebody's marriage?

Why are we working like dogs in our prime years of life?

How many generations we want to feed?

Most of us have  two kids.Many have a single kid.How much is the "need" and how much we "want"? ?

Do our generation will be unable to earn?    Can not we spare one and a half days a week for friends,family and self??

Do you spend 5% of your monthly practice income for your self enjoyment? Usually...No.

Why can't we enjoy simultaneously while we earn?  
Spare time to enjoy before you have slipped Discs and large prostates.

We don't own properties, we just have temporary name on documents.

GOD laughs sarcastically,when someone says "I am the owner of this land"!!    सब भूमि गोपाल की।

Do not judge a person only by the  length of his car. Many of our science and maths teachers were great personalities riding on scooters!!

Car AC and cancerous benzene

   यह सन्देश ! ऐसे सभी व्यक्ति, जो 'ए सी कार' का उपयोग करते हैं के लिये अति आवश्यक और महत्वपूर्ण है !  क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य से सीधा सम्बन्ध रखता है !!...कार की उपयोग पुस्तिका कार  स्टार्ट करने और ए सी चलाने से पहले समस्त शीशों को खोलने का निर्देश देती है जिससे गर्म हवा बाहर निकल जाये ! क्यों ?

इसमें कोई भी आश्चर्य की बात नहीं है कि आज कैंसर के कारण पहले की अपेक्षा बहुत मौतें हो रही हैं ! अत्यन्त आश्चर्य होता है कि कैंसर की उत्पत्ति किन पदार्थों से हो रही है ! एक ऐसा उदाहरण है जो कैंसर की उत्पत्ति के कारणों को बहुत हद तक स्पष्ट करता है !

प्रतिदिन अधिकांश व्यक्ति सर्वप्रथम  सुबह के समय और अंतिम बार रात को अपनी कारों का उपयोग करते हैं

कृपया कार में बैठते ही 'ए सी' को न चलायें !

   कार में प्रवेश करते ही सबसे पहले शीशों को खोलें और कुछ मिनटों के बाद ही ए सी चालू करें !

इसका कारण क्या है ! अनुसंधानों से यह पता चला है कि कार का डैश बोर्ड,सीट,'एसी' की डक्ट्स, वस्तुतः गाड़ी की प्रत्येक पलास्टिक की बनी वस्तुएँ 'विषैली गैस' बैन्जीन छोड़ती हैं जो कि 'कैंसर'उत्पत्ति कारक तत्व है ! और
" एक बहुत बड़ा कैंसर पैदा करने वाला तत्व !!

जब भी आप कार खोलें तो कार को स्टार्ट करने से पहले कुछ क्षण के लिये गर्म पलास्टिक की गंध को स्वयम् अनुभव करेंगे !   

बैन्जीन, कैंसर कारक होने के साथ- साथ हड्डियों पर विषैला प्रभाव, एनीमिया और स्वास्थय रक्षक सफ़ेद रक्त कणों (यह रोग कारक विषाणुओं को नष्ट करते हैं) में कमी लाती है ! अधिक समय के सम्पर्क से ल्युकेमिया और कुछ अन्य प्रकार के कैंसर बढ़ने का पूर्ण ख़तरा है ! इसके कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भपात हो सकता है ! 

बन्द स्थान में बैन्ज़ीन का "स्वीकृत" स्तर: 50 मिलीग्राम प्रति वर्ग फ़ीट है !

एक कार जोकि एक बन्द जगह पार्क की गई हो और जिसके शीशे बन्द हों में 400-800 मिलीग्राम बैन्ज़ीन का स्तर होगा - स्वीकृत मात्रा से 8 गुणा अधिक !

यदि इसको बाहर खुले में पार्क किया गया हो जहाँ पर तापमान 60  फैरनहाईट अंश से अधिक हो तो, बैन्ज़ीन का स्तर 2000-4000 मिलीग्राम होगा, अर्थात स्वीकृत स्तर से कम से कम 40 गुणा अधिक !

जो व्यक्ति शीशे बन्द हुई कार में बैठ जाते हैं वस्तुतः वह अत्याधिक मात्रा में विद्यमान विषैली बैन्ज़ीन को साँस के द्वारा अपने शरीर में ले लेंगे !

बैन्ज़ीन एक विषैला तत्व है जोकि गुर्दे और लीवर पर दुष्प्रभाव डालता है !  सबसे ख़तरनाक बात है कि हमारा शरीर इस विषैले तत्व को बाहर करने में नितान्त असमर्थ है !

अतः कार में बैठने से पहले कुछ समय के लिये इसके दरवाज़े व खिड़कियाँ खोल दें जिससे  बैठने से पहले ही अन्दर की हवा बाहर निकल जाये ( अर्थात हानी कारक विषैली गैसीय तत्व बाहर निकल जाये !)