कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं।
...
सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।
Three beautiful thoughts
1. None can destroy iron, but its own rust can!
Likewise, none can destroy a person, but his own mindset can.
2. Ups and downs in life are very important to keep us going, because a straight line even in an E.C.G. means we are not alive.
3. The same Boiling Water that hardens the egg, Will Soften the Potato!
It depends upon Individual's reaction To stressful circumstances!
Beautiful saying ---
Mobile has taught us three things ....
Whatever makes you happy -- save it.....
Whatever makes others happy -- forward it.....
Whatever will make no one happy -- Delete it....
Life runs on two simple golden rules
1. Accept
2. Change
'Accept' the things
which u can't 'change'
or
'Change' the things which u can't accept..
Lovely message :-Whether you have a Maruti or a BMW, the road remains the same.Whether you travel economy class or business, your destination doesn't change.Whether you have a Titan or a Rolex, the time is the same.Whether u have apple samsung or lava, people who call u remains the same. There is nothing wrong in dreaming a luxurious life. What needs to be taken care of is to not let the NEED become GREED. Because needs can always be met.. but greed can never be fulfilled. Short lines with a million dollar meaning :- The life that you are living now, Is also a dream of millions!!...good morning ..have a great week ahead
एक बार राधाजी ने कृष्ण से पूछा: गुस्सा क्या हैं..?
बहुत खुबसूरत जवाब मिला: किसी की गलती की सजा खुद को देना..!
एक बार राधा ने कृष्ण से पूछा: दोस्त और प्यार में क्या फर्क होता हैं?
कृष्ण हँस कर बोले: प्यार सोना हैं.. और दोस्त हीरा.. सोना टूट कर दुबारा बन सकता हैं.. मगर हीरा नहीं..!
एक बार राधाजी ने कृष्णजी से पूछा: मैं कहाँ हूँ..?
कृष्ण ने कहा: तुम मेरे दिल में.. साँस में.. जिगर में.. धड़कन में.. तन में.. मन में.. हर जगह हो..!
फिर राधाजी ने पूछा: मैं कहाँ नहीं हूँ..?
तो कृष्ण ने कहा: मेरी किस्मत..!
राधा ने श्रीकृष्ण से पूछा: प्यार का असली मतलब क्या होता हैं..?
श्रीकृष्ण ने हँस कर कहा: जहाँ मतलब होता हैं.. वहाँ प्यारही कहाँ होता हैं..!
एक बार राधाने कृष्ण से पूछा: आपने मुझसे प्रेम किया.. लेकिन शादी रुक्मिणी से की.. ऐसा क्यों..?
कृष्ण ने हँसते हुए कहा: राधे... शादी में दो लोग चाहिये....और हम तो एक हैं
!
: बहुत अच्छे विचार
जरुर पढ़े
नज़र और नसीब का
कुछ ऐसा इत्तफाक हैं
कि
नज़र को अक्सर वही
चीज़ पसंद आती हैं
जो नसीब में नहीं होती
और
नसीब में लिखी चीज़
अक्सर नज़र नहीं आती है
मैंने एक दिन
भगवान से पूछा
आप मेरी दुआ
उसी वक्त
क्यों नहीं सुनते हो
जब मैं
आपसे मांगता हूँ
भगवान ने
मुस्कुरा कर के कहा
मैं तो आप के
गुनाहों की सजा भी
उस वक्त नहीं देता
जब आप करते हो
किस्मत तो पहले ही
लिखी जा चुकी है
तो कोशिश करने से
क्या मिलेगा
क्या पता
किस्मत में लिखा हो
कि
कोशिश से ही मिलेगा
ज़िन्दगी में
कुछ खोना पड़े
तो यह
दो लाइन याद रखना
जो खोया है
उसका ग़म नहीं
लेकिन
जो पाया है
वह किसी से कम नहीं
जो नहीं है
वह एक ख्वाब हैं
और
जो है
वह लाजवाब है
इन्सान कहता है कि
पैसा आये तो
हम कुछ करके दिखाये
और
पैसा कहता हैं कि
आप कुछ करके दिखाओ
तो मैं आऊ
बोलने से पहले
लफ्ज़ आदमी के
गुलाम होते हैं
लेकिन
बोलने के बाद इंसान
अपने लफ़्ज़ों का गुलाम
बन जाता हैँ
ज्यादा बोझ लेकर
चलने वाले
अक्सर डूब जाते हैं
फिर चाहे वह
अभिमान का हो
या
सामान का
जिन्दगी जख्मों
से भरी है
वक़्त को मरहम
बनाना सीख लो
हारना तो है
मौत के सामने
फ़िलहाल जिन्दगी से
जीना सीख लो
आपके एवं आपके परिवार की सुरक्षा के लिए २
मिनिट का समय निकाल कर इसे अवश्य पढ़े ......
L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी होती है
"एक्सपायरी डेट"
जी हां, घरेलू गैस सिलेण्डर
की भी एक्सपायरी डेट होती है और
एक्सपायरी डेट निकलने के बाद गैस सिलेण्डर
को इस्तेमाल करना बम की तरह खरतनाक
हो सकता है। आमतौर पर गैस सिलेण्डर
की रिफील लेते समय उपभोक्ताओं का ध्यान इसके
वजन और सील पर ही होता है।
उन्हें सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट
की जानकारी ही नहीं होती।
इसी का फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने
वाली कंपनियां उठाती हैं और धड़ल्ले से
एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रिफील कर हमारे
घरों तक पहुंचाती हैं। यहीं कारण है कि गैस
सिलेण्डरों से हादसे होते हैं।
~~ कैसे पता करें एक्सपायरी डेट ~~
सिलेण्डर के उपरी भाग पर उसे पकड़ने के लिए गोल
रिंग होती है और इसके नीचे तीन पट्टियों में से
एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट
अंकित होती है। इसके तहत अंग्रेजी में ए, बी,
सी तथा डी अक्षर अंकित होते है तथा साथ में
दो अंक लिखे होते हैं। ए अक्षर साल
की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च), बी साल
की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून), सी साल
की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर)
तथा डी साल की चौथी तिमाही अर्थात
अक्टूबर से दिसंबर को दर्शाते हैं। इसके बाद लिखे
हुए दो अंक एक्सपायरी वर्ष को संकेत करते हैं।
यानि यदि सिलेण्डर पर A 11 लिखा हुआ
हो तो सिलेण्डर की एक्सपायरी मार्च 2011 है।
इस सिलेण्डर का "मार्च 2011" के बाद उपयोग
करना खतरनाक होता है। इस प्रकार के सिलेण्डर
बम की तरह कभी भी फट सकते हैं।
ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे
इस प्रकार के एक्सपायर सिलेण्डरों को लेने से
मना कर दें तथा आपूर्तिकर्त्ताएजेंसी को इस बारे
में सूचित करें।
कृप्या घरेलू सुरक्षा के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक-अधिक शेयर करे |
वो पगंत में बैठ के निवालों का तोड़ना, वो अपनों की संगत में रिश्तों का जोडना,
वो दादा की लाठी पकड़ गलियों में घूमना,
वो दादी का बलैया लेना और माथे को चूमना,
सोते वक्त दादी पुराने किस्से कहानी कहती थीं, आंख खुलते ही माँ की आरती सुनाई देती थी,
इंसान खुद से दूर अब होता जा रहा है,
वो संयुक्त परिवार का दौर अब खोता जा रहा है।
माली अपने हाथ से हर बीज बोता था,
घर ही अपने आप में पाठशाला होता था,
संस्कार और संस्कृति रग रग में बसते थे,
उस दौर में हम मुस्कुराते नहीं खुल कर हंसते थे।
मनोरंजन के कई साधन आज हमारे पास है,
पर ये निर्जीव है इनमें नहीं साँस है, फैशन के इस दौर में युवा वर्ग बह गया,
राजस्थान से रिश्ता बस जात जडूले का रह गया। ऊँट आज की पीढ़ी को डायनासोर जैसा लगता है,
आँख बंद कर वह बाजरे को चखता है।
आज गरमी में एसी और जाड़े में हीटर है,
और रिश्तों को मापने के लिये स्वार्थ का मीटर है। वो समृद्ध नहीं थे फिर भी दस दस को पालते थे,
खुद ठिठुरते रहते और कम्बल बच्चों पर डालते थे। मंदिर में हाथ जोड़ तो रोज सर झुकाते हैं,
पर माता-पिता के धोक खाने होली दीवाली जाते हैं।
मैं आज की युवा पीढी को इक बात बताना चाहूँगा, उनके अंत:मन में एक दीप जलाना चाहूँगा।
ईश्वर ने जिसे जोड़ा है उसे तोड़ना ठीक नहीं,
ये रिश्ते हमारी जागीर हैं ये कोई भीख नहीं।
अपनों के बीच की दूरी अब सारी मिटा लो,
रिश्तों की दरार अब भर लो उन्हें फिर से गले लगा लो।
अपने आप से सारी उम्र नज़रें चुराओगे,
अपनों के ना हुए तो किसी के ना हो पाओगे।
सब कुछ भले ही मिल जाए पर अपना अस्तित्व गँवाओगे,
बुजुर्गों की छत्र छाया में ही महफूज रह पाओगे।
होली बेईमानी होगी दीपावली झूठी होगी,
अगर पिता दुखी होगा और माँ रूठी होगी।।।