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Wednesday, 24 December 2014
Fitness - benefits of drinking warm water
Learn to live- जीना सीख ले
एक बार राधाजी ने कृष्ण से पूछा: गुस्सा क्या हैं..?
बहुत खुबसूरत जवाब मिला: किसी की गलती की सजा खुद को देना..!
एक बार राधा ने कृष्ण से पूछा: दोस्त और प्यार में क्या फर्क होता हैं?
कृष्ण हँस कर बोले: प्यार सोना हैं.. और दोस्त हीरा.. सोना टूट कर दुबारा बन सकता हैं.. मगर हीरा नहीं..!
एक बार राधाजी ने कृष्णजी से पूछा: मैं कहाँ हूँ..?
कृष्ण ने कहा: तुम मेरे दिल में.. साँस में.. जिगर में.. धड़कन में.. तन में.. मन में.. हर जगह हो..!
फिर राधाजी ने पूछा: मैं कहाँ नहीं हूँ..?
तो कृष्ण ने कहा: मेरी किस्मत..!
राधा ने श्रीकृष्ण से पूछा: प्यार का असली मतलब क्या होता हैं..?
श्रीकृष्ण ने हँस कर कहा: जहाँ मतलब होता हैं.. वहाँ प्यारही कहाँ होता हैं..!
एक बार राधाने कृष्ण से पूछा: आपने मुझसे प्रेम किया.. लेकिन शादी रुक्मिणी से की.. ऐसा क्यों..?
कृष्ण ने हँसते हुए कहा: राधे... शादी में दो लोग चाहिये....और हम तो एक हैं
!
: बहुत अच्छे विचार
जरुर पढ़े
नज़र और नसीब का
कुछ ऐसा इत्तफाक हैं
कि
नज़र को अक्सर वही
चीज़ पसंद आती हैं
जो नसीब में नहीं होती
और
नसीब में लिखी चीज़
अक्सर नज़र नहीं आती है
मैंने एक दिन
भगवान से पूछा
आप मेरी दुआ
उसी वक्त
क्यों नहीं सुनते हो
जब मैं
आपसे मांगता हूँ
भगवान ने
मुस्कुरा कर के कहा
मैं तो आप के
गुनाहों की सजा भी
उस वक्त नहीं देता
जब आप करते हो
किस्मत तो पहले ही
लिखी जा चुकी है
तो कोशिश करने से
क्या मिलेगा
क्या पता
किस्मत में लिखा हो
कि
कोशिश से ही मिलेगा
ज़िन्दगी में
कुछ खोना पड़े
तो यह
दो लाइन याद रखना
जो खोया है
उसका ग़म नहीं
लेकिन
जो पाया है
वह किसी से कम नहीं
जो नहीं है
वह एक ख्वाब हैं
और
जो है
वह लाजवाब है
इन्सान कहता है कि
पैसा आये तो
हम कुछ करके दिखाये
और
पैसा कहता हैं कि
आप कुछ करके दिखाओ
तो मैं आऊ
बोलने से पहले
लफ्ज़ आदमी के
गुलाम होते हैं
लेकिन
बोलने के बाद इंसान
अपने लफ़्ज़ों का गुलाम
बन जाता हैँ
ज्यादा बोझ लेकर
चलने वाले
अक्सर डूब जाते हैं
फिर चाहे वह
अभिमान का हो
या
सामान का
जिन्दगी जख्मों
से भरी है
वक़्त को मरहम
बनाना सीख लो
हारना तो है
मौत के सामने
फ़िलहाल जिन्दगी से
जीना सीख लो
Inventions in Ancient ancient india
हजारों साल पहले ऋषियों के आविष्कार, पढ़कर रह जाएंगे हैरान |
एक बार देवराज इंद्र की सभा में देवगुरु बृहस्पति आए। अहंकार से चूर इंद्र गुरु बृहस्पति के सम्मान में उठकर खड़े नहीं हुए। बृहस्पति ने इसे अपना अपमान समझा और देवताओं को छोड़कर चले गए। देवताओं ने विश्वरूप को अपना गुरु बनाकर काम चलाना पड़ा, किंतु विश्वरूप देवताओं से छिपाकर असुरों को भी यज्ञ-भाग दे देता था। इंद्र ने उस पर आवेशित होकर उसका सिर काट दिया। विश्वरूप त्वष्टा ऋषि का पुत्र था। उन्होंने क्रोधित होकर इंद्र को मारने के लिए महाबली वृत्रासुर को पैदा किया। वृत्रासुर के भय से इंद्र अपना सिंहासन छोड़कर देवताओं के साथ इधर-उधर भटकने लगे।
ब्रह्मादेव ने वृत्तासुर को मारने के लिए वज्र बनाने के लिए देवराज इंद्र को तपोबली महर्षि दधीचि के पास उनकी हड्डियां मांगने के लिये भेजा। उन्होंने महर्षि से प्रार्थना करते हुए तीनों लोकों की भलाई के लिए अपनी हड्डियां दान में मांगी। महर्षि दधीचि ने संसार के कल्याण के लिए अपना शरीर दान कर दिया। महर्षि दधीचि की हड्डियों से वज्र बना और वृत्रासुर मारा गया। इस तरह एक महान ऋषि के अतुलनीय त्याग से देवराज इंद्र बचे और तीनों लोक सुखी हो गए।
इसी तरह पावन गंगा के स्वर्ग से धरती पर उतरने के पीछे भी कपिल मुनि का शाप भी संसार के लिए कल्याणकारी बना। इससे जुड़ा प्रसंग है कि भगवान राम के पूर्वज राजा सगर ने द्वारा किए गए यज्ञ का घोड़ा इंद्र ने चुराकर कपिल मुनि के आश्रम के करीब छोड़ दिया। तब घोड़े को खोजते हुआ वहां पहुंचे राजा सगर के साठ हजार पुत्रों ने कपिल मुनि पर चोरी का आरोप लगाया। इससे कुपित होकर मुनि ने राजा सगर के सभी पुत्रों को शाप देकर भस्म कर दिया। बाद के कालों में राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या कर स्वर्ग से गंगा को जमीन पर उतारा और पूर्वजों को शापमुककिया।
(सर्जन) माने जाते हैं। वे शल्यकर्म या आपरेशन में दक्ष थे। महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखी गई ‘सुश्रुतसंहिता’ ग्रंथ में शल्य चिकित्सा के बारे में कई अहम ज्ञान विस्तार से बताया है। इनमें सुई, चाकू व चिमटे जैसे तकरीबन 125 से भी ज्यादा शल्यचिकित्सा में जरूरी औजारों के नाम और 300 तरह की शल्यक्रियाओं व उसके पहले की जाने वाली तैयारियों, जैसे उपकरण उबालना आदि के बारे में पूरी जानकारी बताई गई है।
जबकि आधुनिक विज्ञान ने शल्य क्रिया की खोज तकरीबन चार सदी पहले ही की है। माना जाता है कि महर्षि सुश्रुत मोतियाबिंद, पथरी, हड्डी टूटना जैसे पीड़ाओं के उपचार के लिए शल्यकर्म यानी आपरेशन करने में माहिर थे। यही नहीं वे त्वचा बदलने की शल्यचिकित्सा भी करते थे।
विश्वामित्र क्षत्रिय थे। ऋषि वशिष्ठ से कामधेनु गाय को पाने के लिए हुए युद्ध में मिली हार के बाद तपस्वी हो गए। विश्वामित्र ने भगवान शिव से अस्त्र विद्या पाई। इसी कड़ी में माना जाता है कि आज के युग में प्रचलित प्रक्षेपास्त्र या मिसाइल प्रणाली हजारों साल पहले विश्वामित्र ने ही खोजी थी।
ऋषि विश्वामित्र ही ब्रह्म गायत्री मंत्र के दृष्टा माने जाते हैं। विश्वामित्र का अप्सरा मेनका पर मोहित होकर तपस्या भंग होना भी प्रसिद्ध है। शरीर सहित त्रिशंकु को स्वर्ग भेजने का चमत्कार भी विश्वामित्र ने तपोबल से कर दिखाया।
वैदिक मान्यता के मुताबिक मित्र और वरुण देवताओं का दिव्य तेज यज्ञ कलश में मिलने से उसी कलश के बीच से तेजस्वी महर्षि अगस्त्य प्रकट हुए। महर्षि अगस्त्य घोर तपस्वी ऋषि थे। उनके तपोबल से जुड़ी पौराणिक कथा है कि एक बार जब समुद्री राक्षसों से प्रताड़ित होकर देवता महर्षि अगस्त्य के पास सहायता के लिए पहुंचे तो महर्षि ने देवताओं के दुःख को दूर करने के लिए समुद्र का सारा जल पी लिया। इससे सारे राक्षसों का अंत हुआ।
गर्ग मुनि नक्षत्रों के खोजकर्ता माने जाते हैं। यानी सितारों की दुनिया के जानकार। ये गर्गमुनि ही थे, जिन्होंने श्रीकृष्ण एवं अर्जुन के के बारे नक्षत्र विज्ञान के आधार पर जो कुछ भी बताया, वह पूरी तरह सही साबित हुआ। कौरव-पांडवों के बीच महाभारत युद्ध विनाशक रहा। इसके पीछे वजह यह थी कि युद्ध के पहले पक्ष में तिथि क्षय होने के तेरहवें दिन अमावस थी। इसके दूसरे पक्ष में भी तिथि क्षय थी। पूर्णिमा चौदहवें दिन आ गई और उसी दिन चंद्रग्रहण था। तिथि-नक्षत्रों की यही स्थिति व नतीजे गर्ग मुनिजी ने पहले बता दिए थे।
भारतीय त्रिकोणमितिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं। कई सदियों पहले ही तरह-तरह के आकार-प्रकार की यज्ञवेदियां बनाने की त्रिकोणमितिय रचना-पद्धति बौद्धयन ने खोजी। दो समकोण समभुज चौकोन के क्षेत्रफलों का योग करने पर जो संख्या आएगी, उतने क्षेत्रफल का ‘समकोण’ समभुज चौकोन बनाना और उस आकृति का उसके क्षेत्रफल के समान के वृत्त में बदलना, इस तरह के कई मुश्किल सवालों का जवाब बौद्धयन ने आसान बनाया।
Sunday, 14 December 2014
L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी होती है "एक्सपायरी डेट"
आपके एवं आपके परिवार की सुरक्षा के लिए २
मिनिट का समय निकाल कर इसे अवश्य पढ़े ......
L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी होती है
"एक्सपायरी डेट"
जी हां, घरेलू गैस सिलेण्डर
की भी एक्सपायरी डेट होती है और
एक्सपायरी डेट निकलने के बाद गैस सिलेण्डर
को इस्तेमाल करना बम की तरह खरतनाक
हो सकता है। आमतौर पर गैस सिलेण्डर
की रिफील लेते समय उपभोक्ताओं का ध्यान इसके
वजन और सील पर ही होता है।
उन्हें सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट
की जानकारी ही नहीं होती।
इसी का फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने
वाली कंपनियां उठाती हैं और धड़ल्ले से
एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रिफील कर हमारे
घरों तक पहुंचाती हैं। यहीं कारण है कि गैस
सिलेण्डरों से हादसे होते हैं।
~~ कैसे पता करें एक्सपायरी डेट ~~
सिलेण्डर के उपरी भाग पर उसे पकड़ने के लिए गोल
रिंग होती है और इसके नीचे तीन पट्टियों में से
एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट
अंकित होती है। इसके तहत अंग्रेजी में ए, बी,
सी तथा डी अक्षर अंकित होते है तथा साथ में
दो अंक लिखे होते हैं। ए अक्षर साल
की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च), बी साल
की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून), सी साल
की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर)
तथा डी साल की चौथी तिमाही अर्थात
अक्टूबर से दिसंबर को दर्शाते हैं। इसके बाद लिखे
हुए दो अंक एक्सपायरी वर्ष को संकेत करते हैं।
यानि यदि सिलेण्डर पर A 11 लिखा हुआ
हो तो सिलेण्डर की एक्सपायरी मार्च 2011 है।
इस सिलेण्डर का "मार्च 2011" के बाद उपयोग
करना खतरनाक होता है। इस प्रकार के सिलेण्डर
बम की तरह कभी भी फट सकते हैं।
ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे
इस प्रकार के एक्सपायर सिलेण्डरों को लेने से
मना कर दें तथा आपूर्तिकर्त्ताएजेंसी को इस बारे
में सूचित करें।
कृप्या घरेलू सुरक्षा के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक-अधिक शेयर करे |
Friday, 12 December 2014
Interesting GK latest
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1.गधे की आंखों की स्थिति कुछ ऐसी होती है
कि वह अपने चारों पैरों को एक साथ देख
सकता है
रेगिस्तान में उड़ने वाली रेत से बचाती हैं
लाल रक्त कणिकाएं पैदा होतीं हैं और मरती हैं।
बोली जाती है.
जहां कपड़ो पर अख़बार छपता है.
अपने कान साफ़ कर सकता है ।
(अमेरिका) ने 1835 में बनाया था.
में नहीं जलता.
1672 में वान गुएरिके ने किया था.
भाग में शाम और एक भाग में दिन
होता है.
जिसकी सीमा को तेरह देशो ने घेर रखा है
शुरू हुआ था 1982 में
जहां दो राष्ट्रपति होते है.
•विश्व का प्रथम धर्म – सनातन (वैदिक) धर्म
•विश्व की प्रथम महिला प्रधान मन्त्री – एस। भण्डारनायके (लंका)
•विश्व का प्रथम पुस्तक मुद्रित करने वाला देश – चीन
•विश्व का प्रथम पुस्तक मुद्रित करने वाला देश – चीन
•विश्व का प्रथम कागजी मुद्रा जारी करने वाला देश – चीन
•अन्तरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह प्रक्षेपण करने वाला विश्व का प्रथम देश – रूस
•अन्तरिक्ष में भेजा जाने वाला विश्व का प्रथम अन्तरिक्ष शटल – कोलम्बिया
•अन्तरिक्ष में पहुँचने वाला विश्व का प्रथम व्यक्ति – मेजर यूरी गागरीन (रूस)
•चन्द्रमा पर मानव भेजने वाला विश्व का प्रथम देश – संयुक्त राज्य अमेरिका
•चन्द्रमा में उतरने वाला विश्व का प्रथम व्यक्ति – नील आर्मस्ट्रांग
•मंगल ग्रह में उतरने वाला विश्व का प्रथम अन्तरिक्ष यान – वाइकिंग-1
•विश्व के चारों ओर समुद्री यात्रा करने वाला विश्व का प्रथम व्यक्ति – फर्डीनेंड मैगलन
•वायुयान से उड़ान भरने वाला विश्व का प्रथम व्यक्ति – राइट बन्धु
•विश्व का प्रथम नगर जिस पर परमाणु बम गिराया गया – हिरोशिमा (जापान)
Tuesday, 9 December 2014
भारत और इंडिया में अंतर
भारत और इंडिया में अंतर.....
इंडिया में सिटी है, मॉल है, पंचतारा है.
इंडिया में फ्लैट और मकान है.
इंडिया में अंकल आंटी की आबादी है.
इंडिया में मैगी, पिज्जा, माजा का नकली आम है.
इंडिया में पोलिथीन, वाटर व वाईन की बोटल है.
इंडिया में सेहतनाशी चिकन बिरयानी अंडे है.
इंडिया में खतरनाक विस्की, कोक, पेप्सी है.
इंडिया में रूम है, कमोड की कुर्सी है.
इंडिया में बेड है, डनलप है और करवटें है.
इंडिया में पब है, डिस्को है, हॉल है.
इंडिया में डान्स है, पॉप है, आईटम है.
इंडिया में सब के सब कजन है.
इंडिया में वाल पर पूरे सीन है.
इंडिया में स्वार्थ, नफरत है, दुत्कार है.
इंडिया में एक अंग्रेजी एक बडबोली है.
इंडिया धूर्त है, चालाक है, कुटिल है.
इंडिया बदहवास, दुखी, बेचैन है.
भारत को देवों ने, वीरों ने रचाया है.
इंडिया को लालची, अंग्रेजों ने बसाया है....
Saturday, 6 December 2014
Biggest ironies in INDIA
'Not to Get Raped', rather 'Don't Rape' !
Monday, 1 December 2014
22 Reasons To Believe Hinduism Is Best and it is Based On Science:
People are advised to worship Neem and Banyan tree in the morning. Inhaling the air near these trees, is good for health.
If you are trying to look ways for stress management, there can’t be anything other than Hindu Yoga aasan Pranayama (inhaling and exhaling air slowly using one of the nostrils).
Hindu temples are built scientifically. The place where an idol is placed in the temple is called ‘Moolasthanam’. This ‘Moolasthanam’ is where earth’s magnetic waves are found to be maximum, thus benefitting the worshipper.
Every Hindu household has a Tulsi plant. Tulsi or Basil leaves when consumed, keeps our immune system strong to help prevent the H1N1 disease.
The rhythm of Vedic mantras, an ancient Hindu practice, when pronounced and heard are believed to cure so many disorders of the body like blood pressure.
Hindus keep the holy ash in their forehead after taking a bath, this removes excess water from your head.
Women keep kumkum bindi on their forehead that protects from being hypnotised.
Eating with hands might be looked down upon in the west but it connects the body, mind and soul, when it comes to food.
Hindu customs requires one to eat on a leaf plate. This is the most eco-friendly way as it does not require any chemical soap to clean it and it can be discarded without harming the environment.banana; palash leaves
Piercing of baby’s ears is actually part of acupuncture treatment. The point where the ear is pierced helps in curing Asthma.
Sprinkling turmeric mixed water around the house before prayers and after. Its known that turmeric has antioxidant, antibacterial and anti-inflammatory qualities.
The old practice of pasting cow dung on walls and outside their house prevents various diseases/viruses as this cow dung is anti-biotic and rich in minerals.
गोमूत्र
Hindus consider drinking cow urine to cure various illnesses. Apparently, it does balance bile, mucous and airs and a remover of heart diseases and effect of poison.
The age-old punishment of doing sit-ups while holding the ears actually makes the mind sharper and is helpful for those with Autism, Asperger’s Syndrome, learning difficulties and behavioural problems.
Lighting ‘diyas’ or oil or ghee lamps in temples and house fills the surroundings with positivity and recharges your senses.
Janeu, or the string on a Brahmin’s body, is also a part of Acupressure ‘Janeu' and keeps the wearer safe from several diseases.
Decorating the main door with ‘Toran’- a string of mangoes leaves;neem leaves;ashoka leaves actually purifies the atmosphere.
Touching your elder’s feet keeps your backbone in good shape.
Cremation or burning the dead, is one of the cleanest form of disposing off the dead body.
Chanting the mantra ‘Om’ leads to significant reduction in heart rate which leads to a deep form of relaxation with increased alertness.
Hanuman Chalisa's every line takes us to the roots of the science and if we follows it can change our life according to NASA, has the exact calculation of the distance between Sun and the Earth.
The ‘Shankh Dhwani’ creates the sound waves by which many harmful germs, insects are destroyed. The mosquito breeding is also affected by Shankh blowing and decreases the spread of malaria.
बहाने Vs सफलता
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1- मुझे उचित शिक्षा लेने का
अवसर नही मिला...
फोर्ड मोटर्स के मालिक
हेनरी फोर्ड को भी नही मिला ।
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अब हिम्मत नही...
चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने।
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गरीब घर से थे ।
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मरली मेटलिन भी बचपन से
बहरी व अस्वस्थ थी ।
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आधी ज़िंदगी गुजारी है...
साइकिल पर निरमा बेचकर
आधी ज़िंदगी गुजारी ।
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अपाहिज होने के बाद
मेरी हिम्मत चली गयी...
सुधा चन्द्रन के पैर नकली है ।
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कहा जाता है...
बचपन से मंदबुद्धि कहा जता था।
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देहाँत हो गया था...
ए.आर.रहमान के पिता का भी
देहांत बचपन मे हो गया था।
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जिम्मेदारी उठानी पङी...
बचपन से परिवार की जिम्मेदारी
उठानी पङी थी।
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लंबाई कम है।
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नौकरी करता हूँ ,
धीरु अंबानी भी
छोटी नौकरी करते थे।
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दिवालिया हो चुकी है ,
अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा...
शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी
दो बार दिवालिया हो चुकी है ।
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ब्रेकडाउन हो चुका है ,
अब क्या कर पाउँगा...
वाल्ट डिज्नी का तीन बार
नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।
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के मालिक ने 60 साल की उम्र मे
पहला रेस्तरा खोला था।
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पर लोग अस्वीकार कर देते है...
आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने
अस्वीकार किया था पर आज
परिणाम सामने है ।
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इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन
नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था
उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पङे।
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अनेको बीमारियो मे थे |
राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर
काम नही करते थे।
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या कल जहाँ भी होगे
इसके लिए आप किसी और को
जिम्मेदार नही ठहरा सकते ,'
इसलिए आज चुनाव करिये -
सफलता और सपने चाहिए
या खोखले बहाने ...
Essay on LAL BAHADUR SHASHTRI
ा था ।
जय जवान जय किसान !
Self Motivation
In this world, anyone can copy your CREATIONS but no one can copy your TALENT